एक्सप्लोरर

बीजेपी सरकार आने के बाद 10 साल में कैसे और कितना बढ़ा संघ का कुनबा?

2013 में देश के 28788 स्थानों पर 42981 शाखाएं चलाई जा रही थी. 9597 सप्ताहिक बैठकें होती थी. उस वक्त 7178 संघ मंडली था. वहीं 2013 में सिर्फ 1500 लोगों ने ऑनलाइन संघ से जुड़ने की इच्छा जताई थी.

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले संगठन और वैचारिक मुद्दों को धार देने के लिए हरियाणा के समालखा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बड़ी बैठक की. संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिन तक चली इस बैठक में तीन बड़े प्रस्ताव भी पेश किए गए.

संघ ने सेम सैक्स मैरिज पर सरकार के स्टैंड को सही ठहराया है. संघ की इस मीटिंग में 34 संगठनों के 1400 से अधिक पदाधिकारी शामिल थे. होसबाले ने कहा कि देश में अब आरएसएस की 42,613 स्थानों पर 68,651 दैनिक शाखाएं चल रही हैं.

देश के 901 जिलों में 26,877 साप्ताहिक बैठकें होती हैं. 10,412 संघ मंडली हैं. संघ देश भर में 71,355 स्थानों पर मौजूद है. 98 साल पहले गठित संघ का मोदी सरकार बनने के बाद तेजी से विस्तार हुआ है. इस स्टोरी में संघ के विस्तार के बारे में जानेंगे, लेकिन पहले जानते हैं मीटिंग के बाद होसबाले ने क्या-क्या कहा?

1. हिंदू राष्ट्र की मांग सैद्धांतिक नहीं, सांस्कृतिक है
संघ में नंबर दो दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि बैठक में अगले 25 सालों के सामाजिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का खाका खींचा है. उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की बात सांस्कृतिक है. यह कोई सैद्धांतिक मांग नहीं है. बैठक में पंजाब और मतांतरण के मुद्दों पर भी चर्चा की गई है. इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कई संगठन महामंत्री शामिल हुए हैं. 

2. शादी समझौता नहीं संस्कार का मसला
आखिरी दिन पत्रकारों से बातचीत के दौरान संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सेम सेक्स मैरिज पर कहा कि भारतीय संस्कृति में शादी एक संस्कार है. यह कोई समझौता नहीं है. संघ पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को होसबाले ने राजनीतिक एजेंडा बताया है. संघ की बैठक के बाद बीजेपी भी इस हफ्ते महासचिवों की बैठक कर सकती है.

3. संघ का काम पॉलिटिकल नहीं
मीटिंग के बाद संघ ने फिर कहा कि उनका काम पॉलिटिकल नहीं है. होसबाले ने कहा कि हम सामाजिक काम करते रहे हैं और आगे भी यही करेंगे. संघ में महिलाओं की भागीदारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि संगठन में पहले से ही डिसीजन मेकिंग में महिलाओं को जगह दी गई है. हमने अभी आगे के प्लान पर कोई चर्चा नहीं की है.

अब जानिए मोदी सरकार बनने के बाद संघ के विस्तार की कहानी...

2013 में 400 प्रतिनिधि हुए थे शामिल, शाखाएं 45 हजार से भी कम
मोदी सरकार बनने से एक साल पहले आरएसएस ने जयपुर में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक आयोजित की थी. 2013 की रिपोर्ट के मुताबिक उस वक्त देश के 28788 स्थानों पर 42981 शाखाएं चलाई जा रही थी. 9597 साप्ताहिक बैठकें होती थी. उस वक्त 7178 संघ मंडली था. 

संघ की वार्षिक रिपोर्ट मुताबिक 2013 में सिर्फ 1500 लोगों ने ऑनलाइन माध्यम से संघ से जुड़ने की रुचि दिखाई थी. संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में करीब 400 पदाधिकारी ही शामिल हुए थे. संघ की उस वक्त सबसे ज्यादा उपस्थिति गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य क्षेत्र में था. 

