शुभमन गिल की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें, रोहित की रिटायरमेंट और चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल पर ये कहकर चौंकाया
Shubman Gill PC: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल मैच से पूर्व शुभमन गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जानिए उन्होंने रोहित शर्मा की रिटायरमेंट पर क्या कहा?

Shubman Gill Press Conference: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल मैच से पूर्व शुभमन गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई विषयों पर बात की. उन्होंने रोहित शर्मा की रिटायरमेंट से लेकर फाइनल मैच के दबाव, टीम की उपकप्तानी मिलने और दुबई की पिच के बारे में भी अपनी राय सामने रखी है. गिल ने अभी तक टूर्नामेंट में भारत के लिए 4 पारियों में 157 रन बनाए हैं. बता दें कि फाइनल मैच दुबई क्रिकेट स्टेडियम में 9 मार्च को भारतीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे से शुरू होगा. उससे पहले गिल की प्रेस कॉन्फ्रेंस से सामने आईं 10 बड़ी बातों के बारे में जान लीजिए.
शुभमन गिल की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 10 बड़ी बातें
-बड़े मैच का दबाव: बड़े मैच का दबाव हमेशा होता है. जो टीम दबाव को बेहतर झेलती है, जैसे पुरानी वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलियाई टीम किया करती थीं. टीम के अंदर अनुभव वाकई में फायदे का सौदा साबित होता है, जैसे विराट भाई ने सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था.
-भारत के पास बेस्ट बैटिंग लाइन-अप: मेरी नजर में यह बेस्ट बैटिंग लाइन-अप है. रोहित शर्मा और विराट कोहली सबसे बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं. रोहित भाई शानदार ओपनिंग बल्लेबाज हैं और विराट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ ODI प्लेयर हैं. हमारे पास बल्लेबाजी में गहराई है, जिससे हम खुलकर खेल पाते हैं.
-टीम के अंदर शुभमन गिल का रोल: हमारी टीम में कई सारे युवा हैं. मेरी भूमिका यह परखने की है कि कोई युवा तेज गेंदबाज या स्पिनर दबाव में है या नहीं. यदि वह दबाव में है तो मुझे उसकी मदद करनी होती है.
-फाइनल से पहले क्या हुई चर्चा: हमने न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले मैच में पावरप्ले के भीतर 3 विकेट गंवाने के बाद बढ़िया बैटिंग की थी. उसके अलावा टीम के अंदर ज्यादा चर्चा नहीं हुई है. हमने अभी तक 4 मैच खेले हैं और चारों बार बढ़िया प्रदर्शन किया है.
-दुबई की पिच: शुभमन गिल ने कहा कि एक बल्लेबाज होते हुए आप यही सोचते हैं कि पहले बल्लेबाजी करें. मुझे नहीं लगता कि इस बार भी यहां कोई टीम 300 रन बना पाएगी.
-फाइनल हारने का सिलसिला: हम जरूर फाइनल में आकर हारने के सिलसिले को समाप्त करना चाहेंगे. दबाव होना अच्छी बात नहीं है. इसका मतलब यह नहीं कि हमारे अंदर जीत की भूख नहीं है लेकिन जीतने से जरूर मदद मिलती है.
-बड़े मैचों में बल्लेबाजी का अनुभव: बड़े मैचों में अवसरों को जीत में बदलना बहुत जरूरी होता है. मगर आप कितना भी प्रयास क्यों ना करें, आप प्रत्येक मैच में सेंचुरी नहीं लगा सकते.
-खुलकर करते हैं बैटिंग: मैं ज्यादा या कम खतरा मोल लेने के बारे में सोचता ही नहीं हूं. मेरे अधिकांश शॉट खतरे से खाली होते हैं. मैं सोच-समझकर ही रिस्क उठाता हूं.
-रोहित शर्मा की रिटायरमेंट: हमने रोहित की रिटायरमेंट पर अभी तक कोई चर्चा नहीं की है. हमारा ध्यान सिर्फ फाइनल मैच को जीतने पर है और टीम के अंदर उसी पर चर्चा चल रही है. मुझे लगता है कि बाकी सबसे ज्यादा रोहित का ध्यान अभी केवल चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर है.
-2023 की हार: हां, हम कुछ इसी तरह की पिच पर मैच हार गए थे. हम बात करते हैं कि अपना मनोबल कैसे बढ़ाया जा सकता है. हमारा ध्यान व्यक्तिगत खामियों पर नहीं बल्कि टीम की कमजोरियों को दूर करने पर होता है. एक-दूसरे की सहायता करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना किसी मैच में 100 लगाना या 5 विकेट लेना.
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Source: IOCL



















