Imran Khan के समर्थन में आए शाहिद अफरीदी, बोले- चुनी हुई सरकार को पूरा करने दिया जाए कार्यकाल
इमरान खान ने कथित ‘‘विदेशी साजिश’’ में उन्हें सत्ता से बेदखल करने की भूमिका के बारे में अमेरिका पर आरोप लगाया था.

पाकिस्तान में चल रहे सियासी घमासान के बीच पूर्व खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने अपील की कि कम से कम एक निर्वाचित सरकार का कार्यकाल पूरा किया जाना चाहिए. अफरीदी ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'पाकिस्तान को आज़ाद हुए 74 साल हो चुके हैं. भगवान के लिए कम से कम एक चुनी हुई सरकार को अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा करने दें. ”
अफरीदी ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि देश में 74 साल के हुए "गलत काम" को सुधारने में समय लगेगा. पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) का यह बयान तब आया है जब नेशनल असेंबली रविवार को पीएम इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने के लिए तैयार है. वहीं यह कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरफ इमरान अपनी कुर्सी बचाने के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने "आखिरी गेंद तक" खेलने की कसम खाई है.
तख्तापलट के पीछे विदेशी साजिश होने का आरोप
इमरान खान ने कथित ‘‘विदेशी साजिश’’ में उन्हें सत्ता से बेदखल करने की भूमिका के बारे में अमेरिका पर आरोप लगाया था. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान गुरुवार को इमरान खान की संभवत: जुबान फिसल गई और उन्होंने आरोप लगाया कि एक देश ने धमकी भरा पत्र भेजा था. यहां वह धमकी भरे पत्र के साथ अमेरिका का नाम ले बैठे.
पाकिस्तान की संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे प्रधानमंत्री इमरान ख़ान जब नेशनल टेलीविजन पर मुखातिब हुए तो हर उस मुद्दे को छेड़ा जिससे इन्हें सहानभूति मिलने की उम्मीद थी. अपने चालीस मिनट के भाषण में इमरान ने करीब-करीब आधा वक्त मजहबी तकरीर में गुजारा, मुल्क की बदहाली के लिए विपक्ष को कोसा, सांसदों की खरीद फरोख्त के आरोप लगाए, बागियों को गद्दार कहा और किसी भी सूरत में इस्तीफा नहीं देने की बात कही.
रूस अमेरिकी को चुभ रही नजदीकिया
पिछले एक हफ्ते से इमरान जिस चिट्ठी को लहराकर सरकार गिराने के पीछे विदेशी साजिश का आरोप लगा रहे थे, भाषण में उसका भी जिक्र किया लेकिन इस बार सीधे अमेरिका का नाम लेकर, कहा रूस और चीन से नजदीकियां अमेरिका को चुभ रही थी. इसके बाद इमरान ने हिंदुस्तान का भी नाम लिया जिसके खिलाफ नफरत की रोटियां सेंककर पाकिस्तान के हुक्मरान और जनरल्स सत्तर साल से अपनी सियासत चमका रहे हैं.
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Source: IOCL























