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Know Your District: महाभारत से जुड़ा है बिहार के बांका जिले का इतिहास, भागलपुर से 1991 में हुआ था अलग
Banka District: बिहार (Bihar) के दक्षिण-पूर्व में स्थित बांका (Banka) जिला झारखंड (Jharkhand) की सीमा से लगा हु्आ है. जो भागलपुर (Bagalpur) से 21 फरवरी 1991 को अलग हुआ था.
Bihar News: बिहार (Bihar) के दक्षिण-पूर्व में स्थित बांका (Banka) जिला झारखंड (Jharkhand) की सीमा से लगा हुआ है. 21 फरवरी 1991 से पहले ये जिला राज्य के भागलपुर (Bagalpur) जिले का हिस्सा हुआ करता था. बांका जिला की स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) ने की थी. भागलपुर का अनुमंडल रहे इस जिले का इतिहास महाभारत (Mahabharat) काल से जुड़ा हुआ है.
इतिहास
- इतिहासिक ग्रंथों के अनुसार अनवा साम्राज्य की स्थापना बांका में हुई थी. बाद में ये साम्राज्य राजा बलि के पांच पुत्रों के बीच अंग, बंग, कलिंगा, पुदीना और सुमहा साम्राज्य में विभाजित हुआ.
- इसके अलावा मगध के इतिहास में भी अंग प्रदेश का जिक्र मिलता है. तब बिंबसार ने अपने पिता की हार का बदला लेते हुए मगध के राजा भट्टिय को पराजित कर अंग को मगध में मिला लिया था.
- उत्तरी भारत के बौद्ध धर्म-ग्रंथों में भी अंग प्रदेश का जिक्र कहीं कहीं मिलता है. इसके अलावा अंग महान गुप्त साम्राज्य हिस्सा भी बना रहा था.
- महाभारत काल के दौरान भी दानवीर कर्ण को दुर्योधन ने यहां का राजा बनाया था. ये जिला 1854 के आसपास वर्धमान जिले का एक भाग हुआ करता था.
आबादी
- 2011 की जनगणना के अनुसार बांका की कुल जनसंख्या 20,34,763 है. यहां जनसंख्या का घनत्व हर वर्ग किमी में 670 व्यक्ति है. वहीं जिले की साक्षरता दर 58.17 फीसदी है.
क्षेत्र
- बिहार के बांका जिले का कुल क्षेत्रफल 3,020 वर्ग किमी है. इस जिले के अंतर्गत 11 प्रखंड अमरपुर, बांका, बाराहाट, बेलहर, बौंसी, चान्दन, धोरैया, फुल्लीडूमर, कटोरिया, रजौन और शम्भूगंज हैं.
- वहीं जिले में पांच विधानसभा सीट बांका, बेलहर, अमरपुर, कटोरिया और धोरैया है. बाँका जिले की कुल 185 पंचायतों के अंतर्गत कुल दो हजार गांव आते हैं.
भाषा
- बांका जिले की मुख्य भाषा बुंदेली है जो कि हिंदी भाषा के सामान है. इसके अलावा जिले में हिंदी भाषा का उपयोग होता है.
नदी
- झारखण्ड के देवघर से आने वाली चांदन नदी बांका की प्रमुख नदियों में है जो आगे जाकर भागलपुर में गंगा नदी में मिल जाती है.
- जिले के उत्तर-पश्चिम में बेलहरणी और बडुआ नदी बहती है. जबकि चांदन और ओढ़नी मध्य में बहती है.
- बांका के उत्तर-पूर्व में चांदन से मिलने वाली चीर मंदर भी पहाड़ियों के बीच बहती है. इसके अलावा बढुआ नदी व सुखनिया नदी भी बांका में है.
धार्मिक स्थल
- पंजवारा के डयोढी में मां दुर्गा मंदिर 1861 में पंजवारा डयोढी के जमींदरों के पूर्वजों स्थापित किया गया था.
- इसके अलावा दो अन्य मंदिर विष्णु भगवान का नरसिंह मंदिर और दिगंबर जैन तीर्थनकर भी प्रमुख हैं.
- जिले में मंदार पर्वत के तल पर एक बहुत पुराने अवंतिका नाथ मंदिर भी है. सबलपुर गांव में अवंतिका नाथ मंदिर है.
- चांदन नदी के पास भगवान शिव का एक प्रसिद्ध मंदिर जेठोरे पहाड़ी में है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इसे देवघर मंदिर का भाई माना जाता है.
अर्थव्यवस्था
- बांका जिले की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. इसे बिहार के चावल का कटोरा कहा जाता है. यहां की मुख्य फसलों में चावल, गेहूं, मक्का और मसूर हैं.
- अमरपुर बेल्ट गन्ना का उत्पादन करता है और यहां गुड का भी उत्पादन होता है. बांका जिला भारी उद्योग के लिए कच्चे माल का केंद्र रहा है.
- 2006 में भारत सरकार ने बैंको को देश के 250 सबसे पिछड़े जिलों में बांका का नाम दिया है. वर्तमान में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम से जिले को धन प्राप्त होता है.
ट्रांसपोर्ट
- बांका, भागलपुर और देवघर सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा बांका जिला रेल मार्ग से भी जुड़ा हुआ है.
- बांका रेलवे स्टेशन देश के पूर्वी रेलवे के अंतर्गत आता है. जिसे मालदा डिवीजन से अधिकतम राशि दी जाती है.
स्कूल कॉलेज
- जिले का जवाहर नवोदय विद्यालय प्रमुख शिक्षण संस्थान है. बांका जिले के प्रमुख कॉलेज डी० एन० एस० कॉलेज, पंडित तारनी झा महिला कॉलेज, पी० बी० एस० कॉलेज और श्यामा चरण विद्यापीठ हैं.
राजनीति
- बांका जिले से जुड़े मशहूर लोगों में पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू नेता दिग्विजय सिंह की गिनती होती है.
- 2009 में उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का टिकट न लेकर विरोध करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में जीत दर्ज की थी.
- बांका के लोग उन्हें प्यार से 'दादा' कहा करते थे. वे जमुई के होते हुए भी आजीवन अपने राजनीतिक करिअर में बांका के लिए काम करते रहे.
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