1998 में 30 हजार शाखाएं ही चलती थी
रिपोर्ट के मुताबिक 1998 में आरएसएस की सिर्फ 30 हजार शाखाएं चलती थी. उस वक्त संघ के पास कार्यकर्ताओं का भी कोई हिसाब नहीं होता था. बंगाल, बिहार, दक्षिण और उत्तर पूर्व के राज्यों में कार्यकर्ताओं का दखल कम ही था.

1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी, जिसके बाद थोड़ा बहुत संघ का भी विस्तार हुआ. 2004 के आसपास संघ के करीब 39 हजार शाखाएं चलती थी. 

2004 में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद संघ के तत्कालीन प्रवक्ता राम माधव ने कहा था कि अगले 5 साल में शाखाओं की संख्या 60 हजार के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. 

संघ के इस प्लान पर पानी फिर गया और सत्ता में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार आ गई. कांग्रेस की सरकार में संघ का दायरा तो नहीं घटा, लेकिन इसका विस्तार जरूर रुक गया. 9 साल में संघ की शाखा में सिर्फ 3000 की बढ़ोतरी हो पाई.

युवाओं में बढ़ रहा है संघ का क्रेज?
संघ के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य के मुताबिक बीते कुछ सालों में आरएसएस के प्रति युवाओं का क्रेज बढ़ा है. एक डेटा जारी करते हुए वैद्य ने कहा कि 2017 से लेकर 2022 तक 7 लाख से अधिक लोगों ने संघ में शामिल होने की इच्छा जताई. 

वैद्य के अनुसार ऑनलाइन आवेदन जितने भी आए हैं, इनमें से अधिकांश 20 से 35 आयु वर्ग के युवक हैं. उन्होंने कहा कि संघ में  60 प्रतिशत शाखाएं विद्यार्थी शाखाएं हैं. बीते एक साल में 121137 युवाओं ने संघ का प्रशिक्षण प्राप्त किया है. 

10  साल में कैसे बढ़ा संघ का ग्राफ?
संघ के ग्राफ में बढ़ोतरी के पीछे क्या सिर्फ लोकप्रियता वजह है? आरएसएस पर करीब से नजर रखने वाले विष्णु शर्मा कहते हैं- लोकप्रियता के अलावा और भी कई वजहें हैं, जिससे पिछले 10 सालों में काफी ज्यादा विस्तार हुआ है.

1. सत्ता में बीजेपी- विष्णु शर्मा बताते हैं, एक वक्त संघ को बीजेपी में नेता बनाने की फैक्ट्री कहा जाता था. 2014 के बाद यह देखा भी जाने लगा. संघ से जुड़े लोग उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाए गए. इसका मैसेज लोगों में साफ गया कि दक्षिणपंथ की राजनीति में संघ का महत्वपूर्ण योगदान हैं. 

शर्मा बताते हैं कि जहां-जहां बीजेपी की सरकार है, वहां संघ को कार्यक्रम करने में परेशानी नहीं होती है. ऐसे में संघ का संदेश उन राज्यों में लोगों के बीच सीधे तौर पर चला जाता है. इससे लोग संघ के कामों के बारे में जानते हैं और फिर जुड़ते हैं.

2. रणनीति में किया बदलाव- 2014 के बाद संघ ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है. विष्णु शर्मा के मुताबिक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी पहले पत्रकारों से बातचीत से कतराते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. बड़े मुद्दों पर संघ का बयान आ जाता है.

इसके अलावा पहले शाखा का चलन था, लेकिन अब संघ ने कई तरह के कार्यक्रम चला रहे हैं. लोग इसके जरिए भी संघ से जुड़ रहे हैं और उसे जान रहे हैं. कोरोना काल में संघ ने ऑनलाइन माध्यम से लोगों से संपर्क बनाए रखा. 

3. सोशल मीडिया पर संघ के बड़े पदाधिकारी- 2018 में सरसंघचालक मोहन भागवत समेत संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी सोशल मीडिया साइट्स ट्विटर पर आए. संघ का ऑफिसियल अकाउंट भी फेसबुक और ट्विटर पर काम करने लगा. 

