COVID-19 संकट के बीच मध्य प्रदेश में शुरू हुई 'काढ़े की राजनीति'
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में हर घर में आयुर्वेदिक चूर्ण बांटने का फैसला किया है. इस योजना को 'जीवन अमृत योजना' का नाम दिया है.

भोपाल: कोरोना संकट के बीच मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार एक करोड़ से अधिक लोगों को प्रदेश भर में निशुल्क काढ़े का पैकेट बांटने जा रही है. मुख्यमंत्री ने इस योजना का नाम ‘जीवन अमृत योजना’ दिया है. अब इस काढ़े के पैकेट बांटने को लकर राजनीति शुरू हो गई है. दरअसल, इस पैकेट पर मुख्यमंत्री की तस्वीर है.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि मध्य प्रदेश में कोरोना विभीषिका के समय जहां परिवार के परिवार दुख में डुबे हुए हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने प्रचार प्रसार में लगे हैं. प्रदेश में आयुर्वेदिक चूर्ण लॉकडाउन के दौरान भी शिवराज सिंह चौहान की तस्वीरों के साथ बांटे जा रहे हैं. ऐसी राजनीति की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
शिवराज सरकार ने क्यों किया ये फैसला?
भारत और विश्व स्तर पर डब्ल्यूएचओ से लेकर हर स्वास्थ्य संगठनों ने यह स्वीकार किया है कि शरीर में कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना बेहद आवश्यक है. प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बने और उसमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता पैदा हो, इसका बेहतर विकल्प आयुर्वेद में ही संभव है और इस बात को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व स्तर के नेताओं ने भी स्वीकार किया है. इसी के चलते मध्य प्रदेश की सरकार ने इस आयुर्वेदिक काढ़े के पैकेज को घर-घर पहुंचाने का फैसला किया है ताकि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकते.
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