यूपी: समाजवादी पार्टी के वोट ट्रांसफर नहीं हुए होते तो BSP नहीं जीतती- रामगोपाल यादव
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी गठबंधन पर अपने पत्ते खोल दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन खत्म हो गया है तो हम भी विधानसभा उपचुनावों में अपने प्रत्याशी उतारेंगे.
नई दिल्ली: एसपी-बीएसपी तल्ख होते रिश्तों और गठबंधन में दरार के संकेत के बाद रामगोपाल यादव ने एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि समाजवादी पार्टी बीएसपी से बड़ी और पुरानी पार्टी है. अगर बीएसपी अकेले चुनाव लड़ेगी तो हम भी अकेले लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि कभी कोई जाति पूरी तरह साथ नहीं रही. समाजवादी पार्टी के वोट बीएसपी को ट्रांसफर हो गए, अगर वोट ट्रांसफर नहीं हुए होते बीएसपी नहीं जीतती.
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी गठबंधन पर अपने पत्ते खोल दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर गठबंधन खत्म हो गया है तो हम भी विधानसभा उपचुनावों में अपने प्रत्याशी उतारेंगे.
अखिलेश से पहले बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साफ कर दिया था कि आने वाले विधानसभा उपचुनावों में बीएसपी गठबंधन के तहत चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि अपने प्रत्याशी उतारेगी. आपको बता दें कि पिछले काफी दिन से ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सपा-बसपा का गठबंधन खत्म हो सकता है. अब इस बात पर मुहर लग गई है कि सपा और बसपा के रास्ते अलग-अलग हो चुके हैं.
क्या कहा अखिलेश यादव ने
सपा नेता विजय यादव के घर शोक सांतवना देने पहुंचे अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के नेताओं को चुन चुन कर निशाना बनाया जा रहा है और प्रदेश भर में ऐसा ही हो रहा है. यूपी की बीजेपी सरकार सुरक्षा की बात करती है लेकिन ऐसा है नहीं और राजनीतिक कारणों से समाजवादी पार्टी के नेताओं की हत्याएं की जा रही हैं.
जब अखिलेश से गठबंधन पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी वे सपा नेताओं के साथ बैठक करेंगे और विचार विमर्श के बाद ही कुछ कहेंगे. हालांकि उन्होंने कहा,"अब जब गठबंधन ही नहीं है तो हम भी अपने उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे."
क्या कहा था मायावती ने
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यादवों ने महागठबंधन को वोट नहीं किया है, इसलिए वो सियासी मजबूरियों की वजह से फिलहाल गठबंधन को अस्थाई तौर पर विराम दे रही हैं. इसके साथ ही मायावती ने एलान किया कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में होगी. हालांकि, मायावती ने ये जरूर साफ किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव और डिंपल यादव की तरफ से उन्हें बहुत सम्मान मिला, इसलिए अब परिवार से निजी रिश्ते कभी नहीं टूटेंगे.
बीएसपी के अकेले चुनाव लड़ने पर मायावती ने कहा, "वर्तमान हालत में अब हमने उपचुनाव अकेले ही लड़ने का फैसला किया है. ये फैसला फ़िलहाल के लिए है. अगर अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं को सुधार लेते हैं तो गठबंधन बना रहेगा, नहीं तो अलग ही चलेंगे. यादवों ने गठबंधन को वोट नहीं किया, अगर किया होता तो समाजवादी पार्टी के बड़े नेता चुनाव नहीं हारते."
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