एक्सप्लोरर

हिमाचल प्रदेश: दुनिया की सबसे लंबी रोहतांग टनल बनकर तैयार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन

पूर्वी लद्दाख को पूरे देश से जोड़ने वाली सामरिक महत्व की रोहतांग टनल बनकर तैयार हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस टनल का उद्घाटन करने वाले हैं.

हिमाचल: एलएसी पर चीन से चल रही तनातनी के बीच देश के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर है. पूर्वी लद्दाख को पूरे देश से जोड़ने वाली सामरिक महत्व की रोहतांग टनल बनकर तैयार हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस टनल का उद्घाटन करने वाले हैं. हिमाचल प्रदेश के कुल्लु मनाली और लाहौल-स्पिति जिले में बनी 9 किलोमीटर लंबी इस सुरंग का काम पिछले 10 सालों से चल रहा था. उद्घाटन से पहले एबीपी न्यूज की टीम पहुंची दुनिया की इस सबसे लंबी हाईवे टनल पर जो दस हजार फीट से भी ज्यादा उंचाई पर बनाई गई है.

रोहतांग टनल के उद्घाटन से पहले ही इस सुरंग का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर 'अटल टनल' दिया गया है. क्योंकि वर्ष 2002 मे अटल बिहारी वाजपेयी ने ही इस टनल के काम का शुभारंभ किया था. लेकिन टनल का असल काम शुरू हुआ 2010 में. इस टनल के बनने से हिमाचल प्रदेश का लाहौल-स्पिति इलाका और पूरा लद्दाख अब देश के बाकी हिस्सों से 12 महीने जुड़ा रहेगा. क्योंकि रोहतांग-पास‌ (दर्रो) सर्दियों के मौसम में भारी बर्फबारी के कारण बंद हो जाता था, जिससे लाहौल-स्पिति के जरिए लद्दाख जाने वाला हाईवे छह महीने के लिए बंद हो जाता था. लेकिन अब अटल टनल बनने से इससे समस्या से निजात मिल जाएगी.

अटल टनल बनने से सेना की पूर्वी लद्दाख को जाने वाली सप्लाई लाइन भी अब 12 महीने खुली रहेगी. क्योंकि पूर्वी लद्दाख पहुंचने के लिए एक ये एक अलग एक्सेस है. दूसरा एक्सेस जो श्रीनगर के जरिए जोजिला पास से आता है वो भी भारी बर्फबारी के जरिए सर्दियों में बंद हो जाता है.

इंजीनियरिंग-मार्वल

हिमाचल प्रदेश की पीर-पंजाल पर्वत श्रृंखला में करीब 9 किलोमीटर लंबी अटल-टनल इंजीनियरिंग-मार्वल है जिसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानि बीआरओ ने तैयार किया है. बीआरओ को देश की सरहद पर सड़क, ब्रिज और टनल बनाने में महारत हासिल है. लेकिन इस टनल बनाने में बीआरओ के पसीने छूट गए. क्योंकि पीर पंजाल की ये रेंज हार्ड-रॉक यानि पत्थर को काटकर इस टनल को बनाना आसान काम नहीं था.

बीआरओ के एग्जीक्युटिव इंजीनियर, लालमणि सिंह ने एबीपी न्यूज को बताया कि टनल की शुरूआत दो तरफ के निर्माण-कार्य से हई थी--लाहौल स्पिती की तरफ से नार्थ पोर्टल और कुल्लु मनाली की तरफ से साऊथ पोर्टल. लेकिन जब दोनों तरफ से टनल का काम बीच में पहुंचा तो करीब 600 मीटर के स्ट्रेच से लगातार पानी और कीचड़ आने लगा. लालमणि सिंह के मुताबिक, टनल के ठीक ऊपर एक सिरा-नाला है. इस वॉटर फॉल का पानी लगातार सुरंग के अंदर आने लगा. इससे टनल के भीतर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई.

