हैदराबाद का रहने वाला है साजिद अकरम, 27 साल पहले गया था ऑस्ट्रेलिया, सिडनी शूटिंग पर तेलंगाना पुलिस का खुलासा
Australia Mass Shooting: तेलंगाना पुलिस ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि साजिद अकरम और उसके बेटे के कट्टरपंथी बनने के कारणों का भारत या तेलंगाना से कोई संबंध नहीं है.

ऑस्ट्रेलिया में 14 दिसंबर को सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी लोगों पर हमला करने वाला आतंकी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. तेलंगाना पुलिस ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच पर हुई गोलीबारी का संदिग्ध साजिद अकरम मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है. वह 27 साल पहले ऑस्ट्रेलिया चला गया था, हैदराबाद में रह रहे परिवार से उसका सीमित संपर्क था.
रोजगार की तलाश में गया था ऑस्ट्रेलिया
डीजीपी कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, साजिद और उसके बेटा नवीद अकरम के कट्टरपंथी बनने के पीछे के कारकों का भारत या तेलंगाना में किसी स्थानीय प्रभाव से कोई संबंध नहीं प्रतीत होता है. बयान में कहा गया है कि साजिद ने हैदराबाद से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की और फिर रोजगार की तलाश में नवंबर 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया.
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एंटी-सेमेटिक मास शूटिंग ने पूरी दुनिया को थर्रा दिया है. उत्सव मनाने के लिए जुटे यहूदियों पर बंदूकधारी बाप-बेटे ने ताबड़तोड़ गोलियां दागीं. बंदूकधारियों ने 10 साल की बच्ची से लेकर 82 साल के बुजुर्ग तक को नहीं छोड़ा. इस सामूहिक हत्या ने ऑस्ट्रेलिया को तस्मानिया के पोर्ट आर्थर नरसंहार की याद दिला दी है और अल्बनीज सरकार गन कानून सुधार को लेकर तत्पर है.
ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़े गन कानून सुधार की तैयारी
द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार, सोमवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद जारी एक बयान में, प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज, राज्य के प्रीमियर और मुख्यमंत्रियों ने कहा, 'नेशनल कैबिनेट ने यहूदी-विरोधी भावना, नफरत, हिंसा और आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लिया और आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने, सामाजिक एकता, संसाधन और बयानबाजी पर राष्ट्रीय समन्वय के प्रति ऑस्ट्रेलिया की प्रतिबद्धता पर जोर दिया ताकि समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.'
सिडनी के सांसद जॉली स्टेगल ने नेशनल कैबिनेट की तरफ से नेशनल गन कानूनों को मजबूत करने की योजनाओं का स्वागत किया.उन्होंने बीच पर हुई गोलीबारी को हिंसा का एक घिनौना काम बताया. उन्होंने कहा, 'आज ऑस्ट्रेलिया में 40 लाख से ज्यादा कानूनी तौर पर लाइसेंसी बंदूकें हैं, जो 1996 के पोर्ट आर्थर नरसंहार से पहले से भी ज्यादा है.'
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Source: IOCL






