शर्मा के मुताबिक नए पीढ़ी से जुड़ने के लिए सबसे मुफीद सोशल मीडिया ही है. संघ ने इसे समझा और लागू किया. संघ के अन्य संगठन भी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय है.

4. इतिहास के फैक्ट पर जोर- विष्णु शर्मा आगे बताते हैं, पिछले 10 साल में जो सबसे बड़ा बदलाव हुआ है, वो इतिहास के फैक्ट को सुधारने का है. 10 सालों में आजादी के इतिहास के कई फैक्ट पर सवाल किए गए.

लोगों में यह सवाल जिज्ञासा का विषय बन गया. लोग कांग्रेस से सवाल पूछने लगे. ऐसे में संघ का इतिहास भी कुरेदा गया और लोग उसके काम को जानने लगे. लोगों में संघ का काम एक पॉजिटिव मैसेज गया, जो बड़ी वजह है.

1925 में स्थापना, दो बार लग चुका है प्रतिबंध
आरएसएस की स्थापना 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने किया था. शुरुआत में आरएसएस शाखा के जरिए ही लोगों के बीच लोकप्रिय था. वीर सावरकर के सिद्धांत हिंदू राष्ट्र की मांग को अपनाने के बाद संघ का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ने लगा.

आजादी के अगले ही साल महात्मा गांधी की हत्या हो जाती है. हत्या में शामिल नाथूराम गोडसे और उनके सहयोगियों का तार संघ से जोड़ा जाता है. संघ पर केंद्र सरकार इसके बाद बैन लगा देती है. 

बाद में तत्कालीन गृह मंत्री और तत्कालीन सरसंघचालक गुरु गोलवलकर के बीच समझौते को लेकर बातचीत होती है. इसके बाद संघ का अपना संविधान बनाया जाता है. इसके मुताबिक संघ में सबसे पावरफुल सरकार्यवाह होंगे और उनका चुनाव अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में की जाएगी.

संघ में शीर्ष पद सरसंघचालक का होता है, लेकिन वो सिर्फ संघ का विचार तय करते हैं. संघ में विस्तार से लेकर तमाम नीति को लागू करने की जिम्मेदारी सरकार्यवाह के जिम्मे होता है.

आजादी के बाद संघ का धीरे-धीरे विस्तार शुरू होता है. संघ मध्य प्रांत और राजस्थान जैसे राज्यों पर विशेष फोकस करता है. यहां धीरे-धीरे संघ की जड़ें जमने लगती है. संघ एक वक्त संगठन के जरिए लोगों को जोड़ने का काम कर रहा था, वहीं संघ से निकले नेता जनसंघ के जरिए राजनीति भी करते थे.

1975 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाने का ऐलान किया तो इसकी चपेट में आरएसएस भी आ गई. संघ पर आपातकाल के दौरान दूसरी बार बैन लगा और यह 1977 तक जारी रहा. इस दौरान संघ के कई पदाधिकारी जेल में रहे.

आपातकाल हटा तो पहली बार जनसंघ की सरकार मध्य प्रदेश में बनी. केंद्र में भी जनसंघ से मंत्री बनाए गए. 1980 में आरएसएस की सपोर्ट से बीजेपी की स्थापना हुई. 1998 में संघ ने विद्यार्थियों के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना की.

बीजेपी की स्थापना के बाद संघ के प्रचारक को बीजेपी में संगठन महासचिव की जिम्मेदारी दी जाती है. वर्तमान में बीएल संतोष बीजेपी के संगठन महासचिव हैं, जो आरएसएस के प्रचारक रह चुके हैं. 

