अफगानिस्तान से अपने दूतावास के कर्मचारियों को वापस लाएगा अमेरिका, सुरक्षा के लिए भेजे जाएंगे 3000 सैनिक
अफगानिस्तान में तालिबान का प्रसार लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास से अमेरिकी कर्मचारियों की वापसी के लिए 3000 सैनिकों को भेजे जाने की बात कही है.
अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी के साथ ही अफगानिस्तान में तालिबान का संकट काफी गहरा गया है. अफगानिस्तान में लगातार हो रहे हमलों के बीच अफगानी सेना तालिबान के आगे कमजोर दिखाई दे रही है. वहीं इस बीच काबुल में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए अमेरिका ने उन्हें वापस बुलाने का बड़ा फैसला लिया है.
दूतावास से होगी अमेरिकी कर्मचारियों की वापसी
तालिबानी आतंक के साए में घिरते अफगानिस्तान में काफी तेजी से हालात बदलते दिख रहे हैं. इस बीच काबुल में अमेरिकी दूतावास से अपने कर्मचारियों को वापस लाने के लिए अमेरिका ने सेना भेजने का ऐलान किया है. पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने गुरुवार को घोषणा करते हुए कहा है कि 'अमेरिकी रक्षा विभाग काबुल से दूतावास के कर्मचारियों को निकालने के लिए अफगानिस्तान में सेना भेजेगा.'
The US Department of Defense will send troops in Afghanistan to evacuate embassy staff from Kabul, announces Pentagon Press Secretary John Kirby.
— ANI (@ANI) August 12, 2021
"3 infantry battalions to move to Kabul airport in the next 24-48 hours. That is roughly 3,000 troops," he says in a briefing pic.twitter.com/6MnWMbuCf5
काबुल एयरपोर्ट पर तैनात होंगे 3000 सैनिक
प्रेस वार्ता के दौरान जॉन किर्बी ने साफ किया कि अमेरिकी दूतावास से अपने कर्मचारियों को निकालने के लिए अगले 24-48 घंटे में सेना की 3 इन्फेंट्री बटालियन को काबुल एयरपोर्ट भेजा जाएगा. उन्होंने साफ किया कि इस दौरान कुल 3000 सैनिक भेजे जाएंगे. इसके साथ ही 3500 सैनिकों को कतर में स्टैंडबाई पर तौनात किया गया है. जो किसी प्रकार की दिक्कत होने पर मदद के लिए भेजे जाएंगे.
ब्रिटेन भी भेजेगा अपने सैनिक
इस बीच अमेरिका को देखते हुए ब्रिटेन ने भी अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना भेजना की बात कही है. ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा है कि अफगानिस्तान से ब्रिटिश नागरिकों को निकालने के लिए 600 ब्रिटिश जवानों को अफगानिस्तान के लिए रवाना किया जाएगा.
11 प्रांतीय राजधानियों पर तालिबान का कब्जा
बता दें कि अमेरिका और नाटो के सैनिक करीब 20 साल पहले अफगानिस्तान आये थे और उन्होंने तालिबान सरकार को हटा दिया था. वहीं अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबान ने गुरुवार को काबुल के निकट हर तरह से महत्वपूर्ण एक और प्रांतीय राजधानी और देश के तीसरे सबसे बड़े शहर पर कब्जा कर लिया और इसे मिलाकर यह आतंकवादी संगठन अब तक 34 प्रांतीय राजधानियों में से 11 पर कब्जा कर चुका है.
इसे भी पढ़ेंः
विपक्ष के आरोपों पर राज्यसभा सचिवालय ने कहा- सदन में हंगामे के दौरान तैनात सुरक्षाकर्मियों में कोई बाहरी नहीं था
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets