SC कॉलेजियम ने गे वकील सौरभ कृपाल के नाम की फिर सिफारिश की, जानें क्या कुछ कहा?
Supreme Court Collegium Recommendation: सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने कहा कि सौरभ कृपाल के पास क्षमता, सत्यनिष्ठा और मेधा है.

Supreme Court Collegium: सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल (Saurabh Kirpal) की दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की सिफारिश को दोहराया है. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘इस पृष्ठभूमि में, कॉलेजियम ने दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सौरभ कृपाल की नियुक्ति के लिए 11 नवंबर, 2021 की अपनी सिफारिश को दोहराया है, जिस पर तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता है.’’
इसमें कहा गया, ‘‘13 अक्टूबर, 2017 को दिल्ली हाई कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा सर्वसम्मति से की गई सिफारिश और 11 नवंबर, 2021 को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की सिफारिश को पुनर्विचार के लिए 25 नवंबर, 2022 को हमारे पास वापस भेज दिया गया.’’
बयान में कहा गया कि सौरभ कृपाल के पास ‘‘क्षमता, सत्यनिष्ठा और मेधा’’ है और उनकी नियुक्ति से उच्च न्यायालय की पीठ में विविधता आएगी.
कौन हैं सौरभ कृपाल?
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश अगर केंद्र सरकार मान लेती है तो देश पहला समलैंगिक हाई कोर्ट जज मिल सकता है. सौरभ कृपाल सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बी एन कृपाल के बेटे हैं.
उन्होंने पूर्व एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी के चैंबर में बतौर जूनियर करियर की शुरुआत की थी. उनकी योग्यता पर मुहर लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के सभी 31 जजों ने सर्वसम्मति से उन्हें वरिष्ठ वकील का दर्जा दिया.
सौरभ कृपाल ने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से फिजिक्स में ऑनर्स किया है. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है. समलैंगिकता को अपराध ठहराने वाली आईपीसी की धारा 377 के खिलाफ कानूनी लड़ाई में भी वह सक्रिय रहे हैं.
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