बांग्लादेश के राजशाही में भारतीय दूतावास के पास प्रदर्शन! चटगांव में भी बवाल, कई जगह आगजनी
बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा भड़क गई है. कट्टरपंथ गुटों से जुड़े प्रदर्शनकारी भारतीय हाई कमीशन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में सुरक्षाबल तैनात हैं.

बांग्लादेश के छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद राजधानी ढाका में कई इलाकों में गुरुवार को हिंसा भड़क गई. अब खबर आई है कि राजशाही में भारतीय कमीशन के पास नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरु हो गए हैं. इससे कुछ घंटे पहले दक्षिणी चटगांव में असिस्टेंट हाई कमीशन पर हमला करने की कोशिश कर रही भीड़ को सुरक्षा बलों ने पीछे धकेल दिया था. दरअसल, पिछले कई दिनों से भारतीय हाई कमीशन के पास विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं कई जगहों पर आगजनी भी हुई है.
भारतीय कमीशन के बाहर स्थिति तनावपूर्ण
स्थिति अच्छी नहीं है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बांग्लादेश में भारतीय कमीशन और चौकियों के बाहर की स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. हालांकि, भारत के राजनयिक और अधिकारी सुरक्षित हैं. इस पूरे मामले में सवाल बांग्लादेश की पुलिस और सुरक्षा बल पर भी उठ रहे हैं. समय पर कार्रवाई विफल रही है. भारतीय कमीशन के पास जब उग्र भीड़ पहुंची, तभी सुरक्षाबल और स्थानीय पुलिस ने दखल दिया है.
विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश हाई कमिश्नर को किया था तलब
पूरे मामले में भारतीय कमीशन की सुरक्षा और चरमपंथी तत्वों के बढ़ते खतरे को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के हाई कमिश्नर रियाज हमीदुल्ला को तलब किया था. हमीदुल्ला को बताया गया था कि भारत उम्मीद करता है कि अंतरिम सरकार राजनयिक दायित्वों के अनुसार बांग्लादेश में मिशनों और चौकियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी.
Why is it that tipra are the first to protest against atrocities against minority in Bangladesh ? Why is that we are the first to challenge Bangladesh theory of breaking up our northeast . And why are we tiprasa targeted when your real enemy should be radicals from Bangladesh ? pic.twitter.com/B00GiobLXL
— Pradyot_Tripura (@PradyotManikya) December 19, 2025
हादी का शव पहुंचने के बाद बिगड़ सकती है स्थिति
अंदाजा है कि सिंगापुर से हादी का शव बांग्लादेश लाने के बाद स्थिति और बिगड़ सकती है. 12 दिसंबर को ढाका में गोली लगने के बाद उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया था. हादी की हत्या का दोषी पूर्व पीएम प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी को ठहराया जा रहा है. हालांकि, इससे जुड़े ठोस सबूत नहीं है. गुरुवार रात को भारतीय असिस्टेंट हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में दो पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल हो गए.
बांग्लादेश के UNB समाचार एजेंसी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने ईंटें फेंकी और परिसर में तोड़फोड़ की. अधिकारियों के मुताबिक आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इधर, हाईकमीशन की तरफ बढ़ रहे मार्च को रोके जाने के बाद से तनाव बढ़ गया है. राजशाही में कट्टरपंथी और भारत विरोधी ताकतें अधिक सक्रिय थीं.
बांग्लादेश में शनिवार को रहेगा राजकीय शोक
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को एक व्यक्ति ने बताया, अधिकारियों ने हादी की हत्या में भारत कनेक्शन की बिना सबूत वाली रिपोर्टों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. इस वजह से यह स्थिति बनी है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हादी की मौत पर शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है.
फरवरी में होना है आम चुनाव
वहीं, अंतरिम सरकार के कार्यवाहक मुखिया मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि लोकतांत्रिक बदलाव को उन कुछ लोगों द्वारा पटरी से नहीं उतारा जाना चाहिए, जो अराजकता पर पनपते हैं. शांति को अस्वीकार करते हैं.
बांग्लादेश में 12 फरवरी को आम चुनाव होना है. अंतिरम सरकार ने एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या की भी निंदा की है. बयान में कहा है, नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. इस जघन्य अपराध के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा. दरअसल, 30 साल दीपू चंद्र दास जो गारमेंट फैक्ट्री में मजदूर था, उसकी मैमनसिंह इलाके के भालुका में एक भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. भीड़ ने उनपर ईशनिंदा का आरोप लगाया था. उसके शव को पेड़ से बांधकर आग लगा दी गई.
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Source: IOCL






















