देशभर में गुमनाम मौत की तरह सड़कों पर घूमती हैं बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां
नंबर प्लेट वाहन की पहचान होती है. इसपर नंबर दर्ज होता है तो वाहन को रजिस्टर कराए जाने के वक्त आरटीओ से मिलता है. वाहन का रजिस्ट्रेशन न कराना या फिर नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर न प्रदर्शित करना गुनाह है. अब सवाल है कि लोग बेहिचक कानून क्यों तोड़ते हैं.

मुंबई: देशभर में बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां गुमनाम मौत की तरह सड़कों पर घूमती हैं. हाल ही में उन्नाव रेप पीड़िता के साथ जिस ट्रक से हादसा हुआ उसकी नंबर प्लेट कालिख से पुती हुई थी. देश के तमाम हाईवे पर ऐसे छोटे बड़े कई वाहन दिख जाएंगे जिनपर न आगे नंबर प्लेट होता है और न पीछे. इनके मालिक बेधड़क होकर सड़कों पर गाडियां चलाते हैं. कई लोग इसलिये नंबर प्लेट नहीं लगाते क्योंकि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन होना बाकी होता है तो कई ट्रैफिक नियम तोड़ने पर बचने के लिये ऐसा करते हैं.
नंबर प्लेट पर कालिख पुते होने का सीधा मतलब है कि ट्रक का चालक या मालिक अपनी पहचान छुपाना चाहते थे. ये हादसा था या साजिश ये ईमानदारी से की गई पुलिस जांच से ही सामने आ सकेगा लेकिन इस मामले ने उन वाहनों की ओर ध्यान जरूर खींचा है जो बिना नंबर प्लेट या फिर अस्पष्ट नंबर प्लेट के साथ सड़कों पर चलते हैं.
दुनिया में कहीं भी चले जाएं आपको वाहनों पर नंबर प्लेट लगी नजर आयेगी. नंबर प्लेट वाहन की पहचान होती है. इसपर वो नंबर दर्ज होता है जो कि वाहन को रजिस्टर कराये जाने के वक्त आरटीओ से मिलता है. इससे ये पता चलता है कि वाहन का मालिक कौन है, वो कहां रहता है, वाहन कितना पुराना है वगैरह. वाहन का रजिस्ट्रेशन न कराना या फिर नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर न प्रदर्शित करना गुनाह है.
एबीपी न्यूज की टीम के कैमरे में मुंबई और नवी मुंबई में ऐसे कई ट्रक नजर आये जो नंबर प्लेट से जुड़े नियमों का उल्लंघन कर रहे थे. किसी ट्रक पर नंबर प्लेट थी ही नहीं तो किसी पर नंबर का पेंट घिस गया था या फिर नंबर आधा अधूरा नजर आ रहा था. नियमों के मुताबिक नंबर प्लेट आगे और पीछे दोनों तरफ लगाई जानी चाहिये लेकिन किसी ट्रक में नंबर प्लेट पीछे की ओर नहीं थी तो किसी में आगे-पीछे दोनों तरफ. ऐसे ही एक ट्रक ड्राइवर से जब सवाल किया तो ट्रक ड्राइवर ने ये बहाना बनाया कि उसे नंबर प्लेट न होने की जानकारी नहीं थी क्योंकि अमूमन वो दूसरे ट्रक पर रहता है. आज उसके मालिक ने ये ट्रक ले जाने को उसे कहा.
आगे बढ़ने पर एबीपी न्यूज़ की टीम को एक कंटेनर नजर आया. कंटेनर के पीछे की ओर कहीं नंबर प्लेट की जगह नंबर नहीं दिखाई दे रहा था. कंटेनर के दोनों ओर नंबर पेंट किया गया था लेकिन वो घिस चुका था. इस पर जब ट्रक ड्राइवर से सवाल किया कि प्लेट पर नंबर क्यों नहीं पेंट हैं तो उसका जवाब था कि नंबर पेंट किया गया है. बारिश में कीचड़ की वजह से सिर्फ नजर नहीं आ रहा. कीचड़ को खुरच कर जब हकीकत जानने की कोशिश की गई तो साफ हो गया कि प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर पेंट ही नहीं किया गया था.
अब सवाल है कि लोग क्यों बेहिचक ये कानून तोडते हैं, इस सिलसिले में मोटर वाहन कानून के जानकार राजेंद्र झेंडे से एबीपी न्यूज़ ने बातचीत की. इसके पीछे की वजह उन्होंने नाममात्र ली जाने वाली रकम को बताया. कानून तोड़ने वाला बड़ी आसानी से चंद रुपये चुका कर बच जाता है.
मोटर व्हीकल कानून के मुताबिक अगर कोई वाहन बिना रजिस्ट्रेशन किये सड़क पर चलता है तो उसपर चार हजार का जुर्माना लगाया जा सकता है. इसमें दो हजार रुपये गाड़ी के मालिक और दो हजार रुपये गाड़ी के ड्राइवर को चुकाने होते हैं. गाड़ी का रजिस्ट्रेशन न होने पर उसमें एक अस्थाई नंबर प्लेट लगाई जानी चाहिये जिसे की TC नंबर कहते हैं. इसी तरह से अगर कोई वाहन नियमों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट प्रदर्शित किये बिना सड़क पर चलता है तो उसके मालिक से हजार रुपये और चालक से हजार रुपये बतौर दंड वसूले जाते हैं. झेंडे के मुताबिक ये रकम दंड के तौर पर बेहद कम है और अगर इस तरह के अपराध रोकने हैं तो दंड की रकम और बढ़ाई जानी चाहिए.
न केवल बिना नंबर प्लेट के गाड़ी चलाना गुनाह है बल्कि फैंसी नंबर प्लेट या फिर तय मानकों के आधार पर बनाई गई नंबर प्लेट न लगाकर गाड़ी चलाना भी गुनाह है. निजी गाड़ियों पर सफेद बैक ग्राउंड में काले अक्षरों में सिर्फ अंग्रेजी में ही रजिसट्रेशन नंबर प्रदर्शित किया जाना चाहिए. अक्षरों के फांट और आकार भी तय किये गये हैं. इस तरह से देवनागरी या हिंदी में पेंट किये गये रजिस्ट्रेशन नंबर लगाना गलत है.
एबीपी न्यूज़ की टीम नंबर प्लेट बनाने वाले एक कारीगर मनोज पंचवडी से मिली. मनोज ने बताया कि कई लोग उनसे फैंसीं नंबर प्लेट बनावाते हैं. वे लोगों को बताते हैं कि इस तरह की नंबर प्लेट बनवाना गैरकानूनी है लेकिन लोगों को जुर्माना भरकर इस तरह की प्लेट्स लगवाने में कोई हिचक नहीं होती.
मान लें कि बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ी से टकराकर अगर किसी की मौत हो जाती है और ड्राइवर को पकड़ लिया जाता है तब भी कोर्ट में उसे दोषी साबित करवा पाने में पुलिस को दिक्कत आती है. चूंकि वाहन के पहचान बताने वाली नंबर प्लेट मौजूद नहीं रहती इसलिये ये साबित करना मुश्किल हो जाता है कि उसी गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ है.
Source: IOCL






















