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‘तनिष्क’ ने विवादित विज्ञापन पर कहा- इसका उद्देश्य कठिन समय में एकता का जश्न मनाने का संदेश देने का था, लेकिन...
यह विज्ञापन कंपनी ने पिछले सप्ताह जारी किया था, तभी से सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस छिड़ गई. आखिरकार कंपनी को विज्ञापन वापस लेना पड़ा.
![‘तनिष्क’ ने विवादित विज्ञापन पर कहा- इसका उद्देश्य कठिन समय में एकता का जश्न मनाने का संदेश देने का था, लेकिन... Tanishq withdrew his controversial ad, know what was in this ad, which became the reason for the controversy. ‘तनिष्क’ ने विवादित विज्ञापन पर कहा- इसका उद्देश्य कठिन समय में एकता का जश्न मनाने का संदेश देने का था, लेकिन...](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2016/10/26201922/tanishq-main.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: जूलरी ब्रांड ‘तनिष्क’ ने अपने विज्ञापन पर विवाद होने के बाद मंगलवार को उसे वापस लेने का ऐलान कर दिया. इस विज्ञापन में दो अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोगों के एक परिवार को दिखाया गया है. सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन को लेकर काफी बहस चली, जिसके बाद कंपनी ने बयान जारी कर विज्ञापन को वापस लेने का ऐलान कर दिया.
तनिष्क ने जारी बयान में कहा कि, “एकत्वम कैंपेन के पीछे विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का एक साथ आकर जश्न मनाने का आइडिया है. स्थानीय समुदाय और परिवार इस चुनौतीपूर्ण समय में एकता का जश्न मनाते हैं. इस फिल्म पर उद्देश्य के विपरीत गंभीर प्रतिक्रियाएं आईं हैं. हम अनजाने में लोगों की भावनाओं को हुए नुकसान के लिए दुख प्रकट करते हैं और अपने कर्माचारियों, पार्टनर्स और स्टोर स्टाफ की भलाई को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन को वापस लेते हैं.”
क्या है पूरा मामला?
तनिष्क ने अपने जूलरी कलेक्शन ‘एकत्वम’ को बढ़ावा देने के लिए पिछले सप्ताह यह विज्ञापन जारी किया था. तभी से इसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था. इस विज्ञापन को लेकर ट्विटर पर हैशटैग ‘बायकॉट तनिष्क’ ट्रेंड करने लगा था. 43 सेकंड के इस विज्ञापन में एक गर्भवती महिला को उसकी ‘गोद भराई’ की रस्म के लिए एक महिला द्वारा ले जाते हुए दिखाया गया था. बाद में लोगों को एहसास हुआ कि जो महिला उसे ले जा रही थी वह उसकी सास थी.
विज्ञापन में साड़ी और बिंदी लगाये जवान महिला अधिक आयु वाली महिला को मां कहकर संबोधित करती है, जिसने सलवार कुर्ता पहन रखा है और अपना सिर दुपट्टे से ढंक रखा है. जवान महिला सवाल करती है, ‘‘आप यह रस्म नहीं करतीं?’’ इस पर मां जवाब देती है, ‘‘पुत्रियों को खुश रखने की परंपरा हर घर में होती है.’’ विज्ञापन में संयुक्त परिवार को दिखाया गया है, जिसमें हिजाब पहने एक महिला, साड़ी पहनी महिलाएं और नमाजी टोपी पहने लोग दिखते हैं.
यूट्यूब पर वीडियो के बारे में लिखा है, ‘‘उसका विवाह एक ऐसे परिवार में हुआ है जो उसे अपने बच्चे की तरह प्यार करता है. केवल उसके लिए वे एक ऐसा रस्म करते हैं जो वे आमतौर पर नहीं करते. दो अलग अलग धर्मों, परंपराओं और संस्कृतियों और एक सुंदर संगम.’’
सोशल मीडिया पर आईं तीखी प्रतिक्रियाएं
विज्ञापन को लेकर बहस शुरू हो गई और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने और ब्रांड के बहिष्कार की मांग करते हुए ट्वीट किये जाने लगे. तनिष्क ने सबसे पहले यूट्यूब पर अपने विज्ञापन पर टिप्पणियों तथा ‘लाइक्स’ और ‘डिस्लाइक्स’ को बंद किया और मंगलवार को वीडियो पूरी तरह से वापस ले लिया.
शशि थरूर, अभिषेक मनु सिंघवी, स्वरा भास्कर, चेतन भगत, ऋचा चड्ढा ने विक्षापन को लेकर कही अपनी बात
विज्ञापन वापस लेने को लेकर ट्विटर पर एक नयी बहस शुरू हो गई. इसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर, लेखक चेतन भगत और अभिनेत्री स्वरा भास्कर शामिल हो गईं. थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘तो कट्टर हिंदुत्वादियों ने बहिष्कार का आह्वान किया है? हिंदू-मुस्लिम एकता को इस खूबसूरत विज्ञापन के जरिये सामने लाने के लिए तनिष्क ज्वेलरी के बहिष्कार करने का आह्वान किया है. अगर हिंदू-मुस्लिम "एकत्वम" उन्हें इतना परेशान करता है, तो वे दुनिया में हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक-भारत का बहिष्कार क्यों नहीं करते हैं.’’
थरूर के सहयोगी अभिषेक सिंघवी ने उनका साथ दिया. सिंघवी ने ट्वीट किया, ‘‘तनिष्क के विज्ञापन का बहिष्कार करने वालों को पुत्रवधु नहीं दिखती जो अपनी सास के साथ खुश है. आपने बहुत धारावाहिक और समाचार देखे हैं.’’
‘टू स्टेट्स’ के लेखक भगत ने कहा कि कंपनी को धौंस में नहीं आना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘टाटा समूह के तौर पर तनिष्क से उम्मीद थी कि वह निष्पक्ष और साहसी होगा. यदि आपने कुछ भी गलत नहीं किया है, यदि आपने हमारे देश के बारे में कुछ सुंदर दिखाया है, तो परेशान मत होइए. भारतीय बनो। मजबूत बनो.’’
अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी आलोचना की और ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘इतनी बड़ी कंपनी, इतनी कमजोर रीढ़.’’
अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने कहा, ‘‘टीबीएच, पेड ट्विटर ट्रेंड्स और गढ़े हुए आक्रोश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करना सिर्फ अदूरदर्शी है. विज्ञापन प्यारा था. इसके साथ खड़े होने से वे दूरदर्शी बनते.’’
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