'अल्पसंख्यकों के संवेदना थी तो ईद के दिन नमाज क्यों नहीं पढ़ने दिया', वक्फ बिल पर गोगोई ने जमकर सुनाया
गोगोई कहते हैं कि केंद्र सरकार इस बिल के जरिए देश के संविधान को कमजोर और खोखला करने की कोशिश कर रही है.

लोकसभा में आज यानी 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन बिल पेश किया जा रहा है. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से मंत्री किरन रिजिजू और कांग्रेस पार्टी के गौरव गोगोई ने एक दूसरे पर जमकर वार-पलटवार किया. रिजिजू ने आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टियों देश के मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.
वहीं गौरव गोगोई ने रिजिजू और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार खुद को मुसलमानों का शुभचिंतक बताती है लेकिन, ईद के दिन लोगों को सड़क पर नमाज पढ़ने का हक तो दे नहीं पा रही थी.
गौरव गोगोई ने चर्चा के दौरान किरेन रिजिजू पर सदन को गुमराह करने और यूपीए सरकार को लेकर गलत जानकारी देने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ये सरकार ही है जो समाज और देश को बांटना चाहती है.
गोगोई ने केंद्र सरकार पर वार करते हुए कहा कि आखिर इस बिल में संशोधन की जरूरत क्यों पडी. क्या अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने बिल बनाया या किसी और ने?
संविधान को कमजार और खोखला करने की कोशिश
गोगोई कहते हैं कि केंद्र सरकार इस बिल के जरिए देश के संविधान को कमजोर और खोखला करने की कोशिश कर रही है. क्या अब हमें सरकार को अपने धर्म का सर्टिफिकेट देना होगा. सरकार ये संशोधन लगा रही है उससे देश में मुकदमेबाजी बढ़ेगी. बिल को मजबूत बनाने के लिए संशोधन किए जाने चाहिए. लेकिन ऐसा लग रहा है जैसे इस सरकार की एक समाज की जमीन पर नजर है. कल इनकी दूसरे अल्पसंख्यकों की जमीन पर इनकी नजर जाएगी. संशोधन की जरूरत है.
संशोधन ऐसा हो जिससे बिल ताकतवर हो
इसी चर्चा के दौरान गौरव गोगोई कहते हैं कि हमपर बिल के विरोध करने का आरोप लगाया जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं कहता कि इसकी जरूरत नहीं है. हम संशोधन के पक्ष में नहीं हैं लेकिन संशोधन ऐसा होने चाहिये जिससे ये बिल और भी ज्यादा ताकतवर हो. बीजेपी संशोधन तो लेकर आ रही है, लेकिन इससे मसले और बढ़ेंगे. सरकार धार्मिक मामलों में दखल दे रही है.
ये देश में भाईचारे के माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं. राज्य सरकार की अनुमति से बोर्ड को कुछ नियम बनाने की इजाजत थी, जिसे ये पूरा का पूरा हटा रहे हैं. सरकार वक्फ बोर्ड को कमजोर करना चाहती है. बीजेपी मुस्लिम समुदाय को बदनाम कर रही है, जिन्होंने आजादी से पहले और बाद में बार-बार अपनी देशभक्ति दिखाई है
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