बच्चों की मौत के बाद अब सरकार की खुली नींद, दवाओं की गुणवत्ता और इस्तेमाल पर दी ये नसीहत
Government on Cough Syrup Row: केंद्र स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में देशभर के हेल्थ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी समेत अन्य अधिकारियों ने कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत पर चिंता जताई.

कफ सिरप की गुणवत्ता और इसका तर्कसंगत उपयोग सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने रविवार (5 अक्टूबर, 2025) को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने की, जिसमें देशभर के हेल्थ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी (स्वास्थ्य), राज्य ड्रग कंट्रोलर और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
रविवार (5 अक्टूबर) को हुई बैठक में हाल ही में मध्यप्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप पीने के बाद बच्चों की मौत के मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट रूप से कहा कि सभी दवा कंपनियों को संशोधित Schedule M के प्रावधानों का सख्ती से पालन करना होगा, अन्यथा नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे.
क्या है सेड्यूल-एम के प्रावधान?
सेड्यूल-एम (Schedule M), भारत के ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट (Drugs and Cosmetics Act) का वह हिस्सा है जिसमें गुड मैन्यूफैक्चरिंग प्रैक्टिसेस (Good Manufacturing Practices/GMP) का उल्लेख है. यह दवा निर्माण से जुड़ी इकाइयों, उपकरणों और प्रक्रियाओं के लिए गुणवत्ता मानक तय करता है. इसका उद्देश्य दवाओं की सुरक्षा, गुणवत्ता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है.
स्वास्थ्य सचिव ने दवाओं के उपयोग को लेकर दिया निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने दवाओं की गुणवत्ता पर किसी भी तरह की लापरवाही को अस्वीकार्य बताया. राज्यों को बच्चों में खांसी की दवाओं के तर्कसंगत उपयोग पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए. बैठक में यह बात सामने आई कि अधिकांश बच्चों में खांसी बिना औषधीय उपचार के अपने आप ठीक हो जाती है, इसलिए अनावश्यक कफ सिरप का प्रयोग टालना चाहिए. सचिव ने कहा कि चिकित्सक और स्वास्थ्य संस्थान इस विषय में परिवारों को उचित सलाह दें ताकि गलत इस्तेमाल रोका जा सके.
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्वास्थ्य संस्थानों से बेहतर निगरानी और समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को कहा गया. IDSP-IHIP प्लेटफॉर्म के सामुदायिक रिपोर्टिंग टूल का व्यापक प्रसार करने और पड़ोसी राज्यों के बीच समन्वय मजबूत करने के निर्देश दिए गए ताकि संदेहास्पद मामलों की शीघ्र जानकारी और संयुक्त कार्रवाई संभव हो सके.
केंद्र और राज्य संयुक्त रूप से औषधि निर्माण इकाइयों की करेंगे गहन जांच
बैठक में केंद्र सरकार ने दोहराया कि दवा सुरक्षा, गुणवत्ता नियंत्रण और जनस्वास्थ्य की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. आने वाले समय में राज्य और केंद्र मिलकर औषधि निर्माण इकाइयों की गहन जांच करेंगे और पालन नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
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