![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Green Card Backlog: ग्रीन कार्ड का इंतजार करते हुए मर जाएंगे 4.24 लाख लोग! वेटिंग लिस्ट में 90% भारतीय भी शामिल
US Green Card Process: अमेरिका में ग्रीन कार्ड का इंतजार लंबा होता जा रहा है. आलम ये है कि ग्रीन कार्ड का इंतजार करते-करते लोगों की पूरी जिंदगी खत्म हो जाएगी.
![Green Card Backlog: ग्रीन कार्ड का इंतजार करते हुए मर जाएंगे 4.24 लाख लोग! वेटिंग लिस्ट में 90% भारतीय भी शामिल US Green Card Backlog 4.24 Lakh Applicants Die Indian Waitlist For Permanent Residence Green Card Backlog: ग्रीन कार्ड का इंतजार करते हुए मर जाएंगे 4.24 लाख लोग! वेटिंग लिस्ट में 90% भारतीय भी शामिल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/05/8e8e3b1a7f277dcf12176f381cf7686b1693930323190837_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
US Green Card: अमेरिका में ग्रीन कार्ड बैकलॉग की वजह से 11 लाख भारतीय बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ग्रीन कार्ड जारी करने का प्रोसेस लंबा और सुस्त होता जा रहा है, जिसकी वजह से बैकलॉग बन गया है. आसान भाषा में कहें, तो ग्रीन कार्ड आवेदन के मामले पेंडिंग हो रहे हैं. वाशिंगटन डीसी स्थिति कैटो इंस्टीट्यूट का कहना है कि ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले नए भारतीयों को इसे हासिल करने के लिए पूरी जिंदगी इंतजार करना पड़ सकता है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कैटो इंस्टीट्यूट का कहना है कि ग्रीन कार्ड का इंतजार करते-करते 4.24 लाख उम्मीदवारों की मौत हो जाएगी. इसमें से 90 फीसदी भारतीय होने वाले हैं. दरअसल, ग्रीन कार्ड जारी करने की अभी जो रफ्तार है, अगर उसके हिसाब से आवेदनों को निपटाया जाता है, तो ऐसा होने में 135 साल लग जाएंगे. इस आधार पर ही कहा जा रहा है कि कई लोगों की तो ग्रीन कार्ड का इंतजार करते-करते जान चली जाएगी.
क्या है ग्रीन कार्ड?
अमेरिका में अप्रवासियों को दिया जाने वाला ग्रीन कार्ड एक परमानेंट रेजिडेंट कार्ड है. आसान भाषा में कहें, तो ये अप्रवासियों को अमेरिका में स्थायी रूप से रहने और काम करने की इजाजत देता है. अमेरिका ने हर देश के लिए ग्रीन कार्ड का सात फीसदी कोटा तय किया हुआ है. इसका मतलब ये है कि अगर 100 भारतीय ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो सिर्फ सात को ही ये जारी किया जाएगा. ग्रीन कार्ड आवेदन के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं.
18 लाख तक पहुंचा ग्रीन कार्ड बैकलॉग
इस साल रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड का बैकलॉग 18 लाख तक पहुंच गया है. इस बैकलॉग में वे अप्रवासी शामिल हैं, जो ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं. इसकी मुख्य वजह इंप्लॉयर-स्पॉन्सर इमिग्रेंट्स और इंवेस्टर्स के लिए ग्रीन कार्ड की कम सीमा है. कई देश सात फीसदी कोटा का इस्तेमाल भी नहीं कर पाते हैं. इसकी वजह से उनका ग्रीन कार्ड का कोटा बर्बाद हो जाता, मगर उसका फायदा किसी दूसरे देश के नागरिक को नहीं दिया जाता है.
अमेरिका में ग्रीन कार्ड हासिल करने में हो रही देरी की वजह से एक लाख से ज्यादा भारतीय बच्चों को अपने पैरेंट्स से भी बिछड़ना पड़ सकता है. एच-1बी वीजा पर अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को एच-4 वीजा के तहत बच्चों को रखने का अधिकार मिलता है. लेकिन ये सिर्फ 21 साल तक की उम्र के लिए ही वैध है. ऐसे में अगर किसी बच्चे की उम्र 21 साल से ज्यादा हो जाती है, तो उसे अमेरिका छोड़कर जाना पड़ सकता है.
यह भी पढ़ें: US में पैरेंट्स से बिछड़ सकते हैं एक लाख से ज्यादा भारतीय बच्चे, जानिए क्यों मंडराया अलग होने का खतरा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)