यूपी: चंद्रयान-2 अभियान में शामिल है लखनऊ की बेटी रितु, संभाल रही है मिशन डायरेक्टर की जिम्मेदारी
देश के बेहद काबिल वैज्ञानिकों की टीम ने सोमवार को कामयाबी के साथ चंद्रयान 2 को लॉन्च किया. तय वक्त पर चंद्रयान 2 अपने मिशन पर रवाना हुआ और कामयाबी के साथ कुछ ही मिनटों बाद पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया. 48 दिनों बाद चांद पर पहुंच जाएगा.

लखनऊ: देश के चंद्रयान-2 अभियान में मिशन डायरेक्टर के रूप में नवाबों के शहर लखनऊ की रितु करिधल का भी नाम है. चंद्रयान-2 अभियान की सफलता के बाद शहर में उनके अध्यापकों, सहपाठियों और रिश्तेदारों को भी लगातार बधाई संदेश मिल रहे है और वह अपनी छात्रा, साथी और रिश्तेदार की इस सफलता से खुशी के मारे फूले नहीं समा रहे. इसरो के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी अंतरिक्ष मिशन की कमान दो महिला वैज्ञानिकों रितु करिधल और एम विनीता के हाथ में है.
लखनऊ विश्वविदयालय की भौतिकी विज्ञान की प्रमुख पूनम टंडन ने मंगलवार को बताया, ‘‘समूचा भौतिकी विभाग रितु कारिधल की सफलता से गर्व महसूस कर रहा है. रितु ने 1996 में विभाग से भौतिकी में एमएससी की शिक्षा ग्रहण की थी. वह बहुत ही मेधावी छात्रा थी और वर्तमान छात्रों के लिए आदर्श है. समूचा भौतिकी विभाग इसरो में उनकी सफलता से बहुत ही उत्साहित है. वह वास्तव में विभाग की एक सर्वश्रेष्ठ पूर्व छात्रा है जिन्होंने पूरे विभाग का नाम रोशन किया है.'
टंडन ने कहा कि विभाग उनको सम्मानित करने की योजना बना रहा है. उनसे जब पूछा गया कि जब चंद्रयान-2 मिशन का कार्यक्रम अचानक स्थगित हो गया था तब उनके मन में क्या विचार आया था, इस पर विभागाध्यक्ष टंडन ने कहा कि 'हमें पूरी उम्मीद थी कि हम वापसी करेंगे और समस्या का हल निकल आएगा.'
इसरो वैज्ञानिक रितु के सहपाठी रहे विकल सक्सेना ने बताया कि वह बहुत ही मेधावी छात्रा रही है और उनकी अपने विषय पर बहुत अच्छी पकड़ थी. वह सभी छात्रों की मदद करती थी, इसलिए वह जूनियर छात्रों में भी काफी लोकप्रिय थी। विकल एक निजी विश्वविद्यालय में भैतिक विज्ञान पढ़ाते हैं.
रितु के रिश्ते के भाई अजय श्रीवास्तव ने बताया, ‘‘मुझे पूरा विश्वास था कि वह वापसी करेगी और उसने यह साबित कर दिया. उसका स्वभाव बहुत ही सरल है और वह अपने से छोटों को हर बात में उत्साहित करती है. वह समय-समय पर हमारा मागदर्शन करती रहती है.’’ सोमवार को चंद्रयान-2 के हुए प्रक्षेपण के बाद इसरो प्रमुख के. सिवन ने मिशन के सफल होने की घोषणा की और 15 जुलाई को आई तकनीकी खामी को लेकर कहा कि हम फिर से अपने रास्ते पर आ गए. उन्होंने कहा कि यह चंद्रमा की ओर भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है.
बीते 15 जुलाई को रॉकेट में तकनीकी खामी का पता चलने के बाद चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टाल दिया गया था. समय रहते खामी का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक समुदाय ने इसरो की सराहना की थी.
सोमवार को रवाना हुआ चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है. इससे चांद के अनसुलझे रहस्य जानने में मदद मिलेगी. यह ऐसी नयी खोज होगी जिसका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा.
Source: IOCL





















