यूपी: जानिए क्या था सोनभद्र का उम्भा कांड जिसमें चली गई थी 10 लोगों की जान
सोनभद्र के उम्भा गांव में काफी हथियारबंद लोगों ने जमीन पर कब्जा करने के लिए गोलियां चलाई थीं जिसमें 10 लोगों की जान चली गई और 28 लोग घायल हो गए थे.

नई दिल्ली: एक बार फिर से सोनभद्र का उम्भा गांव चर्चा में है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गांव पहुंच रही हैं जहां वे पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगी. जुलाई में यहां एक बड़ा कांड हुआ था जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना में 28 लोग घायल भी हो गए थे.
पुलिस ने बताया था कि सौ बीघा विवादित जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. जिसमें फायरिंग के साथ लाठी-डंडे और फावड़े भी चले थे. पुलिस ने इस मामले में अब तक 38 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 61 लोगों पर केस दर्ज किया है. इस मामले में SIT जांच भी जारी है.
जिस ज़मीन को लेकर दस लोगों की जान चली गई वो कुछ पहले तक एक सोसाइटी की थी जिसका नाम आदर्श सोसाइटी था. इसी सोसाइटी से आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने कुछ ज़मीन खरीदी थी. जिस पर कब्ज़े के लिए उसके तीन सौ समर्थक हथियार लेकर 17 जुलाई को उम्भा गांव पहुंचे थे. जब गांव वालों ने विरोध किया तो प्रधान के समर्थकों ने फ़ायरिंग कर दी.
यूपी सरकार की तरफ से बताया गया था कि आदर्श सोसाइटी कांग्रेस नेता ने बनाई थी. ये सोसाइटी बिहार से राज्य सभा के सांसद रहे महेश्वर नारायण सिंह की थी. जिनके चाचा चंद्रेश्वर नारायण सिंह यूपी के गवर्नर थे. वे 1980 से लेकर 1985 तक राज्य के राज्यपाल रहे.
डीएम की रिपोर्ट के मुताबिक महेश्वर नारायण सिंह ने उस समय के राजा आनंद शाह से जमीन लेकर सोसाइटी बनाई थी. बाद में 1989 में इसी सोसाइटी की कुछ जमीन एक आईएएस अफसर और उनके रिश्तेदारों के नाम कर दी गई.
ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने आईएएस अधिकारी से खरीदी गई 90 बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर जमीन जोतने की कोशिश की. विरोध करने पर उसकी तरफ के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं थीं.
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