SMAT फाइनल में ईशान किशन का तूफान, झारखंड को दिलाया पहला खिताब
झारखंड ने इतिहास रच दिया. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में कप्तान ईशान किशन के तूफानी शतक की बदौलत झारखंड ने हरियाणा को 69 रन से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया.

झारखंड क्रिकेट के लिए यह दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) के फाइनल में झारखंड ने हरियाणा को 69 रन से हराकर पहली बार इस प्रतिष्ठित घरेलू टी20 खिताब को अपने नाम कर लिया. इस ऐतिहासिक जीत के नायक बने कप्तान ईशान किशन, जिन्होंने तूफानी शतक लगाकर न सिर्फ मैच का रुख बदला, बल्कि कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए.
महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए फाइनल में हरियाणा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. शुरुआत में झारखंड को झटका लगा जब पहले ही ओवर में विराट सिंह आउट हो गए, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह पूरी तरह ईशान किशन का शो था.
ईशान किशन का तूफान
कप्तान ईशान किशन ने कुमार कुशाग्र के साथ मिलकर हरियाणा के गेंदबाजों की कमर तोड़ दी. ईशान ने सिर्फ 45 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और 101 रन बनाकर आउट हुए. उनकी इस पारी में 10 छक्के और 6 चौके शामिल थे. यह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी फाइनल में लगाया गया सबसे आक्रामक शतक रहा. ईशान किशन इस टूर्नामेंट के फाइनल में शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने और पहले कप्तान, जिन्होंने यह कारनामा किया. इसके अलावा, फाइनल में सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज हो गया.
कुमार कुशाग्र ने भी 38 गेंदों पर 81 रनों की विस्फोटक पारी खेली. अंतिम ओवरों में अनुकूल रॉय (40 रन) और रॉबिन मिन्ज (नाबाद 31 रन) की तेज बल्लेबाजी ने झारखंड को 262/3 तक पहुंचा दिया. जो किसी भी टी20 टूर्नामेंट फाइनल का अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है.
गेंदबाजों ने किया काम तमाम
264 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी हरियाणा की शुरुआत बेहद खराब रही. पहले ही ओवर में कप्तान अंकित कुमार और आशीष सिवाच बिना खाता खोले आउट हो गए. यशवर्धन दलाल ने 22 गेंदों पर 53 रन बनाकर संघर्ष जरूर किया, लेकिन दूसरे छोर से उन्हें कोई समर्थन नहीं मिला. बीच के ओवरों में अनुकूल रॉय, सुशांत मिश्रा और बल कृष्णा की कसी हुई गेंदबाजी ने हरियाणा की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया. हरियाणा की पूरी टीम 193 रन पर सिमट गई और झारखंड ने 69 रन से ऐतिहासिक जीत दर्ज की.
झारखंड के लिए यादगार पल
यह जीत झारखंड के घरेलू क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है. वहीं, लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय टीम से बाहर चल रहे ईशान किशन ने इस शतक के जरिए चयनकर्ताओं को भी जोरदार संदेश दे दिया है. उनकी यह पारी न सिर्फ एक कप्तान की जिम्मेदारी दिखाती है, बल्कि उनकी शानदार वापसी का भी सबूत है.
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