हरियाणा में CWG मेडलिस्ट के इनाम राशि में कटौती, गोल्ड मेडलिस्ट को मिलते हैं 1.5 करोड़
हरियाणा ने अपने नाम 9 गोल्ड, 6 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल किए. आपको बता दें कि भारत के 218 खिलाड़ियों में से 38 खिलाड़ी हरियाणा की तरफ से थे जो ऑस्ट्रेलिया में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.

नई दिल्ली: गोल्ड कोस्ट में हुए 21 वें कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने नाम कुल 66 मेडल्स किए. जहां मेडल टैली में हरियाणा के एथलीट्स 22 मेडल्स के साथ सबसे टॉप पर रहें. इन मेडल्स में हरियाणा ने अपने नाम 9 गोल्ड, 6 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल किए. आपको बता दें कि भारत के 218 खिलाड़ियों में से 38 खिलाड़ी हरियाणा की तरफ से थे जो ऑस्ट्रेलिया में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे.
13 खिलाड़ी करते हैं सरकारी नौकरी
लेकिन हरियाणा सरकार ने हाल ही में मेडल विजेताओं के लिए एक कदम उठाया है जिससे एथलीट्स खुश नहीं है. आपको बता दें कि हरियाण सरकार ने एक फैसले में कहा है कि जिन खिलाड़ियों की सरकारी नौकरी है उनके प्राइस मनी में से कुछ राशि काट कर फिर खिलाड़ियों को दिया जाएगा. हरियाणा के 22 खिलाड़ियों में से कुल 13 खिलाड़ी भारतीय रेलवे और भारतीय सेना जैसे केंद्रीय सरकारी संगठनों में काम करते हैं.
कैश प्राइस में से सरकार काटेगी पैसा
हरियाणा सरकार की नीति के मुताबिक कॉमनवेल्थ में गोल्ड जीतनेवाले को सरकार 1.5 करोड़, सिल्वर विनर को 75 लाख और ब्रॉन्ज जीतनेवाले को 50 लाख रुपये देती है. लेकिन अब राज्य सरकार ने कहा है कि जो खिलाड़ी आर्मी या रेलवे में हैं उन्हें वहां से भी कैश प्राइस मिलता है. ऐसे में उन संस्थान से खिलाड़ियों को जितना पैसा मिलेगा उतने राज्य सरकार द्वारा दिए जानेवाले में से कट जाएगा. जैसे किसी गोल्ड जीतनेवाले खिलाड़ी को रेलवे ने 50 लाख रुपये दिए तो उसे हरियाणा सरकार उसे 1.5 करोड़ की जगह 1 करोड़ रुपये ही देगी। खिलाड़ी इसी फैसले के खिलाफ हैं.
खिलाड़ी आज करेंगे फंक्शन का बहिष्कार
हरियाणा सरकार आज पंचकुला में जीते हुए 22 खिलाड़ियों को नेशनल लेवल फंक्शन में सम्मानित करेगी. वहीं कुछ खिलाड़ियों ने कहा है कि वो इस अवॉर्ड फंक्शन का तब तक बायकॉट करेंगे जब तक सरकार अपनी राशि कटौती के फैसले को वापस नहीं लेती है. इन खिलाड़ियों की सूची में गोल्ड मेडल विजेता विनेश फोगाट (महिला फ्री स्टाइल), बजरंग पूनिया (पुरूष फ्री स्टाइल) और ब्रॉन्ज मेडल विजेता मनोज कुमार के साथ और कई खिलाड़ी भी शामिल हैं.
सवाल हमारे सम्मान का है: विनेश फोगाट
विनेश फोगाट ने प्राइस मनी में से पैसे काटने को लेकर कहा कि, " ये प्लेयर्स की सम्मान की बात है और पैसे की लड़ाई नहीं है. अगर कोई खिलाड़ी इंडियन आर्मी या फिर भारतीय रेलवे से है तो उसमें उसकी कोई गलती नहीं है. प्राइस मनी में से पैसे काट लेना दूसरे खिलाड़ियों के मुकाबले हमारे सम्मान की बात है. जब हम मेडल जीतते हैं तो हरियाणा सरकार हमारी उपलब्धियों पर गर्व महसूस करती है जिसके बाद भी हमारे साथ ऐसा व्यव्हार किया जा रहा है. खेल किसका है? हरियाणा का या सरकार का? अगर ऐसे ही चलता रहा तो हम स्टेट लेवल फंक्शन में इसका बायकॉट करेंगे. '' आपको बता दें कि विनेश फोगाट ने 50 किलो वर्ग के महिला फ्री स्टाइल कुश्ती में भारत को गोल्ड मेडल दिलवाया था. और फिल्हाल रेलवे में वरिष्ठ क्लर्क के रूप में दिल्ली में पोस्टेड हैं.
हमारे साथ दोहरा व्यव्हार किया जा रहा है: बजरंग पूनिया
2014 के एशियन गेम्स में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाले बजरंग पूनिया को उस समय पूरा प्राइस मनी दिया गया था. पूनिया ने कहा कि, युवा खिलाड़ियों के साथ सरकार गलत कर रही है. '' हम सरकार के फैसले का सम्मान करते हैं. लेकिन यह अलग तरह का व्यव्हार क्यों? राज्य सरकार ने रियो ओलंपिक विजेता साक्षी मलिक को उस समय पूरे प्राइस मनी के साथ सम्मानित किया था जैसे ही वो दिल्ली पहुंची थी. यहां तक की मुझे भी 2014 में पूरे पैसे मिले थे. अगर ऐसा ही चलता रहा तो युवा खिलाड़ियों को क्या प्रेरणा मिलेगी.'' आपको बता दें कि बजरंग पुनिया फिल्हाल टीटी के पोस्ट पर रेलवे में काम कर रहे हैं.
2012 में लंदन ओलंपिक्स में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाले और हरियाणा पुलिस में DSP के पद पर रहने वाले योगेश्वर दत्त ने भी खिलाड़ियों का समर्थन किया है. और कहा है कि मैं हरियाणा सरकार और खेल मंत्री से गुजारिश करता हूं और वो अपने फैसले पर विचार करें.
मामला समझ के बाहर है: प्रमुख सचिव
युवा मामले और खेल मंत्रालय के प्रमुख सचिव अशोक खेमका ने कहा कि, '' 'पिछली खेल नीति के मुताबिक, सिर्फ उन्हें ही प्राइस मनी मिलता था जिनके पास हरियाणा का डोमीसेल हो या फिर वे राज्य के लिए खेले हों, लेकिन इसबार तो दायरा बढ़ाया गया है. ऐसे में खिलाड़ियों का स्वागत समारोह में हिस्सा न लेना समझ से बाहर है.''
Source: IOCL























