बिहार के पूर्णिया में जमीन का रेट बढ़ाने की चालबाजी फेल, बुलडोजर लेकर पहुंचा नगर निगम, जानें पूरा मामला
पूर्णिया में जमीनदार और बिल्डर सरकारी प्रोजेक्ट के नाम पर पुल बनवा कर आस-पास की जमीन की कीमत बढ़ाने की फिराक में लगे थे. इस बीच स्थानीय नगर निगम को उनकी करतूतों का पता चल गया.

Purnia News: बिहार के पूर्णिया में बिल्डर और दलालों की मिलीभगत से जमीन का रेट बढ़ाने के लिए घोटाला करने का मामला सामने आया है. मामले को लेकर वायरल हुए वीडियो में ये साफ दिख रहा है कि जमीन का रेट बढ़ाने के लिए नदी पर एक पुल का निर्माण कराया गया और उसे सरकारी प्रोजेक्ट बता दिया गया. पूर्णिया नगर निगम को जब इसकी सूचना मिली तो उसके अधिकारी जेसीबी के साथ पुल को गिराने के लिए पहुंच गए.
सरकारी प्रोजेक्ट के नाम पर बनवाया अवैध पुल
दरअसल स्थानीय जमीनदार और बिल्डर इस पुल को सरकारी प्रोजेक्ट के नाम पर बनवा कर आस-पास की जमीन की कीमत बढ़ाने की फिराक में लगे थे. लेकिन स्थानीय नगर निगम को उनकी करतूतों का पता चल गया, जिसके बाद बुलडोजर की कार्रवाई शुरू हो गई. वायरल वीडियो में पूर्णिया के नगर निगम अधिकारी को पुल के पास जेसीबी के साथ देखा जा सकता है. नगर निगम अब इसे ध्वस्त करने के लिए तैयार है.
हालांकि नदी किनारे बने पुल को गिराने के लिए जेसीबी को आते देख स्थानीय ग्रामिणों ने इसका विरोध भी किया. वो लोग पुल को गिराए जाने से रोक रहे हैं. लोग यह कहते हुए सुने गए कि 'हमारा खेत वहीं है, हमारे छोटे-छोटे बच्चे वहीं हैं' नगर निगम के अधिकारियों और लोगों के बीच बहस भी हुई. क्योंकि स्थानीय लोग इस पुल के बन जाने से काफी खुश हैं, लेकिन उन्हें ये पता नहीं है कि इस पुल के निर्माण गलत ढ़ग से किया गया है, ये कोई सरकारी प्रोजेक्ट नहीं है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल के बनने से उन लोगों की वर्षों की समस्याएं खत्म हो जाएगी. फसल आसानी से घर तक पहुंच पाएगी. मजदूरी कम लगेगी और नदी पार करने में लोगों के डूब मरने का खतरा भी खत्म हो जाएगा. स्थानीय लोगों ने इसके लिए जमींदारों को धन्यवाद दिया और कहा कि सभी के सहयोग से यह पुल समाज कल्याण के लिए बन रहा है. वे लोग इस पुल के बनने से काफी खुश हैं.
नगर आयुक्त कुमार मंगलम ने क्या कहा?
पीटीआई से बात करते हुए, पूर्णिया नगर आयुक्त कुमार मंगलम ने कहा, "पूर्णिया शहर के रहमत नगर इलाके में वार्ड नंबर 4 में कारी कोसी नदी पर 60 फीट गुणा 10 फीट का पुल निजी व्यक्तियों के जरिए नगर निकाय की सहमति के बिना बनाया गया है. पुल को गिराने का आदेश दिया है."
बता दें कि पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 4, बिन टोली के समीप कारी कोसी नदी पर अवैध रूप से बन रहे इस पुल में दलालों की चालबाजी से ग्रामीण बेखबर हैं. पुल निर्माण कार्य को लेकर वो स्थानीय जमीनदारों की वाहवाही में लगे हैं. उनका कहना है कि यह पुल पूर्णिया के विधायक, सांसद और बिहार सरकार के अधिकारियों के प्रति लोगों की नाराजगी की पहचान है, जबकि असल मामला कुछ और है.
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Source: IOCL





















