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इस सीरीज ने पक्की कर दी केएल राहुल की टीम में जगह
वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज की जीत में केएल राहुल का योगदान भी अहम रहा. इस सीरीज में उनका प्रदर्शन उन्हें एक नई जिंदगी देगा. पढ़िए वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह का ब्लॉग

केएल राहुल पर बहुत सारी ऊंगलियां उठ रही थीं. उन्हें टीम से बाहर भी किया गया. अब वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 सीरीज में उन्होंने अपनी उपयोगिता साबित की. मुंबई में खेले गए तीसरे टी-20 मैच में तो उन्होंने कमाल ही कर दिया. रोहित शर्मा और विराट कोहली की तूफानी पारी के आगे केएल राहुल की पारी की चर्चा भले ही कम हुई. लेकिन सच्चाई ये है कि उन्होंने इन दोनों बल्लेबाज़ों के मुक़ाबले कहीं से भी उन्नीस पारी नहीं खेली. इस शानदार प्रदर्शन के बाद जब उनसे टीम से बाहर रहने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा भी कि “टीम से बाहर रहना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होता. वापसी के बाद मैदान में जाकर किसी भी टीम के खिलाफ रन करना आसान नहीं होता”. बात सही भी है. केएल राहुल जब टीम से बार थे तो भी वो बैठे नहीं थे बल्कि हर समय वापसी की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने कई फर्स्ट क्लास मैच भी खेले. उन्हें पता था कि टीम में वापसी की प्रक्रिया एक ही है मैदान में जब भी उतरें तो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने का प्रयास करें. उनकी यही सकारात्मत सोच उनके काम आई. उन्होंने सीरीज के 3 मैचों में करीब 55 की औसत से 164 रन बनाए. उनकी स्ट्राइक रेट 154 के करीब थी. आईसीसी की ताजा रैंकिंग में उन्हें इसका फायदा हुआ. टॉप 10 टी-20 खिलाड़ियों में उन्होंने बाकि भारतीय खिलाड़ियों को पीछे छोड़कर छठी पायदान पर जगह बना ली है. इस लिस्ट में रोहित शर्मा नौवें और विराट कोहली दसवें नंबर पर हैं. संतुलित दिमाग से काम लिया तीसरे टी-20 मैच में केएल राहुल ने शानदार बल्लेबाजी की. शुरूआती ओवरों में ही उन्होंने ‘टेंपो’ सेट कर दिया. उनके बल्ले से कई लाजवाब ड्राइव्स देखने को मिलीं. वैसे भी वानखेड़े का विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा था. हल्के तेज और उछाल वाले विकेट पर खेलना केएल राहुल को पसंद है. उन्होंने इसीलिए इन हालातों का पूरा फायदा उठाया. उनके ज्यादातर शॉट्स तकनीकी तौर पर सटीक थे. उन्होंने फ्री हिटिंग की बजाए दिमाग से शॉट्स खेले. मैच से पहले ही ये तय था कि अगर पहले बल्लेबाजी करके जीत हासिल करनी है तो वेस्टइंडीज को असंभव लगने वाला लक्ष्य देना होगा. लेकिन इसके लिए उन्होंने क्रीज पर कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई. क्रिकेटिंग शॉट्स खेलकर भी उन्होंने रोहित शर्मा के साथ 4.1 ओवर में स्कोरबोर्ड पर 50 रन जोड़ दिए. 29 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया. रोहित शर्मा के आउट होने के बाद भी वो अपने अंदाज में खेलते रहे. ऋषभ पंत को ‘प्रमोट’ करके भेजने का आइडिया नहीं चला और फिर केएल राहुल को विराट के साथ बल्लेबाजी का मौका मिला. इन दोनों खिलाड़ियों ने स्कोर को सवा दो सौ के पार पहुंचाया. केएल राहुल की इसलिए भी बहुत तारीफ हुई क्योंकि उन्होंने 90 रन का स्कोर पार करने के बाद भी अपने शतक की फिक्र नहीं की. टी-20 फॉर्मेट में उनके पास अपने तीसरे शतक को पूरा करने का मौका था. लेकिन इस व्यक्तिगत उपलब्धि की बजाए वो टीम के लिए खेले. कप्तान विराट का पूरा सपोर्ट है केएल राहुल को कप्तान विराट कोहली का पूरा सपोर्ट है. कोहली को लगता है कि केएल राहुल उन चंद खिलाड़ियों में से हैं जो खेल के तीनों फॉर्मेट में खेलते हैं इसलिए उन्हें लगातार मौका दिया जाना चाहिए. पिछले दिनों जब केएल राहुल लगातार नाकाम हो रहे थे तो विराट कोहली को उन्हें ‘ड्रॉप’ भी करना पड़ा लेकिन जैसे ही मौका मिला वो केएल राहुल को वापस ले आए. अब असली परेशानी शिखर धवन के साथ होगी. शिखर फिलहाल चोट की वजह से टीम से बाहर हैं. लेकिन हाल के दिनों में उनकी फॉर्म भी औसत ही दिखी है. ऐसे में टीम मैनेजमेंट में इस बात पर चर्चा जरूर हुई होगी कि जब रोहित शर्मा और केएल राहुल की जोड़ी लिमिटेड ओवर में अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो फिर इस जोड़ी को बेवजह तोड़ना कहां की बुद्धिमानी है. कुल मिलाकर शिखर के फिट होकर टीम में लौटने पर टीम मैनेजमेंट का सरदर्द बढ़ने वाला है.
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