एजिंग आउट के कारण US में भारतीयों का भविष्य खतरे में, कनाडा और UK क्यों जाने का प्लान बना रहे स्टूडेंट
Indian Children in US : अमेरिका के मौजूदा इमिग्रेशन कानूनों के तहत बिना ग्रीन कार्ड वाले H-1B वीजा धारक भारतीयों के बच्चे 21 की उम्र होने पर एजिंग आउट की समस्या का सामना करते हैं.

Children of H-1B Visa Holders in US : संयुक्त राज्य अमेरिका में हजारों की संख्या में भारतीयों का भविष्य खतरे में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका में H-4 वीजा पर रह रहे हजारों भारतीय 21 साल की उम्र के करीब पहुंचने पर ‘एजिंग आउट’ की समस्या का सामना कर रहे हैं. अमेरिका के मौजूदा इमिग्रेशन कानूनों के तहत अब वे अपने H-1B वीजा धारक माता-पिता के आश्रित के रूप में नहीं माने जाएंगे. अगर H-1B वीजा धारक माता-पिता को ग्रीन कार्ड नहीं मिलता है तो इन बच्चों को अमेरिका छोड़ना भी पड़ सकता है.
इस समस्या की वजह से कई बच्चे अब कनाडा और यूके जैसे देशों में जाने का विकल्प तलाश कर रहे हैं, जहां अमेरिका के मुकाबले नियम ज्यादा आसान हैं. अमेरिकी रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड सिस्टम में भारी बैकलॉग के कारण भारतीय प्रवासियों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
‘एजिंग आउट’ की समस्या का कर रहे हैं सामना
इम्प्रूव द ड्रीम नाम के एक संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष दीप पटेल ने इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने एनडीटीवी को बताया कि इम्प्रूव द ड्रीम संगठन ऐसे युवा प्रवासियों का समर्थन और वकालत करता है, जो H-1B वीजा पर रहने वाले माता-पिता के साथ अमेरिका में ही पले-बढ़े हैं. लेकिन अब ये बच्चे देश में एजिंग आउट की समस्या का सामना कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका का चिल्ड्रन एक्ट इनके लिए एक उम्मीद की किरण हो सकती है.
एजिंग आउट के कारण करना पड़ सकता है सेल्फ डिपोर्टेशन
संगठन के संस्थापक दीप पटेल ने ‘एजिंग आउट’ और ‘सेल्फ-डिपोर्टेशन’ के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, “एजिंग आउट की स्थिति तब होती है जब H-1B वीजा होल्डर के बच्चे की उम्र 21 साल पूरी हो जाती है, लेकिन इस दौरान उसके माता-पिता को ग्रीन कार्ड नहीं मिला होता है. ‘एजिंग आउट’ होने पर उन बच्चों को अमेरिका में अब माता-पिता पर आश्रित नहीं माना जाता है. ऐसे में अगर माता-पिता की ग्रीन कार्ड का आवेदन लंबित भी होता है और बच्चे की उम्र 21 साल हो जाती है तो उसे सेल्फ-डिपोर्टेशन का सामना करना पड़ेगा.”
अमेरिका का चिल्ड्रेन एक्ट एक उम्मीद की किरण
अमेरिकाज चिल्ड्रेन एक्ट के बारे में पटेल ने कहा, “यह अमेरिकी कांग्रेस में सबसे ज्यादा द्विदलीय इमिग्रेशन विधेयकों में से एक है. यह उन बच्चों को सक्षम बनाने के लिए जो अमेरिका में पले-बढ़े हैं और वहां के कानून की वैध स्थिति को बनाए रखते हैं और देश के विकास में भी अपना योगदान देना चाहते हैं. वे अमेरिका में रह सकेंगे और अमेरिकी नागरिकता लेने के लिए एक स्पष्ट और सीधा रास्ता भी हासिल कर पाएंगे.” यह एक्ट यह सुनिश्चित करेगा कि उस व्यक्ति के देश छोड़ने की जरूरत न हो.
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