Michael Rubin Blames Pakistan: 'भारत को पाकिस्तान के गले की नस काटने की जरूरत', पहलगाम हमले पर अमेरिका के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन का बयान
पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पहलगाम आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने असीम मुनीर के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है.

Michael Rubin Blames Pakistan For Pahalgam Attack: अमेरिका के पेंटागन के पूर्व अधिकारी माइकल रुबिन ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हालिया बयान को आतंकी हमले की लिए जिम्मेदार माना है, जिसमें आर्मी चीफ ने कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान की गले की नस है. माइकल रुबिन ने कहा कि असीम मुनीर के बयान ने आतंकी हमले के लिए उकसाने का काम किया है. उन्होंने आगे कहा कि अब भारत को पाकिस्तान की गर्दन की नस काटने की जरूरत है. अब कोई कूटनीतिक रवैया नहीं चल सकता.
अमेरिकी थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट (AEI) के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान कई दशकों से लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को पनाह देता आ रहा है. पाकिस्तान के राजनयिक अक्सर पश्चिमी देशों को गुमराह करते रहे हैं, जिससे इन संगठनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है. नतीजतन, अब न केवल पाकिस्तान बल्कि बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी आतंकवादी नेटवर्क फैलता जा रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका आतंकवादी नेटवर्क को फैलाने में काफी मददगार साबित होती है.
हमले की टाइमिंग पर उठाए गए सवाल
रुबिन ने स्पष्ट किया कि भले ही अभी तकनीकी खुफिया जानकारी पूरी तरह सामने नहीं आई हो, लेकिन अब तक जो शुरुआती संकेत मिले हैं, वे पाकिस्तान की संलिप्तता की ओर ही इशारा करते हैं. उन्होंने कहा कि हमले के पीछे ISI का हाथ है, इसलिए शक की की सुई पाकिस्तान की तरफ इशारा कर रही है. रुबिन ने हमले की टाइमिंग को भी सवालों के घेरे में रखा. उन्होंने कहा कि यह हमला ठीक उसी तरह हुआ, जैसे 2000 में बिल क्लिंटन के भारत दौरे के दौरान हुआ था. इस बार भी, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत यात्रा पर थे, ठीक उसी दौरान पहलगाम में हमला हुआ. उनका कहना है कि यह पाकिस्तान की ओर से ध्यान भटकाने की रणनीति हो सकती है. अमेरिका को अब इससे आंखें मूंदने की बजाय खुली प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
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Source: IOCL























