एक्सप्लोरर

रामचरित मानस जिसका अनुवाद कई बार फारसी और उर्दू में हुआ, जानिए

रामचरित मानस को संस्कृत के अलावा फारसी और उर्दू में भी अनुवाद किया गया है. आज उन्हीं के बारे में जानते हैं.

Ramayanas in Urdu and Persian: भारत हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द का देश है. यह वह मुल्क है जहां लोग मजहब के नाम पर एकजुट होते हैं न कि उनमें मतभेद होता है. यह मुल्क़ अल्लामा इकबाल की उन पंक्तियों को चरितार्थ करने वाला मुल्क है जिसमें उन्होंने कहा है कि ''मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर  रखना''. भारत राम और रहीम का मुल्क है. यहां एक सिख मोहम्मद साहब के बारे में जान सकता है तो वहीं एक मुस्लिम भगवान राम के बारे लिख सकता है. एक हिन्दू गुरू गोविंद सिंह की वंदना कर सकता है. भारत सभी मजहबों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है.

गंगा जमुनी तहजीब ही है कि हिन्दुओं के सबसे बड़े धार्मिक ग्रंथों में एक 'रामचरितमानस' का कई मुसलमान शासकों ने उर्दू-फारसी में अनुवाद करवाया है. राम वो नाम है जो हिन्दी, संस्कृत और उर्दू का भी भेद मिटा देते हैं. आइए जानते हैं रामचरित मानस मानस का कब-कब तर्जुमा फारसी और उर्दू में हुआ है.

अकबर ने सबसे पहले रामचरित मानस का फारसी अनुवाद करवाया था

मुगल शासकों को कला और साहित्य में बेहद दिलचस्पी रही. अपने शासन काल में उन्होंने कई कलाकृतियों का निर्माण किया तो वहीं अकबर और दारा शिकोह जैसे साहित्य प्रेमी भी मुगल काल में ही हुए. हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथ जिसे महर्षि वाल्मीकि ने लिखा वह रामायण है. उन्होंने इसे संस्कृत भाषा में लिखा था. अकबर भारतीय साहित्य और संस्कृति का कायल था. उसने वाल्मिकी की संस्कृत में लिखी गई रामायण को पहली बार फारसी भाषा में अनुवाद करवाया था. 1584 में अकबर कगे आदेश के बाद मुल्ला अब्दुल बदायुनी ने पहली बार फारसी में रामायण का अनुवाद किया. इस काम को करने में बदायुनी को चार साल लगे. इसको लिखने के दौरान अब्दुल बदायुनी एक ब्राह्मण देबी मिश्र को नियुक्त किया था.

कहा जाता है कि भारतीय स्वतंत्रता के प्रथम युद्ध (सिपाही विद्रोह) के बाद हुई लूट में फारसी रामायण की पांडुलिपि खो गई, हालांकि अकबर ने इसकी प्रतियां बनाने की अनुमति अपने दरबारियों को दी थी. इस फारसी रामायण की कुछ प्रतियां अभी भी दुनिया के कुछ लाइब्रेरी में मौजूद है. सबसे अच्छी स्थिति वाली प्रति महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय, जयपुर में मौजूद है. इसके अलावा एक अन्य प्रति जो अकबर की अनुमति से अब्दुल-रहीम खान-ऐ-खाना के लिए तैयार की गई थी, को फ्रीर आर्ट गैलरी, वाशिंगटन में संरक्षित किया गया है.

इसके अलावा 1623 ईस्वी में फारसी के प्रसिद्ध कवि शेख साद मसीहा ने भी ‘दास्ताने राम व सीता’ शीर्षक से रामकथा लिखी थी. शाहजहां के शासनकाल के दौरान फ़ारसी में रामायण के दो अन्य अनुवाद मुल्ला शेख सादुल्लाह और गिरदास द्वारा किए गए थे. शेख सादुल्ला ने बनारस में 12 साल संस्कृत की पढ़ाई और फिर रामायण की रचना की थी.

इसके अलावा शाहजहां के बेटे दारा शिकोह ने भी रामायण का फारसी में खुद अनुवाद किया था. इसकी पांडुलिपि वर्तमान में जम्मू के एक व्यवसायी शाम लाल अंगारा के पास है. इस रामायण का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि यह "बिस्मिल्लाह-ए-रहमान अर-रहीम" से शुरू होता है.

आज रामायण को 23 से ज्यादा बार फारसी में लिखा गया है. इनमें से कुछ का मूल संस्कृत से अनुवाद किया गया है जबकि अन्य तुलसीदास की रामायण पर आधारित हैं.

उर्दू में रामायण

उर्दू में लिखी गई रामायण पर दो दशक से भी ज्यादा शोध करने वाले अली जव्वाद ज़ैदी के मुताबिक उर्दू में पहली रामायण कई सालों पहले उर्दू में जो पहली रामायण छंदबद्ध रूप में लिखी गई थी उसे जगन्नाथ खुशरा ने लिखा था. इसको अदभुत रामायण का नाम दिया था. वहीं रामचरित मानस को उर्दू में नवाब वाजिद अली शाह के ज़माने में पहली बार छापी गई थी. रामायण का छंदबद्ध उर्दू अनुवाद पहली बार फिराकी साहब ने किया था.