लेकिन बीआरओ ने अपने आदर्श-वाक्य, श्रमेम सर्वम साध्यम' यानि कड़ी मेहनत से असंभव कार्य भी पूरा हो सकता है. बीआरओ के इंजीनियर्स और प्राईवेट कांट्रेक्टर्स ने दिन-रात कड़ी मेहनत और अपनी तकनीक से इस टनल को पूरा कर लिया. लेकिन इस 600 मीटर के स्ट्रेच को पूरा करने के लिए पूरे चार साल लग गए. यानि प्रोजेक्ट पूरे चार साल देर हो गया, क्योंकि प्रोजेक्ट को छह साल में पूरा होना था.

सामरिक महत्व

अटल टनल भारत के लिए एक रिकॉर्ड से ज्यादा सामरिक महत्व रखती है. बीआरओ को 3488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा पर कुल 73 सामरिक महत्व की सड़क और टनल बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. पिछले कुछ सालों में बीआरओ ने 61 सड़कें और टनल बनाकर तैयार कर ली हैं.

दरअसल, इस वक्त पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल यानि एलएसी पर भारत और चीन के बीच पिछले चार महीने से तनातनी चल रही है. लेकिन सर्दियों के मौसम में लद्दाख की कनेक्टिवेटी देश के अन्य इलाकों से कट जाता है. (पूर्वी) लद्दाख तक पहुंचने के लिए दो एक्सेस (हाईवे) हैं. पहला 'एनएच-वन ए' जो श्रीनगर से सोनमर्ग और जोजिला-पास (दर्रा) के जरिए करगिल होते हुए लेह पहुंचता है.

दूसरा है हाईवे नंबर-3 जो कुल्लु मनाली से रोहतांग-पास होते हुए सरचू, उपसी और कारू के जरिए लेह जाता है. लेकिन सर्दियों में भारी बर्फबारी से दोनों ही हाईवे चार-छह महीने के लिए बंद हो जाते हैं. बीआरओ के चीफ इंजीनियर, के पी पुरूषोत्तमन ने एबीपी न्यूज को बताया कि रोहतांग टनल बनने से लद्दाख के लिए सप्लाई लाइन सर्दियों में भी बंद नहीं होगी. यानि सेना की मूवमेंट सर्दियों में भी जारी रहेगी. साथ ही ये टनल इतनी बड़ी है कि इसमें टैंक, तोप और दूसरी हेवी मशीनरी भी पार हो सकती है.

एबीपी न्यूज ने खुद कुल्लु मनाली से पुराने रोहतांग दर्रे के लिए जाने वाली सड़क का रिएलटी-चैक किया तो पाया कि ये बेहद ही संकर रास्ता है. यहां ‌से बामुश्किल ही ट्रक और टैंकर निकल पाते हैं. लेकिन रोहतांग (अटल) टनल की चौड़ाई पूरे साढ़े दस मीटर है. ऐसे में सेना की गाड़ियां यहां से आसानी से निकल सकती है.

अटल टनल की खासयित ये है कि इसकी सिंगल ट्यूब और डबल लेन से गाड़ियां 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगी. जबकि पुराने रोहतांग-दर्रे से गाड़ियां रेंग रेंग कर चलती हैं. साथ ही कुल्लु-मनाली और लाहौल स्पिति (और लेह लद्दाख) की दूरी पूरे 46 किलोमीटर कम हो गई है, जो पहाड़ी रास्तों के हिसाब से तीन-चार घंटे बचा सकती है. मिलिट्री-परलेंस में ये काफी महत्व रखता है.

एवलांच प्रोटेक्शन

पीर पंजाल रेंज की इस श्रृंखला में सर्दियों के मौसम में काफी एवलांच यानि बर्फीले तूफान आते हैं. इसके लिए बीआरओ ने कुल्लु मनाली से रोहतांग टनल कए बीच खास एवलांच एंड मेट्रोलोजिकल-प्रोन छोटी छोटी सुरंग बनाई हैं ताकि वे एवलांच का भार सह सकें और आवाजाही पर कोई प्रभाव ना पड़े.

टनल के अंदर टनल (एस्केप टनल)

दुनिया की इस सबसे लंबी हाईवे-टनल में सेफ्टी एंड सिक्योरिटी पर खासा ध्यान दिया गया है. ये दुनिया की तीसरी और देश की पहली ऐसी सुरंग है जिसमें टनल के अंदर टनल है. इस टनल में मुख्य सुरंग के ठीक नीचे एक 'एस्केप-टनल' है जो ठीक उतनी ही लंबी है जितनी मुख्य टनल है. किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में यहां से गुजरने वाले लोग इस एस्केप टनल में दाखिल हो सकते हैं और सुरक्षित बाहर आ सकते हैं.

