Bhagalpur News: हो गई प्यार की जीत! प्रेमिका ने महिला थाने में की दारोगा जी से शादी, पुलिसवाले बने बाराती
Love Affair: महिला पुलिसकर्मियों ने ही प्रेमिका को दुल्हन की तरह सजाया और दूसरी तरफ एससी-एसटी थाने की पुलिस ने प्रेमी को दूल्हे की तरह तैयार किया. दोनों एक-दूसरे से कई वर्षों से प्यार करते थे.
भागलपुर: प्रेमी ने प्रेमिका की मांग भरी और जीवन भर के लिए पत्नी के रूप में अपना बना लिया. यह सब कुछ भागलपुर के महिला थाने में मंगलवार (27 जून) को हुआ. प्रेमिका ने अपने प्रेमी दारोगा से शादी की और इस दौरान पुलिसवाले बाराती के रूप में दिखे. एकचारी थाना के टपुआ के रहने वाले मनोज कुमार ने वंदना कुमारी (20 साल) से डॉ. भीमराव आंबेडकर को साक्षी मानकर शादी कर ली.
प्रेमी मनोज कुमार वर्तमान में मुजफ्फरपुर में सब इंस्पेक्टर के पद पर है. महिला पुलिसकर्मियों ने ही प्रेमिका को दुल्हन की तरह सजाया और दूसरी तरफ एससी-एसटी थाने की पुलिस ने प्रेमी को दूल्हे की तरह तैयार किया. महिला थाने की पुलिस और एससी-एसटी थाने की पुलिस ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया. शगुन के तौर पर दुल्हन को पैसे भी दिए गए.
शादी से इनकार कर रहा था लड़का
बताया जा रहा है कि वंदना कुमारी जब 16 साल की थी उसी समय से उसे मनोज से प्यार हो गया था. बाद में लड़के की नौकरी हो गई और वह शादी करने से इनकार करने लगा. लड़की वरीय पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक के कार्यालय का चक्कर लगाती रही. अंत में प्रेमी ने शादी के लिए हां किया और भागलपुर के महिला थाने में दोनों ने शादी कर ली.
एससी-एसटी थाने के अधिकारी महेश राम ने बताया कि भागलपुर के महिला थाना में दोनों पक्ष की रजामंदी से शादी हुई है. पहली बार आंबेडकर विचारधारा के तहत महिला थाने में इस तरह की शादी हुई है. प्रेमिका वंदना ने कहा कि वह शादी से खुश है. वहीं प्रेमी मनोज ने कहा जब उसने आंबेडकर के विचार को पढ़ा तब उसे समझ आई. इसके बाद उसने शादी के लिए हां कर दिया.
प्रेमी के भाई ने कहा- सबको सीख लेने की जरूरत
इस मौके पर प्रेमी मनोज का बड़ा भाई भी था. उसने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर को साक्षी मानते हुए छोटे भाई की शादी कराई है. बिहार में दहेज जैसी जो कुप्रथा है वह दूर हो सके इसलिए दहेजमुक्त अंतरजातीय विवाह हुआ है. इस शादी से सबको सीख लेने की जरूरत है.