Uniform Civil Code in India: अगस्त में लागू होगा UCC? बीजेपी सांसद का बड़ा दावा, कहा- विपक्ष कुछ भी कहता रहे लेकिन...
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है- देश के हर नागरिक के लिए एक जैसा कानून. चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो. अगर समान आचार सहिंता लागू होता है तो हिंदू-मुस्लिम-ईसाई-सिख सभी के लिए एक समान कानून होगा.
Uniform Civil Code: देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा गर्म है. इस बीच समान आचार सहिंता पर बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने एबीपी के साथ एक्सक्लुजिव बातचीत में बड़ा दावा किया है. रमेश बिधूड़ी ने कहा, अगस्त हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है और उम्मीद करी जा सकती है कि इस बार अगस्त में कुछ बड़ा होने वाला है.
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने आगे कहा, संसदीय समिति ने लॉ कमीशन को बुलाया है. उनसे जानकारी ली जाएगी और उसके आधार पर आगे बढ़ा जाएगा. विपक्ष कुछ भी कहता रहे लेकिन यूसीसी का मुद्दा 2014 और 2019 के मेनिफेस्टो में मौजूद था और देश की जनता ने दो तिहाई बहुमत देकर उस पर मोहर पहले ही लगा दी.
मानसून सत्र में पेश होगा UCC?
सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रस्ताव पेश कर सकती है. जानकारी के मुताबिक, नए संसद भवन में मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू हो सकता है और 10 अगस्त तक चलने की संभावना है. संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक जुलाई महीने की शुरुआत में हो सकती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीसीपीए की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
उत्तराखंड में ड्राफ्ट तैयार
उधर उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बनी कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. समिति ने कहा, हम लोगों ने ड्राफ्ट बना लिया है. बहुत जल्द सरकार को सौंप देंगे. देश के कायदे कानून का हम लोगों ने अघ्ययन किया है.
इस ड्राफ्ट को तैयार करते वक्त विशेषज्ञ समिति ने इस मसले में संपर्क अभियान के दौरान सीमांत गांव माना से लेकर दिल्ली में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंड के निवासियों से भी इस मुद्दे पर विचार किया.
समिति ने आगे कहा, 2 लाख 31 हजार लोगों ने इस मामले पर हमें लिखित सुझाव दिए और 20,000 लोगों से व्यक्तिगत रूप उपस्थित हो कर अपने सलाह दिए. हमें इस दौरान सपोर्ट भी मिला और कुछ विरोध भी दर्ज कराए गए. वैसे तमाम तथ्यों पर ध्यान दिया गया है जो देश की राष्ट्रीय एकता को मजबूत करेगा.
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