मुख्य टनल के हर पांच सौ मीटर पर इस एस्केप टनल में दाखिल होने के लिए एंट्री पॉइन्ट दिए गए हैं. एबीपी न्यूज ने खुद इस एस्केप टनल में दाखिल होकर सुरक्षा का जायजा लिया. बीआरओ के लेफ्टिनेंट कर्नल, विनोद शर्मा खुद इस दौरान एबीपी न्यूज की टीम के साथ थे और बताया कि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में लोगों में भगदड़ मच जाती है क्योंकि उन्हें ये नहीं पता होता कि करना क्या है. इसीलिए मुख्य टनल को हर 50 मीटर पर साइन बोर्ड लगे हैअ जिसपर साफ तौर से लिखा है कि अगला एस्केप-टनल आपसे कितनी दूरी पर है.

सेफ्टी एंड सिक्योरिटी

सीसीटीवी, लाउडस्पीकर और इमरजेंसी फोन

टनल के हर 150 मीटर पर सीसीटीवी और लाउडस्पीकर लगे हैं. टनल के नार्थ-पोर्टल पर एक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बनाया गया है जहां से पूरी टनल को मोनिटर किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर लाउडस्पीकर पर एनाउंसमेंट के जरिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा सकते हैं.  साथ ही हर 160 मीटर पर एक इमरजेंसी फोन लगाया गया है ताकि कंट्रोल सेंटर से संपर्क किया जा सके.

फॉर-जी कनेक्टिवेटी

उद्घाटन के बाद से ही टनल के अंदर मोबाइल यूजर्स को फॉर-जी कनेक्टिवेटी मिल सकेगी. इसके लिए बीएसएनएल के साथ बीआरओ ने खास इंतजाम किए हैं.

रोहतांग टनल एफएम

बीआरओ ने खुद टनल के लिए अपना एफएम रेडियो स्टेशन बनाया है ताकि जब भी जरूरत हो टनल से गुजरने वाली गाड़ियों के एफएम रेडियो पर अपना संदेश प्रसारित कर सकें.

फायर-हाड्रेंट

टनल को अंदर किसी गाड़ी में आग लग जाती है या किसी और कारण से आग लग जाती है उसके लिए फायर-एक्सटिंयुगर के पूरे इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए पूरी टनल में फायर-एक्सटिंयुगर पाइप औप कनेक्शन लगे है जिनसे पानी की बौछार की जा सकती है.

ऑक्सीजल लेवल

हर एक किलोमीटर पर एयर कंट्रोल मोनिटर लगे हैं. जैसी ही ऑक्सीजन लेवल कम होगा, हर 50 मीटर पर बने वेंटीलेटर खुद बे खुद खुल जाएंगे और बाहरी की ताजा हवा अंगर आ सकेगी.

उद्घाटन

सूत्रों की मानें तो पीएम नरेंद्र मोदी को पहले इस महीने के आखिर तक अटल टनल का उद्घाटन करना था. लेकिन अब ये माना जा रहा है कि अक्टूबर के पहले हफ्ते में उद्घाटन हो सकता है. टनल के भीतर जगह जगह पीएम मोदी के स्वागत के लिए फ्लोरेसेंट साइन-बोर्ड लगे हैं. तबतक टनल के अंदर आवाजाही बंद रहेगी और सामान्य ट्रैफिक पुराने रोहतांग दर्रे से ही गुजरेगा.

यह भी पढ़ें.

