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पाकिस्तान का अजीबो-गरीब कारनामा, बांध बनाने के लिए मिले 40 मिलियन डॉलर, विज्ञापन पर खर्च कर दिए 63 मिलियन डॉलर

पाकिस्तान (Pakistan) सिंधु नदी पर प्रस्तावित डायमर-भाषा बांध एक घोटाले में फंस गया है. बांध के निर्माण के लिए जनता से 40 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे, लेकिन इसके विज्ञापन पर ही 63 मिलियन डॉलर खर्च हो गया.

Pakistan Diemer-Bhasha Dam Scam: पाकिस्तान में प्रस्तावित एक बांध इन दिनों ने हाल ही में अपने इतिहास के सबसे खराब बाढ़ का अनुभव किया है. इस वजह से देश के कई हिस्से जलमग्न हो चुके हैं. हालांकि कई जलवायु विशेषज्ञों ने बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है. इसके लिए देश के भारी बांधों पर भी उंगली उठाई गई है.

सिंधु नदी पर स्थित डायमर-भाषा बांध पाकिस्तान में सबसे बड़े बांधों में से एक साबित हो सकती है और बाढ़ की समस्या को काफी हद तक संभालने की क्षमता भी रख सकता है. हालांकि इस बांध को लेकर अजीबो-गरीब मामला सुर्खियों में आया है.

क्या है पूरा मामला

एक रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु नदी पर बनाया जा रहा डायमर-भाषा बांध एक घोटाले में फंस गया है. बांध गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) में सिंधु नदी पर बनाया जा रहा था. पाकिस्तान की संसदीय मामलों की समिति (पीएसी) की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बांध के निर्माण के लिए सरकार ने 40 मिलियन डॉलर लगभग (3 अरब 18 करोड़) जुटाए गए थे, लेकिन इसके विज्ञापन पर ही 63 मिलियन डॉलर लगभग (5 अरब 2 करोड़) खर्च हो गया. जिसकी वजह से यह कहीं भी पूरा होने के करीब नहीं है.

डायमर-भाषा बांध का इतिहास

बांध गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) में सिंधु नदी पर स्थित है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में है. बांध को मूल रूप से 1980 के दशक में पूरा किया जाना था. भारत के साथ क्षेत्रीय विवाद और स्थानीय लोगों के विरोधों का भी सामना करना पड़ा और तो और पर्यावरणीय प्रभाव और बढ़ती लागत जैसे कारणों से भी परियोजना में देरी हो गई.

फिर, 2018 में पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने बांध के निर्माण के लिए एक कोष की स्थापना की और पाकिस्तान के लोगों से चंदा लेने लगे. तब तक लागत बढ़कर 14 बिलियन डॉलर हो गई थी. लोगों से वादा भी किया गया कि इससे भविष्य में फायदा होगा.

किन-किन लोगों ने किया था योगदान

योगदान में न केवल जनता का हाथ था, बल्कि देश की क्रिकेट टीम और शीर्ष संगीतकारों से भी फंड मिला. सेना और कई सरकारी कर्मचारियों ने 1 बिलियन डॉलर (79 अरब) प्रदान करने के लिए अपने वेतन का एक हिस्सा छोड़ दिया.

2018 में इमरान खान, जो उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. उन्होंने कोष का संयुक्त नेतृत्व ग्रहण किया था. इमरान खान, जो उस समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, उन्होंने कोष का संयुक्त नेतृत्व ग्रहण किया.

पूर्व मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार ने क्या बोला

निसार जब 2019 में सेवानिवृत्त हुए थे, तब 6.3 बिलियन डॉलर लगभग(50 करोड़) की कमी थी. लेकिन उनके ताजा बयान ने देश की जनता को झकझोर कर रख दिया. अब सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि फंड वास्तव में बांध बनाने के लिए नहीं था, बल्कि जागरूकता बढ़ाने के लिए था.

पाकिस्तान के प्रभावशाली  लोगों ने क्या बोला

भ्रष्टाचार के आरोप जल्द ही सामने आ गए और इसको लेकर कई प्रभावशाली पाकिस्तानियों ने उनके खिलाफ बोलना भी शुरू कर दिया. पाकिस्तान नेशनल असेंबली के एक सदस्य, अहसान इकबाल ने दावा करते हुए कहा कि बांध निधि के लिए विज्ञापन पर जितने रुपये खर्च हुए थे, वे उससे ज्यादा है.

पीएसी ने इस मामले को लेकर पिछले महीने पूर्व मुख्य न्यायाधीश को उनके तय समय में स्थापित बांध निधि के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए तलब किया था. दरअसल,डायमर-भाषा बांध का निर्माण होने पर इसकी ऊंचाई 272 मीटर होती और इसकी बिजली उत्पादन क्षमता 4,500 मेगावाट होने की संभावना थी.

ये भी पढ़े: AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के 4 ठिकानों पर ACB ने की छापेमारी, एक हथियार भी मिला

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