Germany Election 2025: जर्मनी चुनाव में फ्रेडरिक मर्ज ने जीत दर्ज करते ही अमेरिका पर साधा निशाना, ट्रंप ने जानिए क्या कहा
Germany election 2025: जर्मनी के राष्ट्रीय चुनाव 2025 में फ्रेडरिक मर्ज़ की रूढ़िवादी गठबंधन की जीत हुई है, जिससे देश के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला.

Germany Election 2025: जर्मनी में रविवार (23 फरवरी) को हुए राष्ट्रीय चुनाव में रूढ़िवादी गठबंधन (CDU/CSU) ने जीत हासिल की, और फ्रेडरिक मर्ज अगले जर्मन चांसलर बनने के लिए तैयार हैं. एग्जिट पोल के अनुसार, यह चुनाव जर्मनी के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है. इसके साथ ही दूर-दराज पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AFD) ने रिकॉर्ड समर्थन हासिल करते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया.
इस चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेक अरबपति एलन मस्क सहित कई अमेरिकी हस्तियों ने एएफडी को समर्थन दिया था. ट्रंप ने ओलाफ स्कोल्ज़ के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि जर्मनी के लोगों ने सामान्य ज्ञान की कमी वाली नीतियों को खारिज कर दिया है. ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर लिखा, "यह जर्मनी के लिए एक महान दिन है. जर्मनी के लोग अब बिना किसी एजेंडे से थक गए हैं."
LOOKS LIKE THE CONSERVATIVE PARTY IN GERMANY HAS WON THE VERY BIG AND HIGHLY ANTICIPATED ELECTION. MUCH LIKE THE USA, THE PEOPLE OF GERMANY GOT TIRED OF THE NO COMMON SENSE AGENDA, ESPECIALLY ON ENERGY AND IMMIGRATION, THAT HAS PREVAILED FOR SO MANY YEARS. THIS IS A GREAT DAY…
— Donald J. Trump Posts From His Truth Social (@TrumpDailyPosts) February 23, 2025
फ्रेडरिक मर्ज की प्राथमिकताएं
हालांकि ट्रंप ने मर्ज की जीत का स्वागत किया, फ्रेडरिक मर्ज ने चुनाव के बाद अपनी जीत के भाषण में अमेरिका पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उनका प्राथमिक लक्ष्य यूरोप में एकता को मजबूत करना है और अमेरिका से "वास्तविक स्वतंत्रता" प्राप्त करने की दिशा में काम करना है.
मर्ज ने कहा कि अमेरिका के उदासीन रवैये के कारण यूरोप को अब अपने भविष्य के लिए खुद पर भरोसा करना होगा. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि नाटो का भविष्य कैसा रहेगा और क्या इसका मौजूदा स्वरूप अगले शिखर सम्मेलन में भी बरकरार रहेगा.
AAFD का विस्तार और गठबंधन की चुनौती
चुनाव में AAFD का विस्तार एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि पार्टी ने 20.5 फीसदी वोट हासिल किए हैं, जो कि पिछले चुनाव की तुलना में दोगुने से भी अधिक है. हालांकि, मुख्यधारा की पार्टियों ने एएफडी के साथ किसी भी तरह का गठबंधन करने से इनकार कर दिया है, जिससे मर्ज को जटिल गठबंधन वार्ता का सामना करना पड़ेगा.
जर्मनी के लिए कठिन दौर
फ्रेडरिक मर्ज के लिए चांसलर बनने का समय चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि जर्मनी की अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है और समाज में प्रवासन को लेकर मतभेद बढ़ रहे हैं. मर्ज को जर्मनी की सुरक्षा नीति और अमेरिका, रूस, और चीन के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर रखना होगा.
तीन-तरफा गठबंधन की संभावना
चुनाव के नतीजों के बावजूद, मर्ज को बहुमत प्राप्त करने के लिए एक या दो छोटे दलों के साथ गठबंधन करना पड़ सकता है. हालांकि, तीन-तरफा गठबंधन जटिल और बोझिल हो सकता है, जिससे जर्मनी की नेतृत्व क्षमता पर असर पड़ेगा.
वाम-मध्यमार्गियों का पतन
चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) को सिर्फ 16.5 प्रतिशत वोट मिले, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से उनका सबसे खराब प्रदर्शन है. ग्रीन्स को 11.8 प्रतिशत वोट मिले, जबकि वामपंथी डाई लिंके पार्टी को युवा मतदाताओं के समर्थन से 8.7 प्रतिशत वोट हासिल हुए.
चुनाव परिणाम और भविष्य की दिशा
जर्मनी के इस चुनाव ने स्पष्ट कर दिया है कि देश का राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रही है. एएफडी का उदय और मर्ज़ की सीडीयू/सीएसयू की जीत इस बात का संकेत है कि मतदाता नई दिशा में जाना चाहते हैं, विशेषकर अमेरिका से स्वतंत्रता और यूरोप की एकता के प्रति प्रतिबद्धता के साथ.
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