बिहार चुनाव में हार से सबक, कांग्रेस ने फूंका उत्तराखंड चुनाव का बिगुल; बैठक में खरगे-राहुल रहे मौजूद
आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है. दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग में कई नेताओं के साथ राहुल गांधी और खरगे भी मौजूद रहे.

बिहार चुनाव में करारी शिकस्त के बाद अब कांग्रेस अगले चुनाव में जुट गई है. दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक अहम रणनीतिक बैठक बुलाई. इसमें आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई. इस बैठक में कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे. इससे तय माना जा रहा है कि कांग्रेस अब चुनावों में किसी तरह की गलती दोहराने के मूड में नहीं है. माना जा रहा है कि 2027 में होने वाले चुनावों के लेकर कांग्रेस ने वक्त से पहले ही कमर कस ली है.
बैठक में कांग्रेस के कई कद्दावर नेता मौजूद रहे. इनमें प्रभारी महासचिव कुमारी शैलजा, सह प्रभारी मनोज यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष प्रीतम सिंह, सीनियर नेता हरक सिंह रावत और करण माहरा समेत कई शीर्ष नेता मौजूद रहे.
Congress leaders from Uttarakhand met party president Mallikarjun Kharge and Lok Sabha LoP Rahul Gandhi at 10 Rajaji Marg, in Delhi.
— ANI (@ANI) December 1, 2025
(Source: AICC) pic.twitter.com/SJoNIAo18c
बैठक में ग्राउंड लेवल पर दिया जोर
इस बैठक में राहुल गांधी ने सभी नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया. उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में किसी तरह की कोई गुंजाइश न रहे. उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि संगठन को जमीनी स्तर यानि ग्राउंड लेवल पर मजबूत किया जाए. वोट चोरी पर कड़ी नजर रखी जाए. महंगाई और बेरोजगारी को चुनावी अभियान का मुख्य मुद्दा बनाकर एक व्यापक स्तर पर चुनाव को लड़ा जाए. साथ ही राहुल गांधी ने एसआईआर प्रक्रिया में योग्य वोटर्स के नाम न कटने पाए और इस प्रक्रिया पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश नेताओं को दिए हैं. उन्होंने लोगों के बुनियादी और जीवन से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देने की बात कही है. ऐसा पहली बार है, जब कांग्रेस वक्त से पहले ही चुनाव की रणनीति तय कर मैदान में उतर रही है.
औपचारिक रूप से चुनावी अभियान की शुरुआत
इस बैठक के बाद से माना जा रहा है कि कांग्रेस ने उत्तराखंड में 2027 के चुनाव के लिए औपचारिक रूप से अभियान की शुरुआत कर दी है. यह संकेत साफ है कि पार्टी न सिर्फ आक्रामक रणनीति अपनाने जा रही है, बल्कि इस बार चुनाव प्रबंधन में किसी भी तरह की देरी या लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.
पहाड़ की सियासत में हलचल
इस बैठक में कांग्रेस दीर्घकालिक रणनीति को अपना रही है. इसमें संगठन की मजबूती, नए चेहरे और क्षेत्रवार मुद्दों की पहचान पर तेजी से काम किया जाएगा. दिल्ली में खरगे और राहुल गांधी की बैठक में कांग्रेस के उत्तराखंड मिशन की शरुआत भर माना जा रहा है. आने वाले महीनों में पहाड़ की सियासत में तेज हलचल और कांग्रेस की आक्रामक राजनीतिक मुद्रा देखने को मिल सकती है.
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