2014 के बाद आरएसएस पर लोकतंत्र खत्म करने और संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा जमाने का आरोप लगाती रही है. हालांकि, संघ हमेशा इन आरोपों को खारिज करता रहा है.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पुतिन के प्लेन पर क्यों लिखा है россия शब्द, क्या होता है इसका मतलब? जानकर चौंक जाएंगे आप!
पुतिन के प्लेन पर क्यों लिखा है россия शब्द, क्या होता है इसका मतलब? जानकर चौंक जाएंगे आप!
SIR पर प्रवीण तोगड़िया का बड़ा बयान, 'इसकी कोई जरूरत ही नहीं, सरकार सिर्फ...'
SIR पर प्रवीण तोगड़िया बोले, 'इसकी कोई जरूरत ही नहीं, सरकार सिर्फ बांग्लादेशियों को निकाल दे'
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
बच गई मैथ्यू हेडन की इज्जत, कपड़े उतारने वाले कमेन्ट पर बेटी ग्रेस ने दी मजेदार प्रतिक्रिया
बच गई मैथ्यू हेडन की इज्जत, कपड़े उतारने वाले कमेन्ट पर बेटी ग्रेस ने दी मजेदार प्रतिक्रिया
Advertisement

वीडियोज

Gujarat News: करंट से झटका खाकर बेहोश हुआ सांप...युवक ने CPR देकर बचाया | Snake CPR | ABP News
Putin India Visit: पुतिन से Rahul की मुलाकात से लेकर होने वाली डील पर सबसे सटीक विश्लेषण । PM Modi
Putin India Visit: Rahul Gandhi के बयान पर बवाल, Kangana Ranaut का तीखा पलटवार हुआ Viral | Lop
Aukaat Ke Bahar Review: Elvish Yadav ने Impress कर दिया, शानदार Acting Family Entertainer & More
Indian Middle Class Debt Trap: बढ़ते Loan और घटती Savings की असल कहानी | Paisa Live
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पुतिन के प्लेन पर क्यों लिखा है россия शब्द, क्या होता है इसका मतलब? जानकर चौंक जाएंगे आप!
पुतिन के प्लेन पर क्यों लिखा है россия शब्द, क्या होता है इसका मतलब? जानकर चौंक जाएंगे आप!
SIR पर प्रवीण तोगड़िया का बड़ा बयान, 'इसकी कोई जरूरत ही नहीं, सरकार सिर्फ...'
SIR पर प्रवीण तोगड़िया बोले, 'इसकी कोई जरूरत ही नहीं, सरकार सिर्फ बांग्लादेशियों को निकाल दे'
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
बच गई मैथ्यू हेडन की इज्जत, कपड़े उतारने वाले कमेन्ट पर बेटी ग्रेस ने दी मजेदार प्रतिक्रिया
बच गई मैथ्यू हेडन की इज्जत, कपड़े उतारने वाले कमेन्ट पर बेटी ग्रेस ने दी मजेदार प्रतिक्रिया
Tere Ishk Mein Box Office Collection Day 7: 'तेरे इश्क में' बनी कृति सेनन की 6ठी सबसे बड़ी फिल्म बनी, अब टूटेगा 'क्रू' का रिकॉर्ड!
'तेरे इश्क में' बनी कृति सेनन की 6ठी सबसे बड़ी फिल्म बनी, अब टूटेगा 'क्रू' का रिकॉर्ड!
Putin Food Habits: खाने में यह डिश सबसे ज्यादा पसंद करते हैं पुतिन, जानें इसे कैसे किया जाता है तैयार?
खाने में यह डिश सबसे ज्यादा पसंद करते हैं पुतिन, जानें इसे कैसे किया जाता है तैयार?
मेट्रो में निकली बड़ी भर्ती, इस डेट से कर सकेंगे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन; चेक कर लें पूरी डिटेल्स
मेट्रो में निकली बड़ी भर्ती, इस डेट से कर सकेंगे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन; चेक कर लें पूरी डिटेल्स
आपके खाते में अभी तक नहीं आए लाडो लक्ष्मी योजना के पैसे, ऐसे चेक कर सकते हैं अपना स्टेटस
आपके खाते में अभी तक नहीं आए लाडो लक्ष्मी योजना के पैसे, ऐसे चेक कर सकते हैं अपना स्टेटस
Embed widget