रामदास आठवले ने उठाई देश में जातीय आधार पर जनगणना की मांग, कहा- क्षत्रिय समाज को भी मिले आरक्षण
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने राज्यसभा में क्षत्रिय समाज के लिए आरक्षण की मांग की है. उनका कहना है कि देश में जिस तरह आर्थिक आधार पर कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण मिला है उसी प्रकार क्षत्रिय समाज को भी आरक्षण दें.
नई दिल्लीः राज्यसभा सांसद रामदास आठवले ने 2021 की जनगणना को लेकर एक विवादित मांग की है. उनका कहना है कि इस बार जातीय आधार पर जनगणना की जानी चाहिए जिससे कि कमजोर वर्ग की तरह ही क्षत्रीय समाज को भी अलग से आरक्षण दिया जा सके.
देश में किस जाति के कितने प्रतिशत लोग रहते हैं, यह पता लगाने के लिए देश में जातीय आधारित जनगणना होनी चाहिए. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह मांग उठाई. आठवले ने कहा है कि 2021 की जनगणना जातीय आधार पर होनी चाहिए.
क्षत्रिय समाज को मिले आरक्षणः अठावले
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के राष्टीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य रामदास आठवले ने राज्यसभा में कहा, "महाराष्ट्र में मराठा, हरियाणा में जाट, राजस्थान में राजपूत समाज, यूपी में ठाकुर समाज आरक्षण मांग रहा है. मेरा मानना है कि जिस तरह से आर्थिक आधार पर कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण मिला है, उसी तरह से अलग से क्षत्रिय समाज को भी आरक्षण देना चाहिए."
किसान के साथ प्रधानमंत्री मोदी
आठवले ने कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि जो नरेंद्र मोदी किसानों के कारण दो बार बहुमत से जीते है, वो किसानों के खिलाफ क्यों काम करेंगे? उन्होंने कहा, "कानून पर सभी को पॉजिटिव होना चाहिए. आंदोलन करने वाले किसानों का सम्मान है. लेकिन इतने दिनों तक आंदोलन करना ठीक नहीं है. किसान नेताओं को आंदोलन खत्म कर बातचीत से समाधान को तत्पर होना चाहिए."
इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए खुशखबरी, केजरीवाल सरकार ने सर्किल रेट में 20 फीसदी की छूट का किया फैसला
अधिकारी परिवार के गढ़ में कल टीएमसी के अभिषेक बनर्जी की रैली, जानें क्यों है अहम