Pakistan Inflation: कंगाल पाकिस्तान में महंगाई ने तोड़ा 48 साल का रिकॉर्ड, घी-तेल से लेकर सब महंगा
Pakistan Crisis: पाकिस्तान में भूखमरी के हालात हैं. देश में महंगाई (Inflation) ने जनवरी 2023 में एक नया रिकॉर्ड बनाया. ये 1975 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर है.
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो गई है. आर्थिक संकट (Economic Crisis) इतना गहरा गया है कि देश दिवालिया होने की कगार पर खड़ा है. महंगाई (Inflation) चरम पर है और आम लोगों को दो जून की रोटी जुटाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
महंगाई को लेकर पिछले करीब 48 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. खाने-पीने के साथ रोजाना इस्तेमाल होने वाली दूसरी चीजों के दाम भी बेतहाशा बढ़े हैं. मासूम बच्चों को दूध तक नसीब नहीं हो रहा है. पाकिस्तान (Pakistan) में विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) की भारी कमी है. पाकिस्तानी रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर है. एक डॉलर की कीमत 270 रुपये के पार पहुंच चुकी है.
पाकिस्तान में महंगाई ने तोड़ा रिकॉर्ड
पाकिस्तान में महंगाई ने जनवरी 2023 में एक नया रिकॉर्ड बनाया है और 1975 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा भंडार की कमी की वजह से शहबाज शरीफ की सरकार ने आयात कम कर दिए हैं. द न्यूज इंटरनेशनल न्यूजपेपर की रिपोर्ट के मुताबिक खाद्य पदार्थों, कच्चे माल और उपकरणों के हजारों कंटेनर बंदरगाहों पर अटके हुए हैं.
क्या कहते हैं महंगाई के आंकड़े?
द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार जनवरी 2023 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 24.47 फीसदी से बढ़कर 27.55 फीसदी हो गई. खाद्य पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी ने मुद्रास्फीति को और बढ़ा दिया है. मई 1975 में सीपीआई मुद्रास्फीति 27.77 फीसदी थी. पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो (PBS) के अनुसार, जुलाई 2022 से जनवरी 2023 में औसत महंगाई वित्त वर्ष 2022 की समान अवधि में केवल 10.26 फीसदी के मुकाबले 25.4 फीसदी दर्ज की गई थी.
देश में महंगाई (खाद्य और ऊर्जा घटकों को छोड़कर) भी 2011 के बाद से चरम पर रही. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक ये बात की ओर इंगित करता है कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में छूट दर को ऊंचा रखेगा. इसी रिपोर्ट के अनुसार, 23 जनवरी को केंद्रीय बैंक ने अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद करने के लिए नीतिगत दर को 100 आधार अंकों से बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया, जो 1998 के बाद सबसे अधिक है.
महंगाई से टूटी आम लोगों की कमर
फिलहाल पाकिस्तान में वित्तीय संकट और आपूर्ति में भारी कमी के बीच महंगाई से लोगों की कमर टूट गई है. घी, आटा-चावल से लेकर दूध, सब्जी, मांस और पेट्रोलियम पदार्थ तक की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है. लोगों की जेब खाली है और कुल मिलाकर भूखमरी की स्थिति है.
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