अखिलेश को केजरीवाल का साथ, बोले- मोदी के तानाशाही शासन को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है
अखिलेश यादव के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आ गए हैं. केजरीवाल ने कहा जिस तरह से मोदी सरकार ने अखिलेश यादव पर सीबीआई को लगाया है उससे हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पिछले पांच सालों के दौरान मोदी के राजनीतिक विरोधियों ने क्या सहा है.

नई दिल्ली: यूपी की चर्चित आईएएस अधिकारी बी. चन्द्रकला के आवास पर सीबीआई छापों के बाद अब अवैध रेत खनन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से CBI पूछताछ कर सकती है. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि 2012-13 में खनन मंत्रालय तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास था. जहां एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव CBI के सवालों के जवाब देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा है कि एसपी और बीएसपी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ बीजेपी का मुकाबला करने के लिए आपस में हाथ मिलाया है इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों का समर्थन अखिलेश यादव को मिल रहा है. अखिलेश यादव के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आ गए हैं. केजरीवाल ने कहा,''कार्यकाल के अपने अंतिम हफ्तों में, मोदी सरकार ने बेशर्मी से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (अखिलेश यादव) पर कार्रवाई के लिए सीबीआई को उकसाया है कि जो हम सभी के लिए ताकीद है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान मोदी के राजनीतिक विरोधियों ने किस-किस चीज का सामना किया है। यह इस तानाशाही और अलोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकने का समय है''
In its last weeks in office, Modi govt shamelessly unleashing CBI on @yadavakhilesh is a reminder to all that we must not forget what Modi's political opponents have faced during last five years. Time to throw out this dictatorial & undemocratic regime
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 7, 2019
क्या है मामाला
CBI अधिकारियों ने बताया कि अखिलेश के पास 2012 से जून 2013 के बीच खनन विभाग का अतिरिक्त प्रभार था. यह आरोप है कि लोक सेवकों ने 2012 - 16 के दौरान अवैध खनन की इजाजत दी और खनन पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के प्रतिबंध के बावजूद लाइसेंसों का अवैध रूप से नवीनीकरण किया. यह भी आरोप है कि अधिकारियों ने खनिजों की चोरी कराई, पट्टे लेने वालों और वाहन चालकों से धन की वसूली की.
गौरतलब है कि खनिजों के अवैध खनन के मामले में 2016 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों पर सीबीआई ने सात प्राथमिक जांच दर्ज की थी. लोक सेवकों, 11 लोगों और अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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Source: IOCL























