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India-Maldives Relations: अपने ही देश में घिरे मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू! भारत विरोधी रुख पर विपक्ष ने लगाई फटकार
Maldives Govt: मालदीव के दो प्राथमिक विपक्षी दलों मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और डेमोक्रेट्स ने बुधवार (24 जनवरी, 2024) को भारत को सबसे पुराना सहयोगी घोषित करार दिया.
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India-Maldives Relations: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चुनावी कैंपेन के दौरान जिस भारत विरोधी मुद्दे (इंडिया आउट कैंपेन) को हथियार बनाया था, उनका वह दांव अब उल्टा पड़ता दिख रा है. ऐसा इसलिए क्योंकि मालदीव के दो विपक्षी दलों - मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) और डेमोक्रेट्स - ने मालदीव सरकार के भारत विरोधी रुख को लेकर चिंता जताई है और सरकार को फटकार लगाई.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव के इन दो अहम विपक्षी दलों ने बुधवार (24 जनवरी) को भारत को सबसे पुराना सहयोगी करार दिया. दोनों पार्टियों ने संयुक्त प्रेस रिलीज जारी कर देश के भारत विरोधी रुख रखने वाले नेता पर चिंता जाहिर की. उन्होंने प्रेस रिलीज के जरिए देश की विदेश नीति में आए बदलाव को दीर्घकालिक विकास के लिए बेहद हानिकारक बताया.
Joint Press Statement by the Maldivian Democratic Party and The Democrats.https://t.co/ioIfMd5Yyp pic.twitter.com/thHelqRM9K
— MDP Secretariat (@MDPSecretariat) January 24, 2024
विपक्ष ने शासन के मामलों पर सहयोग करने का किया वादा
मालदीव की मौजूदा विदेश नीति पर निशाना साधते हुए विपक्षी दलों ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे वर्तमान प्रशासन भारत विरोधी रुख रख रहा है. MDP और डेमोक्रेट, दोनों का मानना है कि किसी भी विकास के भागीदार और विशेष रूप से देश के सबसे पुराने सहयोगी को अलग करना देश के दीर्घकालिक विकास के लिए बेहद हानिकारक है.
MDP के अध्यक्ष फैयाज इस्माइल, संसद के उपाध्यक्ष अहमद सलीम समेत डेमोक्रेट पार्टी के अध्यक्ष हसन लतीफ और संसदीय समूह के नेता सांसद अली अजीम के साथ मिलकर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान कहा कि देश की सरकारों को मालदीव के लोगों के लाभ के लिए सभी विकास भागीदारों के साथ काम करने में सक्षम होना चाहिए. जैसा कि मालदीव पारंपरिक रूप से करता आया है. इस दौरान 87 सदस्यीय सदन में सामूहिक रूप से 55 सीटें रखने वाले दोनों विपक्षी दलों ने शासन के मामलों पर सहयोग करने का वादा किया और विदेश नीति और पारदर्शिता के मुद्दों पर चिंता व्यक्त की.
देश की स्थिरता और विकास पर खासा असर
मालदीव के दो प्रमुख विपक्षी दलों की ओर से यह भी बताया गया कि भारत के साथ पुराने सहयोग हटने से देश की स्थिरता और विकास पर खासा असर पड़ेगा. इस बीच, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया कि हाल ही में मालदीव ने चीन के एक जासूसी जहाज को ठहरने की अनुमति दे दी. इस पर विपक्षी दलों उन्होंने कहा कि मालदीव की स्थिरता और सुरक्षा के लिहाज से हिंद महासागर की सुरक्षा काफी जरूरी है. वहीं, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद चीन के हक में एक फैसला लिया गया. फैसले के तहत मालदीव ने चीन को अपनी सरजमी पर पहला बंदरगाह बनाने का करार किया है. इसके वजह से भारत-मालदीव के बीच तनाव और बढ़ गया है.
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