Farmer Protest: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के किसानों से पूछी उनकी मांगें, डल्लेवाल की स्वास्थ्य सुरक्षा का आदेश
SC Hearing On Farmer Protest: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (18 दिसंबर, 2024) को पंजाब के किसानों की मांगों पर जवाब मांगा और आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल की तुरंत मेडिकल सहायता का आदेश दिया.

SC Hearing On Dallewal Health: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को तुरंत मेडिकल सहायता देने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि 20 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता का जीवन अनमोल है. इसे बचाने के लिए राज्य सरकार ज़रूरी कदम उठाए. उनके साथी किसान भी मेडिकल सहायता का विरोध न करें, न ही डल्लेवाल पर ऐसा करने का दबाव बनाएं. गुरुवार को दोपहर 2 बजे सुप्रीम कोर्ट दोबारा इस मामले को सुनेगा.
सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन के चलते बंद पंजाब और हरियाणा के बीच के शंभू और खनौरी बॉर्डर को खोलने को लेकर सुनवाई चल रही है. खनौरी बॉर्डर पर ही संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं. 13 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने पंजाब सरकार से डल्लेवाल को मेडिकल सहायता देने कहा था. बुधवार को हुई सुनवाई में पंजाब सरकार ने बताया कि उन्होंने इससे मना कर दिया है.
'नेता का जीवित रहना महत्वपूर्ण'
पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि डल्लेवाल का स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा है. डॉक्टरों ने उन्हें हॉस्पिटल में दाखिल करने की ज़रूरत बताई है, लेकिन वह इलाज से इनकार कर रहे हैं. उनके साथी भी अनशन जारी रखने पर ज़ोर दे रहे हैं. इस पर जस्टिस सूर्य कांत ने कहा, "उनके साथियों को समझना चाहिए कि उनके नेता का जीवित रहना महत्वपूर्ण है. जहां तक इलाज के लिए खुद डल्लेवाल के तैयार न होने का सवाल है, तो हर रोज़ हस्पतालों में मरीज किसी इलाज को न करवाने की ज़िद करते हैं. लेकिन इसे न मानकर डॉक्टर वह सब करते हैं, जो जीवन रक्षा के लिए ज़रूरी है."
MSP को लेकर आंदोलन कर रहे किसान संगठन
पंजाब के किसान संगठन लंबे समय से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी समेत दूसरी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इसके चलते शंभु और खनौरी बॉर्डर समेत कई रास्ते बंद हैं. 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस नवाब सिंह के नेतृत्व में 5 सदस्यीय हाई पावर्ड कमेटी बनाई थी. कमेटी को एमएसपी और दूसरे मुद्दों पर किसानों से बात करने को कहा गया था.
पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि किसान नेताओं ने कमेटी से बात करने से मना कर दिया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट अगर सीधे उनकी बात सुने तो कुछ समाधान निकल सकता है. इस पर बेंच ने कहा कि उसके दरवाजे सबके लिए खुले हैं. किसान अपनी मांगों को लिखित रूप में उसके सामने रखें. कोर्ट उन पर विचार करते हुए केंद्र सरकार से चर्चा करेगा.
Source: IOCL























