पाकिस्तान में हिंदुओं के खराब हालात! होली मनाने के लिए हिंदू संगठन ने मांगी सुरक्षा, कह दी बड़ी बात
Pakistan News: इस बार होली का त्यौहार 14 मार्च को मनाया जा रहा है. इसी बीच पाकिस्तान में अखिल पाकिस्तान हिंदू अधिकार आंदोलन के अध्यक्ष हारून सरब दियाल ने एक बड़ा मांग उठाई है.

Pakistan News: पाकिस्तान के हिंदू अधिकार संगठन ने मंगलवार को सरकार से मुल्तान के प्राचीन मंदिर में होली मनाने के लिए सुरक्षा प्रदान करने की मांग की. संगठन ने पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया कि वह पंजाब प्रांत के मुल्तान शहर में स्थित प्राचीन प्रह्लादपुरी मंदिर में हिंदुओं के होली और अन्य त्योहारों के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सुरक्षा और आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करे. प्रह्लादपुरी मंदिर हिंदू देवता नरसिंह को समर्पित एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है.
लोककथाओं के अनुसार, होली के त्योहार की शुरुआत इसी मंदिर से हुई थी. हालांकि वर्तमान में यह मंदिर जर्जर अवस्था में है.
हारून सरब दियाल ने उठाई ये मांग
अखिल पाकिस्तान हिंदू अधिकार आंदोलन के अध्यक्ष हारून सरब दियाल ने कहा कि 14 से 16 मार्च तक मंदिर में होली और अन्य त्योहारों को मनाने के लिए पाकिस्तानी हिंदुओं को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए. दियाल ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी हिंदुओं को उनके पूजा करने के संवैधानिक अधिकारों से लगातार वंचित किया जा रहा है, जो बेहद चिंताजनक है.
हारून सरब दियाल ने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे दक्षिणी पंजाब में स्थानीय हिंदू समुदाय के साथ मिलकर उनकी सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं का समाधान करें. उन्होंने कहा, 'यदि हमारी पूर्ण सुरक्षा की मांग पूरी नहीं की गई, तो हम अपने संवैधानिक और नैतिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए हर उपलब्ध मंच पर अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होंगे.' इस दौरान दियाल ने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के साथ किए जा रहे व्यवहार पर गहरी निराशा व्यक्त की.
‘संवैधानिक अधिकारों से किया जा रहा है वंचित’
अखिल पाकिस्तान हिंदू अधिकार आंदोलन के अध्यक्ष हारून सरब दियाल ने कहा, 'पाकिस्तानी हिंदू होने के नाते हमें पूजा करने और अपनी सांस्कृतिक व धार्मिक परंपराओं को मनाने के संवैधानिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.'
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, 'हमारे प्राचीन मंदिरों की हालात बेहद निराशाजनक है. इसके अलावा हमें अपने ही पूजा स्थलों में प्रवेश के लिए अधिकारियों से अनुमति लेनी पड़ती है, जो हमारे धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है.'
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