S Jaishankar on Khalistan: 'खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई हो', जानिए कैसे जयशंकर ने एक बयान से 4 देशों को घेरा
Khalistani Attacks on Indian Embassies: विदेशों में बसे खालिस्तानी समूह अक्सर ही भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाते रहते हैं. भारत पहले भी इनके खिलाफ एक्शन की मांग कर चुका है.
Khalistan Attacks: अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में खालिस्तानी गतिविधियां बढ़ गई हैं. हाल के दिनों में भारतीय दूतावासों को खालिस्तानी चरमपंथियों ने निशाना बनाया है. कुछ दूतावासों में आगजनी का भी प्रयास किया गया. अपने दूतावासों पर हुए हमलों की भारत ने कड़ी निंदा की है और सख्त एक्शन की मांग की. वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से दूतावास हमलों को लेकर खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग दोहराई है.
एस जयशंकर ने सोमवार (26 फरवरी) को कहा कि भारत को इस बात की उम्मीद है कि विदेशी अधिकारी भारतीय मिशन या दूतावासों को टारगेट कर विरोध प्रदर्शन या आगजनी जैसी गतिविधियों में शामिल खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि दूतावास पर खालिस्तानियों के जरिए स्मॉक बॉम्ब फेंका जाना या फिर किसी देश के खिलाफ अलगाववाद और हिंसा की वकालत करने को अभिव्यक्ति की आजादी कहकर माफ नहीं किया जा सकता है.
लंदन-सैन फ्रांसिस्को में खालिस्तानियों का टारगेट बने दूतावास
दरअसल, हाल के महीनों में भारत ने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका की सरकारों से उन खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जिन्होंने भारतीय मिशनों या दूतावासों को निशाना बनाकर हिंसक विरोध प्रदर्शन किए या आगजनी में शामिल रहे हैं. इसमें लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानियों का हिंसक विरोध प्रदर्शन शामिल था. इसके अलावा सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास को जलाने की कोशिश भी की गई.
खालिस्तानियों पर एक्शन नहीं लेना, सही मैसेज नहीं: विदेश मंत्री
एक मीडिया कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे जयशंकर ने कहा, 'अगर कोई देश हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावासों पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ जांच या कार्रवाई नहीं करता है, तो इसमें एक मैसेज छिपा हुआ है. मुझे नहीं लगता है कि इनमें से किसी भी देश की प्रतिष्ठा के लिए इस तरह मैसेज देना सही है.' उन्होंने बिना नाम लिए अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया को निशाने पर लिया. खालिस्तानियों पर कार्रवाई में सबसे सुस्त कनाडा और अमेरिका रहे हैं.
दूतावासों पर हमला करने वालों के खिलाफ एक्शन की उम्मीद: जयशंकर
उन्होंने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि सैन फ्रांसिस्को में हमारे वाणिज्य दूतावास पर हमले के दोषियों को सजा दी जाएगी. हम उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की उम्मीद करते हैं जिन्होंने लंदन में हमारे हाई कमीशन में हमला किया था. हमें उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है, जिन्होंने (कनाडा में) हमारे राजनयिकों को धमकी दी थी.' अभिव्यक्ति की आजादी पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि राजनयिकों को डराना बोलने की आजादी नहीं, बल्कि इसका दुरुपयोग है.
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