Bihar News: सम्राट अशोक के ‘अपमान’ पर भड़के जीतन राम मांझी, कहा- यह सिर्फ इसलिए हो रहा क्योंकि वो पिछड़ी जाति से थे
दया प्रकाश सिन्हा (Daya Prakash Sinha) द्वारा सम्राट अशोक पर की गई टिप्पणी पर विवाद जारी है. बीते दिनों दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक पर एक नहीं कई टिप्पणी की थी.

पटनाः इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के उपाध्यक्ष और बीजेपी (BJP) के कल्चरल सेल के संजोयक दया प्रकाश सिन्हा (Daya Prakash Sinha) द्वारा सम्राट अशोक पर की गई टिप्पणी पर विवाद जारी है. इसी कड़ी में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने (Jitan Ram Manjhi) ने राष्ट्रपति से अनुरोध करते हुए कहा है कि सम्राट अशोक (Samrat Ashok) पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापिस लें.
गुरुवार को जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लिखा- “कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान सिर्फ इसलिए कर रहें है कि वह पिछड़ी जाति से थे. ऐसे सामंती लोग नहीं चाहते हैं कि कोई दलित/आदिवासी/पिछड़ा का बच्चा सत्ता के शीर्ष पर बैठे. मा. राष्ट्रपति से आग्रह है कि हमारे शौर्य के प्रतीक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापिस लें.”
कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान सिर्फ इसलिए कर रहें है कि वह पिछडी जाति से थें।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) January 13, 2022
ऐसे सामंती लोग नहीं चाहतें हैं कि कोई दलित/आदिवासी/पिछडा का बच्चा सत्ता के शिर्ष पर बैठे।
मा.राष्ट्रपति से आग्रह है कि हमारे शैर्य के प्रतिक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापिस लें।
दया प्रकाश ने सम्राट अशोक पर क्या कहा था?
बता दें कि बीते दिनों दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक पर एक नहीं कई टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि अब तक इतिहास और साहित्य में अशोक के उजले पक्ष को ही उजागर किया गया. जबकि, वह एक क्रूर शासक था. दयाप्रकाश ने श्रीलंका के कुछ प्रमुख बौद्ध धर्म ग्रंथों दीपवंश, महावंश, अशोकावदान और तिब्बती लेखक तारानाथ के ग्रंथ का जिक्र करते हुए कहा कि इसे पढ़ने के बाद यह ज्ञात होता है कि वह बहुत ही बदसूरत था. उसके चेहरे पर दाग थे और वह शुरुआती जीवन में बहुत ही कामुक था. बौद्ध ग्रंथ भी कहते हैं कि अशोक कामाशोक और चंडाशोक था. चंडाशोक का मतलब बहुत क्रूर होता है.
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