अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर कहा- भारत-पाक चाहें तो कर सकते हैं मध्यस्थता, सब पीएम मोदी पर निर्भर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि अगर दोनों देश चाहें तो वो मध्यस्थ बन सकते हैं. ट्रंप बोले कि ये पीएम मोदी पर निर्भर करता है.

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैंकॉक में मुलाकात से पहले राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का राग छेड़ दिया है. उन्होंने अमेरिका में गुरुवार को दिए बयान में कहा कि अगर भारत-पाक चाहें तो वो बन सकते हैं मध्यस्थ, सब पीएम मोदी पर निर्भर करता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ''ये सब कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निर्भर करता है. मुझे लगता है कि इमरान खान और नरेंद्र मोदी दोनों जबर्दस्त इंसान हैं. मुझे लगता है दोनों की एक दूसरे से अच्छी पटेगी. लेकिन अगर वो लोग किसी की मध्यस्थता चाहते हैं तो मैं मदद कर सकता हूं. मैंने पाकिस्तान से बात की थी औऱ मैंने इस बारे में भारत में भी बात की थी.''
बता दें कि इससे पहले इमरान खान के पाकिस्तान दौरे के दौरान भी राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की बात कही थी. इसके बाद भारत में ट्रंप के बयान को लेकर जबरदस्त विरोध हुआ था. संसद में भी विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर शोऱ से उठाते हुए पीएम मोदी के बयान की मांग की थी. इस पर दोनों सदनों में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा था कि पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने कश्मीर के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा. विदेश मंत्री के बयान के बाद भी जब विपक्ष शांत नहीं हुआ तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लोकसभा में बयान दिया था. अब एक बार फिर ट्रंप का बयान सामने आने के बाद विपक्ष के हंगामे के आसार हैं.
इमरान के सामने क्या बोले थे राष्ट्रपति ट्रंप? अमेरिका राष्ट्रपति ने इमरान खान की मौजूदगी में कहा, ''मैं दो हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ था. हमारे बीच इस मसले पर बातचीत हुई. उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या आप इस मसले पर मध्यस्थता करना चाहेंगे. मैंने पूछा- कहां. उन्होंने कहा कि कश्मीर. मैं आश्चर्यचकित हो गया. यह मसला काफी लंबे समय से चला आ रहा है.'' ट्रंप ने आगे कहा, ''मुझे लगता है कि वे हल चाहते हैं, आप हल चाहते हैं और अगर मैं मदद कर सकता हूं तो मुझे मध्यस्थता करके खुशी होगी. दो बेहद शानदार देश, जिनके पास बहुत स्मार्ट लीडरशिप है वे इतने सालों से ये मसला हल नहीं कर पा रहे हैं. अगर आप चाहते हैं कि मैं मध्यस्थता करूं तो मैं यह करूंगा.''
बयान के बाद अपने ही मुल्क में घिर गए थे ट्रंप राष्ट्रपति ट्रंप कश्मीर पर दिए बयान के बाद अपने ही मुल्म में घिरते नजर आए थे. ट्रंप के बयान के बाद अमेरिका के कई सांसदों ने भारतीय उच्चायुक्त को फोन कर खेद जताया था. अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने ट्रंप के बयान को शर्मिंदगी से भरा बयान बताया. अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमैन ने ट्वीट किया, ''कोई भी जो दक्षिण की विदेश नीति के बारे में जानता है उसे पता है कि भारत लगातार कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का विरोध करता रहा है. सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कभी बी ऐसा प्रस्ताव नहीं देंगे. ट्रंप का बयान बचकाना, भ्रामक और शर्मनाक है. '' इतना ही नहीं ब्रैड शेरमैन ने ट्रंप के बयान के लिए अमेरिका में भारत के राजदूत से माफी भी मांगी. उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, ''मैं भारतीय राजदूत हर्ष श्रींग्ला से ट्रंप की बचकानी और शर्मनाक गलती के लिए माफी मांगता हूं."
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