किसानों से बातचीत में पीएम मोदी ने दोहराया 2022 तक आमदनी दोगुनी करने का वादा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के 600 से ज्यादा जिलों के किसानों से बातचीत की है. पीएम मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को एक बार फिर दोहराया है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के 600 से ज्यादा जिलों के किसानों से बातचीत की है. पीएम मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को एक बार फिर दोहराया है. पीएम मोदी ने कहा है कि हमारी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपये कर दिया है.
कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपए हुआ- पीएम मोदी
मोदी ने कहा कि कृषि आय बढ़ाने के लिए सरकारी नीति में चार बड़े कदम ‘लागत खर्च में कटौती, फसलों की उचित कीमत, उत्पादों को खराब होने से बचाना और आय के वैकल्पिक स्रोत सृजित करना’ उठाये गए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पहले चार सालों के दौरान यूपीए सरकार के पांच सालों की तुलना में कृषि क्षेत्र का बजट दोगुना करके 2.12 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है.
हमें देश के किसानों पर भरोसा है- पीएम मोदी
मोदी ने कहा कि 2018-19 के बजट में किसानों को उनकी लागत के 150 प्रतिशत के समतुल्य कीमत दिलाने के लिए कदम उठाये गये हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि हमारे मेहनती किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो जाए. इसके लिए हम जहां भी जरूरत पड़े, समुचित मदद उपलब्ध करा रहे हैं. हमें देश के किसानों पर भरोसा है.’’
दालों का उत्पादन भी 10.5 प्रतिशत बढ़ा- पीएम मोदीLIVE: PM @narendramodi interacting with Farmers across the country via #NaMoApp today. #KisanKiBaatPMKeSaath https://t.co/bkryPy9Nrb
— BJP (@BJP4India) June 20, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में न सिर्फ रिकार्ड फसल उत्पादन हो रहा है बल्कि दूध, फल और सब्जियों का उत्पादन भी सर्वकालिक उच्च स्तर पर है. साल 2010 से 2014 के बीच औसतन 25 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन की तुलना में 2017-18 में 28 करोड़ टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है. दालों का उत्पादन भी 10.5 प्रतिशत बढ़ा है.’’
मोदी ने किसानों को बुवाई से ले कर उनके उत्पाद बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया में मदद के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की योजना की बात करते हुए कहा, ‘‘ हमारा प्रयास किसानों को कृषि के हर चरणों ‘ बुवाई, बुवाई के बाद और कटाई ’ में सहायता मुहैया कराना है.’’
किसानों को दिया जा रहा है मृदा स्वास्थ्य कार्ड
उन्होंने कहा कि सबसे पहले किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जा रहा है, जिससे उन्हें उनकी जमीन की उर्वरता की जानकारी दी जा सके तथा उर्वरकों के इस्तेमाल के बारे में सलाह दी जा सके. इसके बाद उन्हें ऋण मुहैया कराया जा रहा है, जिससे वे अच्छी गुणवत्ता के बीज खरीद सकें. उन्होंने कहा कि नीम कोटिंग यूरिया ने उर्वरक की कालाबाजारी पर रोक सुनिश्चित की है और किसानों को बिना किसी दिक्कत के इसकी उपलब्धता होने लगी है.
उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिलाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ई-नाम शुरू किया गया है जिससे बिचौलियों को दूर किया जा सका है.
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Source: IOCL























