अमेरिका: एच1बी वीजा वालों को कम वेतन देने पर कंपनी पर जुर्माना
जांच के बाद पीपुल टेक ग्रुप से कहा गया है कि वह अपने 12 कर्मचारियों को 3,09,914 डॉलर का भुगतान करे. विभाग ने कंपनी पर 45,564 डॉलर का जुर्माना भी लगाया है.

वॉशिंगटन: अमेरिका के रेडमंड स्थित एक सूचना एवं प्रौद्योगिकी कंपनी पर एच1बी वीजा धारक कर्मचारियों को कम वेतन देने के कारण जुर्माना लगाया गया है. अमेरिकी श्रम विभाग ने अपनी जांच में पाया कि पीपल टेक ग्रुप नामक कंपनी ने अपने एच1बी वीजा धारक कर्मचारियों को तय वेतन के मुकाबले बेहद कम वेतन देकर एच1बी वीजा नियमों का उल्लंघन किया है. कंपनी के कार्यालय भारत के बेंगलुरु और हैदराबाद में स्थित हैं. जांच के बाद पीपुल टेक ग्रुप से कहा गया है कि वह अपने 12 कर्मचारियों को 3,09,914 डॉलर का भुगतान करे. विभाग ने कंपनी पर 45,564 डॉलर का जुर्माना भी लगाया है.
श्रम विभाग का कहना है कि जांच में पता चला कि कंपनी ने इन कर्मचारियों को अनुभवहीन कर्मचारियों के स्तर का वेतन दिया जबकि वे बेहद अनुभवी और दक्ष कर्मचारियों के समान काम कर रहे थे जिसकी वजह से उन्हें अधिक वेतन मिलना चाहिए था. कंपनी ने कर्मचारियों को उस दौरान का वेतन नहीं दिया जब उन्हें कोई काम नहीं दिया गया था. कानून के मुताबिक, कर्मचारियों को उस समय का भी वेतन मिलना चाहिए था.
क्या होता है एच1 बी वीजा बता दें कि एच1 बी वीजा एक प्रकार का गैर- प्रवासी वीजा है. एच1 बी वीजा ऐसे कुशल कर्मचारियों को दिया जाता है जिनकी अमेरिका में कमी हो. ये वीजा इन कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने के लिए दिया जाता है. इस वीजा की अवधि 6 साल होती है. इस वीजा के पांच साल होने पर अमेरिका की स्थाई नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है.
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