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North Korea: दिवालिया होने लगा तानाशाह किम जोंग, हथियारों की भूख ने बढ़ाई मुसीबत, दुनियाभर में बंद कर रहे उत्तर कोरिया के दूतावास

Kim Jong Un: किम जोंग उन का परिवार उत्तर कोरिया पर सात दशकों से शासन चला रहा है. परमाणु हथियारों की चाहत की वजह से उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगे हुए हैं.

North Korea: उत्तर कोरिया चीन और रूस जैसे अपने पारंपरिक दोस्तों से अपनी दोस्ती गहरी कर रहा है. लेकिन इसके बाद भी उसे पैसों की किल्लत होते जा रही है. इसका असर अब उसके विदेशी दूतावासों पर भी दिखने लगा है. पैसों की कमी से जूझ रहे उत्तर कोरिया को अपनी विदेशी मौजूदगी कम करनी पड़ रही है. तानाशाह किम जोंग उन के देश को अपनी एक चौथाई राजनयिक मिशनों को बंद करना पड़ रहा है. खराब अर्थव्यवस्था ने देश की कमर तोड़कर रख दी है. 

जापानी न्यूजपेपर योमीउरी शिमबुन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूगांडा, अंगोला, हांगकांग और स्पेन में उत्तर कोरिया के दूतावास बंद हो गए हैं. इन दूतावासों में काम करने वाले राजनयिकों और स्टाफ ने अपना बोड़िया-बिस्तर बांध लिया है. अब वे उत्तर कोरिया के लिए रवाना होने वाले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा ही कुछ आठ अन्य देशों में भी उत्तर कोरियाई दूतावासों के साथ भी होने वाला है. जिन देशों में दूतावास बंद हो रहे हैं, उनमें से कुछ के साथ उत्तर कोरिया के संबंध भी बेहतर थे.

क्यों बंद करना पड़ा रहा दूतावास? 

दरअसल, उत्तर कोरिया ने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम में महारत हासिल की है. लेकिन इसके लिए उसे आर्थिक प्रतिबंधों से भी जूझना पड़ा है. प्रतिबंधों की वजह से देश के पास विदेशी मुद्रा नहीं है. इस विदेशी मुद्रा के जरिए ही विदेशों में दूतावास चलाए जाते हैं. उत्तर कोरिया के दूतावासों को सीधे देश से पैसा नहीं मिलता है, बल्कि कंस्ट्रक्शन के साथ-साथ अवैध व्यापार, तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए दूतावास तक पैसा पहुंचाया जाता है. 

दक्षिण कोरिया के यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री ने बताया कि कड़े प्रतिबंधों की वजह से उत्तर कोरिया के लिए पैसा बनाने के इन तरीकों पर असर पड़ा है. मिनिस्ट्री का कहना है कि ये उत्तर कोरिया की बिगड़ती अर्थव्यवस्था की एक झलक दिखाता है, जहां उसे अपने पारंपरिक साथियों के साथ भी राजनयिक रिश्ते बरकरार रखना मुश्किल हो रहा है. उत्तर कोरिया ने चीन के साथ लगने वाली सीमाओं को भी बंद किया है. चीन किम के देश का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. 

उत्तर कोरिया ने दूतावासों के बंद होने की क्या वजह बताई? 

हालांकि, उत्तर कोरिया का दावा है कि किसी भी संप्रभु देश के लिए अपने राजनयिक प्राथमिकताओं पर विचार करना अधिकार है. दूतावासों को बंद करना सामान्य काम का हिस्सा है. ऐसा बाहरी रिश्तों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय हित को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय वातावरण और राज्य की विदेश नीति में बदलाव के अनुरूप हम अन्य देशों में या तो राजनयिक मिशन बंद कर रहे हैं या नए खोल रहे हैं. ऐसा पहले भी हो चुका है.

यह भी पढ़ें: किम जोंग उन का वो खतरनाक प्लान, जो इजरायल-हमास युद्ध में ला सकता है भूचाल! जानें

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