'क्या भगवान कृष्ण से पहले इस्लाम आ गया था?', वक्फ बिल पर संसद में चर्चा के दौरान भड़के अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर ने कहा कि केरल में कांग्रेस कहती है कि वह वायनाड के बेटे-बेटी हैं, लेकिन वहां वक्फ का कहर जारी है. पापी वोट बैंक का सवाल है, इसलिए कांग्रेस वहां कुछ बोलती नहीं है.

Anurag Thakur on Waqf Bill: वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये विधेयक नहीं बल्कि उम्मीद है. इस उम्मीद में सशक्तिकरण, दक्षता और विकास है. उन्होंने कहा कि कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया, चर्च ऑफ भारत, केरल काउंसिल ऑफ चर्चेज और केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल, ऑल इंडिया सूफी काउंसिल और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच जैसे कई संगठनों ने इसका समर्थन किया है. इस दौरान उन्होंने गुजरात के बेट द्वारका में किए गए वक्फ के दावों को लेकर भी सवाल उठाया है.
अनुराग ठाकुर ने कहा कि वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. उन्होंने कहा कि भारत को वक्फ के डर से मुक्ति चाहिए क्योंकि कांग्रेस के शासन में बने वक्फ कानून का मतलब था 'खाता न बही, जो वक्फ कहे वही सही'. यानी जहां कह दिया वक्फ की जमीन है, वो फिर वक्फ की जमीन हो गई, लेकिन जिसकी जमीन चली गई वो बेचारा दर-दर भटकता है और उसको इंसाफ भी नहीं मिलता.
वक्फ बोर्ड ने बेट द्वारका के 2 द्वीपों पर दावा किया: अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर ने कहा कि तिरुचिरापल्ली में एक गांव में 1500 साल पुराने मंदिर की जमीन पर भी कब्जा करने की बात कही. वक्फ बोर्ड ने बेट द्वारका के 2 द्वीपों पर भी दावा ठोक दिया है, क्या भगवान कृष्ण से पहले इस्लाम धर्म आ गया था? उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि वक्फ बोर्ड आनंद भवन और नेशनल हेराल्ड पर भी अपना दावा ठोकने वाला है.
यहां बाबा साहेब का संविधान चलेगा: अनुराग ठाकुर
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केरल में कांग्रेस कहती है कि वह वायनाड के बेटे-बेटी हैं, लेकिन वहां वक्फ का कहर जारी है. पापी वोट बैंक का सवाल है, इसलिए कांग्रेस वहां कुछ बोलती नहीं है. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि एक ओर वो हाथ में एक लाल सी किताब लेकर चलते हैं. जो कहने के लिए संविधान है, लेकिन संविधान नहीं है. अगर संविधान की कॉपी आप देखेंगे तो आपको एहसास होगा कि बाबासाहेब का सपना था कि एक देश में एक ही संविधान रहेगा, लेकिन कांग्रेस ने एक देश में दो विधान बनाने का काम किया है, आपको तय करना है संविधान के साथ रहना है कि वक्त के साथ? जो लोग बड़ी-बड़ी बातें यहां कर रहे थे, उनको यही कहना चाहता हूं कि ये हिंदुस्तान है पाकिस्तान या तालिबान नहीं. यहां बाबासाहेब का संविधान चलेगा. यहां मुगलिया फरमान नहीं चलने वाला.
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