Jaish-e-Mohammed: जैश सरगना मसूद अजहर का करीबी एजाज इसार मारा गया, PoK टैरर कैंप का था चीफ
जैश ए मोहम्मद के टॉप कमांडर और मसूद अज़हर के करीबी अब्दुल एजाज इसार की रहस्यमयी मौत हुई है. जानिए उसके आतंकवादी नेटवर्क में भूमिका के बारे में.

Pakistan Terorist Abdul Aijaz Isar Death: जैश ए मोहम्मद के सेंट्रल सूरा के सदस्य और टॉप कमांडर अब्दुल एजाज इसार की कल सुबह (2 जून) को 10:30 बजे मौत हो गई. ये मसूद अजहर का करीबी था. अब्दुल एजाज इसार जैश के सेंट्रल सूरा के सदस्य के अलावा PoK के गिलगिट बलिटिस्टान प्रांत के टैंगर इलाके में स्थित जैश ए मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप मरकज तालीम का भी प्रमुख था.
मंगलवार (2 जून 2025) रात 8 बज कर 48 मिनट पर जैश के हेडक्वार्टर मरकज सुभानल्लाह में अब्दुल एजाज इसार का नमाज ए जनाजा हुआ, जिसके बाद इसे मरकज सुभानल्लाह के परिसर ने ही दफन कर दिया गया. जहां 7 मई को भारत की स्ट्राइक में मारे गए मसूद अजहर के परिवार वालों को दफन किया गया था.
जैश-ए-मोहम्मद के सबसे कुख्यात वरिष्ठ नेता मौलाना अब्दुल अजीज इसर की मौत हो गई है उसकी मौत के कारण की पुष्टि नहीं हुई
— ADITI ARORA 💯% Follow Back. (@Aditii_Arora) June 3, 2025
उसका अंतिम संस्कार #Pakistan के बहावलपुर पंजाब में किया #TerroristStatePakistan#RussianUkraineWar #கலைஞர்102#TheRajaSaab#IPL2025Final#परमात्मा_की_पहचान pic.twitter.com/U80v2MrEWV
पाकिस्तान से था अब्दुल ऐज़ाज इसार का संबंध
अब्दुल एजाज इसार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के भक्कर जिले का रहने वाला था और 90 के दशक से मसूद अजहर के साथ जुड़ा हुआ था. अब्दुल एजाज इसार मसूद अजहर के करीबियों में एक था और इसकी जिम्मेदारी गिलगिट बैलिटिस्तान में जैश ए मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप की देखरेख करना, आतंकियों की ट्रेनिंग करना और गिलगिट बैलिटिस्तान ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जिहाद का पाठ पढ़ा कर जैश में भर्ती करना था.
ऑपरेशन सिंदूर से आतंकियों में खौफ
ऑपरेशन सिंदूर भारत की तरफ से हाल ही में चलाया गया एक सशक्त प्रिवेंटिव स्ट्राइक मिशन था, जिसका मकसद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों के ठिकानों पर हमला करना था. इस ऑपरेशन में जैश और लश्कर के ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए गए. खुफिया तंत्र और उपग्रह imagery के माध्यम से ठिकानों की पहचान की हई और सीमित, लेकिन बेहद प्रभावशाली सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इस ऑपरेशन के बाद न केवल आतंकी ठिकाने ध्वस्त हुए, बल्कि उनके मनोबल, भर्ती प्रक्रिया और प्रचार मशीनरी पर गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ा.
Source: IOCL
























