जेल से जीते अनंत सिंह, मोकामा में सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को हराया, छठी बार बनेंगे विधायक
Bihar Mokama Election Results 2025: मोकामा विधानसभा सीट 1990 से लगातार बाहुबलियों के कब्जे में रहा है. इस सीट से अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह भी जीत चुके हैं.

चुनाव से पहले काफी विवादों में रही मोकामा विधानसभा सीट से बाहुबली अनंत सिंह की जीत हो गई है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी वीणा देवी को हराया है. वीणा देवी पूर्व सांसद और बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी हैं. आरजेडी से उन्हें टिकट मिला था. इस सीट पर 26 राउंड में गिनती होनी थी. अनंत सिंह 28206 वोट से आगे हैं. फाइनल आंकड़े में कुछ बदलाव संभव है. अनंत सिंह को 91416 वोट मिले हैं. वहीं वीणा देवी को 63210 मत मिले हैं.
मोकामा से छठी बार हुई अनंत सिंह की जीत
अनंत सिंह मोकामा से जीत के मामले में रिकॉर्ड बना रहे हैं. उन्होंने छठी बार जीत हासिल की है. इस बार मोकामा विधानसभा सीट काफी चर्चा में रही क्योंकि यहां त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन रही थी. अनंत सिंह जो लगातार पांच बार विधायक रह चुके थे उनका मुकाबला आरजेडी के बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी और जन सुराज पार्टी के पीयूष प्रियदर्शी से था.
…और जेल गए अनंत सिंह
पीयूष जातीय समीकरण में धानुक जाति से आते हैं और अपनी जाति के वोट को गोलबंद करने में उन्होंने पूरी ताकत लगा दी थी. हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान पीयूष और अनंत सिंह के काफिला आमने-सामने होने पर विवाद हो गया था. दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो गई थी. पथराव हुआ था. गोली चली थी जिसमें जन सुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी. इस मामले में एफआईआर के बाद अनंत सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. अभी वह जेल में हैं, लेकिन जनता ने मोकामा से उन्हें आशीर्वाद दे दिया है.
मोकामा सीट पर कब कौन जीता?
मोकामा विधानसभा सीट 1990 से लगातार बाहुबलियों के कब्जे में रहा है. 1990 और 1995 में अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह लालू प्रसाद यादव के साथ रहकर जनता दल से जीते थे और मंत्री भी बने थे. साल 2000 में सूरजभान सिंह ने दिलीप सिंह को हराकर जीत हासिल की थी, लेकिन अनंत सिंह जेडीयू के टिकट पर 2005 में लड़े और सूरजभान सिंह को हराकर पहली बार विधायक बने थे.
हालांकि 2005 में सरकार नहीं बनी थी और राष्ट्रपति शासन लगने के बाद उसी वर्ष अक्टूबर-नवंबर में चुनाव हुआ उसमें अनंत सिंह को दूसरी बार जीत मिली थी. 2010 में भी जेडीयू के टिकट पर वह चुनाव जीते, लेकिन 2015 में नीतीश सरकार उनके खिलाफ हो गई और फिर वे निर्दलीय चुनाव लड़े एवं जीते. 2020 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़कर अनंत सिंह पांचवीं बार विधायक बने थे. उन्होंने जेडीयू के प्रत्याशी राजीव लोचन सिंह को 35,757 वोट से हराया था. 2020 में अनंत सिंह को 78,721 वोट मिला था. जेडीयू प्रत्याशी राजीव लोचन सिंह को 42,964 वोट मिले थे.
2022 में अनंत सिंह को सजा हो गई और उनकी सदस्यता चली गई थी. इसके बाद आरजेडी के टिकट पर उनकी पत्नी नीलम देवी उपचुनाव लड़ीं और जीत गईं. 2025 के फ्लोर टेस्ट के दौरान नीलम देवी एनडीए खेमे में चली गईं. इस बार अनंत सिंह को जब कोर्ट ने बरी कर दिया तो वे फिर से 2025 में जेडीयू के टिकट पर चुनावी मैदान में आए थे.
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