बिहारः एक महीने में घर के 2 लोगों की कोरोना से मौत के बाद डिप्रेशन में थी महिला, फांसी लगाकर दी जान
नगरगामा पंचायत के युवा व चर्चित मुखिया मंजीत कुमार की बीते 11 मई को कोरोना से हो गई थी मौत.पति के पहले ससुर की भी कुछ दिनों पहले कोरोना से ही गई थी जान, दो घटनाओं से परेशान थी महिला.
समस्तीपुरः नगरगामा पंचायत के मुखिया मंजीत कुमार की पिछले महीने कोरोना वायरस से हुई मौत के बाद डिप्रेशन में चल रही उनकी पत्नी और सिपाही 31 वर्षीय रीता कुमारी ने बुधवार की दोपहर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. वह सहरसा में पोस्टेड थी. वह डेढ़ माह के नवजात और एक तीन साल के बेटे को छोड़कर गई है. कुछ दिनों से वह मातृत्व अवकाश पर थी.
मुखिया के बड़े भाई और पेशे से शिक्षक संजीव कुमार ने बताया कि उनके छोटे भाई मुखिया मंजीत की मौत के बाद उसकी पत्नी डिप्रेशन में चली गई थी. बुधवार की सुबह भी वह अपने डेढ़ माह के एक बच्चे और उनकी बेटी के साथ घर के कमड़े में सो रही थी, लेकिन कुछ देर बाद ही जब बच्चे उससे अलग हुए तो वह कमरा बंद करने के बाद फिर सो गई.
11 मई को कोरोना से गई थी पति की जान
इधर, दोपहर में जब उसने कमरे का दरवाजा नहीं खोला तो दरवाजा तोड़ा गया तो वह फंदे में लटकी हुई थी. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. वह अपने पीछे दो बेटे प्रियांशू कुमार (3 वर्ष) और शिव्यांश (डेढ़ माह) को छोड़ गई है.
नगरगामा पंचायत के युवा व चर्चित मुखिया मंजीत कुमार की बीते 11 मई को कोरोना से की वजह से मौत गई थी. वह 5 मई को एंटीजन जांच में कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से घर पर ही होम क्वारेंटाइन थे. उनकी स्थिति खराब होने के बाद परिजन उन्हें बेहतर इलाज के लिए बेगूसराय ले जा रहे थे कि बीच रास्ते ही उनकी मौत हो गई.
एक सप्ताह के अंदर परिवार ने खोए दो सदस्य
कुछ दिन पूर्व ही उनके पिता सुरेंद्र महतो का निधन भी कोरोना से बेगूसराय में इलाज के दौरान हो गया था. एक सप्ताह के अंदर कोरोना की वजह से एक ही परिवार ने एक पिता के साथ बेटे को भी खो दिया था. घटना को लेकर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है. प्रभारी थानाध्यक्ष महानंद सोरेन ने बताया कि आवेदन मिलने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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