राज्यसभा में सांसदों के व्यवहार से सभापति खफा, संजय सिंह- डेरेक ओ ब्रायन समेत आठ सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड

नीरज राजपूत वॉर, डिफेंस और सिक्योरिटी से जुड़े मामले देखते हैं. पिछले 20 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं और प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया का अनुभव है. एबीपी न्यूज के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अनकट के 'फाइनल-असॉल्ट' कार्यक्रम के प्रेजेंटर भी हैं.
Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

वंदे मातरम् पर संसद में बोल रहे थे रक्षामंत्री, किसी ने बीच में टोका तो भड़क गए राजनाथ, देखें Video
वंदे मातरम् पर संसद में बोल रहे थे रक्षामंत्री, किसी ने बीच में टोका तो भड़क गए राजनाथ, Video
आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन! कहा- '22 विधायक CM फडणवीस के...'
आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन, 22 विधायकों को लेकर कही ये बड़ी बात
'ऐसा एक्शन होगा, जो भविष्य के लिए नज़ीर बनेगा', इंडिगो संकट पर संसद में नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू की दो टूक
'ऐसा एक्शन होगा, जो भविष्य के लिए नज़ीर बनेगा', इंडिगो संकट पर संसद में राम मोहन नायडू की दो टूक
IND vs SA 1st T20I: 'वो डिजर्व करते हैं...', ओपनिंग पोजीशन को लेकर सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान, प्लेइंग 11 पर दिया बड़ा हिंट
'वो डिजर्व करते हैं...', ओपनिंग पोजीशन को लेकर सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान, प्लेइंग 11 पर दिया बड़ा हिंट

वीडियोज

Khabar Filmy Hain: Dharmendra को याद कर क्यो रोए सलमान
Saas Bahu Aur Saazish: मंगल- कुसुम जा रहें है जोर्जिया
IT Refund Delay का असली कारण! हजारों Taxpayers के Refund क्यों रुके हैं? |Paisa Live
Amritsar पहुंचीं Cm Rekha Gupta,  दरबार साहिब जाकर टेका  माथा | Breaking | ABP News
Kiyosaki का बड़ा दावा: BRICS ने बनाई Gold Currency! असली सच्चाई क्या है ? Paisa Live

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
वंदे मातरम् पर संसद में बोल रहे थे रक्षामंत्री, किसी ने बीच में टोका तो भड़क गए राजनाथ, देखें Video
वंदे मातरम् पर संसद में बोल रहे थे रक्षामंत्री, किसी ने बीच में टोका तो भड़क गए राजनाथ, Video
आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन! कहा- '22 विधायक CM फडणवीस के...'
आदित्य ठाकरे के दावे ने बढ़ाई शिंदे गुट की टेंशन, 22 विधायकों को लेकर कही ये बड़ी बात
'ऐसा एक्शन होगा, जो भविष्य के लिए नज़ीर बनेगा', इंडिगो संकट पर संसद में नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू की दो टूक
'ऐसा एक्शन होगा, जो भविष्य के लिए नज़ीर बनेगा', इंडिगो संकट पर संसद में राम मोहन नायडू की दो टूक
IND vs SA 1st T20I: 'वो डिजर्व करते हैं...', ओपनिंग पोजीशन को लेकर सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान, प्लेइंग 11 पर दिया बड़ा हिंट
'वो डिजर्व करते हैं...', ओपनिंग पोजीशन को लेकर सूर्यकुमार यादव का बड़ा बयान, प्लेइंग 11 पर दिया बड़ा हिंट
वायरल हुआ 'रहमान डकैत' का FA9LA , इसके आगे 'अबरार' का स्वैग रह गया फीका?
वायरल हुआ 'रहमान डकैत' का FA9LA , इसके आगे 'अबरार' का स्वैग रह गया फीका?
पायलट बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करना होता है, जानिए नौकरी लगते ही कितना मिलता है पैसा?
पायलट बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करना होता है, जानिए नौकरी लगते ही कितना मिलता है पैसा?
Jaggery Side Effects: सर्दियों में क्या आप भी फायदेमंद समझ भर-भरकर खाते हैं गुड़, ज्यादा गुड़ खाने से क्या होती हैं दिक्कतें?
सर्दियों में क्या आप भी फायदेमंद समझ भर-भरकर खाते हैं गुड़, ज्यादा गुड़ खाने से क्या होती हैं दिक्कतें?
पहली बार मां बनने वालों को सरकार देती है इतने हजार, योजना में ऐसे कर सकते हैं आवेदन
पहली बार मां बनने वालों को सरकार देती है इतने हजार, योजना में ऐसे कर सकते हैं आवेदन
Embed widget