Bihar Bridge: बिहार में महानंदा नदी पर बना पुल 3 इंच धंसा, क्रैक होने से वाहन चालकों में दहशत
Mahananda Bridge: कटिहार के लाभा में महानंदा पुल में क्रैक होने से वाहन चालकों में दहशत है. उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है. 2009 में इसका उद्घाटन हुआ था.

Mahananda Bridge Cracks: बिहार के कटिहार के प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र के बिहार बंगाल सीमा स्थित लाभा महानंदा मद्य निषेध चेक पोस्ट के समीप महानंदा पुल में दरार आ गई है. उक्त पुल की देख रेख में काफी अनियमितता बरते जाने के कारण शनिवार को पुल के बीचों बीच क्रैक एवं डीप हो गया है. पुल तीन इंच धंस गया है.
अधिकारियों ने दिए मरम्मत के निर्देश
पुल के क्रैक होने की सूचना विभाग के अधिकारियों को दी गई. सूचना मिलते ही विभाग के अधिकारियों ने संवेदक से संपर्क कर क्रैक एवं डीप को मरम्मत करने का निर्देश दिया. अधिकारियों ने बताया कि महानंदा पुल के बीचो-बीच डैमेज एवं डीप हो गया है, जिसे मरमत करने के लिए आदेश दिया गया है, हम लोगों ने बैरिकैडिंग कर दी है. साथ ही बड़े- बड़े वाहनों के इस रूट से आवागमन करने को लेकर काम होने तक रोक लगा दी गई है.
वहीं स्थानीय ग्रामीणों एवं राहगीरों का कहना है कि महानंदा पर बने हुए पुल में संवेदक के जरिए काफी अनियमितता बरती गई है, जिसके कारण बहुत ही जल्द करोड़ों की लागत से बने यह पुल कम ही समय में ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गया है. उक्त पुल को बनाने वाले संवेदक पर सवाल खड़ा हो रहा है.
वहीं राजद नेता चंदन यादव ने बताया कि 2009 में पुल का उद्घाटन हुआ था, 15 साल बाद पुल में दरार आई है. बनने के कुछ वर्ष बाद पुल निर्माण निगम के जरिए यह NH डिपार्टमेंट को सौंप दिया गया था. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस पूरे मामले में पुल निगम निर्माण विभाग की कमियां वजह बनी हैं या NH डिपार्टमेंट.
बिहार में कई जगह क्षतिग्रस्त हुए पुल
बता दें कि बिहार में पुल का क्षतिग्रस्त होना कोई नई बात नहीं है. यहां कई जिलों में निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो चुके हैं. भागलपुर, कटिहार, किशनगंज और मधुबनी में कई पुल पुलिया नदी में समा चुके हैं. हालांकि इसे लेकर संवेदकों को सख्त निर्देश भी दिए जाते हैं, लेकिन निर्माण कार्य में लापरवाही सालों पहले की है, जो अब धीरे-धारे नजर आ रही है.
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Source: IOCL