मौलवी बादशाह हुसैन राणा लखनवी का रामायण काफी मशहूर है

फारसी की तरह रामायण को उर्दू में भी कई बार तजुर्मा हुआ है. 1935 में मौलवी बादशाह हुसैन राणा लखनवी ने रामायण का उर्दू में अनुवाद किया. इन्होंने नौ पन्नों की रामायण लिखी. इनमें वनवास का खूबसूरत चित्र प्रस्तुत की गई है. रामायण के उर्दू अनुवाद का एक उदाहरण देखिए..

रंजो हसरत की घटा सीता के दिल पर छा गई गोया जूही की कली ओस से मुरझा गई.

इसके अलावा उर्दू में एक और राम कथा पर एक ग्रंथ रघुवंशी उर्दू रामायण वर्ष 1996 में प्रकाशित हुआ, जिसके लेखक श्री बाबू सिंह बाल्यान हैं. यह एक प्रकार का शोध ग्रंथ है, जिसमें सभी प्रकार की उपलब्ध रामकथाओं तथा उनके लेखकों का विवरण दिया गया है.

अरबी में भी मौजूद है रामायण

उर्दू-फारसी की तरह ही अरबी में भी इसका अनुवाद हुआ है. क़तर-दोहा में इस्लामी संग्रहालय में रामायण के सबसे उत्तम अरबी अनुवादों में से एक रखा गया है. हालांकि इसके लेखन का विवरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इसे श्रीलंका से प्राप्त किया गया था. यह पुस्तक भारत में मुगल काल के दौरान 16 वीं शताब्दी में प्रकाशित हुई थी. यह सुंदर चित्रण के साथ स्पष्ट अरबी लिपि में लिखा गया है. इंडोनेशिया में संग्रहालयों में अरबी में रामायण की कई किताबें हैं.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'36 घंटों में कम से कम 80 ड्रोन दागे', पाकिस्तान के डिप्टी PM का बड़ा कबूलनामा- ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुआ नूर खान एयरबेस
'36 घंटों में कम से कम 80 ड्रोन', इशाक डार का कबूलनामा- ऑपरेशन सिंदूर में नूर खान एयरबेस को नुकसान पहुंचा
यूपी: धर्मांतरण रोकने के लिए करें AI का करें इस्तेमाल, पुलिस को CM योगी के निर्देश
यूपी: धर्मांतरण रोकने के लिए करें AI का करें इस्तेमाल, पुलिस को CM योगी के निर्देश
थलापति विजय ने नम आंखों से दी एक्टिंग करियर को विदाई, बोले- 'मेरी आखिरी फिल्म दर्दनाक है'
थलापति विजय ने एक्टिंग करियर को कहा अलविदा, बोले- 'आखिरी फिल्म दर्दनाक है'
दिग्विजय सिंह के RSS वाले बयान पर दो गुटों में बंटी कांग्रेस! जानें शशि थरूर समेत किसने क्या कहा
दिग्विजय सिंह के RSS वाले बयान पर दो गुटों में बंटी कांग्रेस! जानें शशि थरूर समेत किसने क्या कहा

वीडियोज

Digvijaya Singh के पक्ष में JDU की एंट्री, Congress को दी सीख! | JDU | CWC Meeting | Bihar
Digvijay Singh Post: Congress-SP के बीच टेंशन की वजह बन सकती है ये... Anurag Bhadouria ने बता दिया!
'Digvijaya Singh के कारण...Anti हिंदू...' राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने खोला काला चिठ्ठा!
Digvijay Singh Post: दिग्विजय का बयान, कांग्रेस में गरमाया BJP-RSS मुद्दा? | Breaking | Rahul Gandhi
Digvijay Singh Post: दिग्विजय ने पुकारा, राहुल समझेंगे इशारा? | Breaking | Rahul Gandhi

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'36 घंटों में कम से कम 80 ड्रोन दागे', पाकिस्तान के डिप्टी PM का बड़ा कबूलनामा- ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुआ नूर खान एयरबेस
'36 घंटों में कम से कम 80 ड्रोन', इशाक डार का कबूलनामा- ऑपरेशन सिंदूर में नूर खान एयरबेस को नुकसान पहुंचा
यूपी: धर्मांतरण रोकने के लिए करें AI का करें इस्तेमाल, पुलिस को CM योगी के निर्देश
यूपी: धर्मांतरण रोकने के लिए करें AI का करें इस्तेमाल, पुलिस को CM योगी के निर्देश
थलापति विजय ने नम आंखों से दी एक्टिंग करियर को विदाई, बोले- 'मेरी आखिरी फिल्म दर्दनाक है'
थलापति विजय ने एक्टिंग करियर को कहा अलविदा, बोले- 'आखिरी फिल्म दर्दनाक है'
दिग्विजय सिंह के RSS वाले बयान पर दो गुटों में बंटी कांग्रेस! जानें शशि थरूर समेत किसने क्या कहा
दिग्विजय सिंह के RSS वाले बयान पर दो गुटों में बंटी कांग्रेस! जानें शशि थरूर समेत किसने क्या कहा
2026 होगा हॉलीवुड फिल्मों के फैंस के लिए बेहद खास, स्पाइडर-मैन भी आ रहा है और 'जुमांजी' भी
2026 होगा हॉलीवुड फिल्मों के फैंस के लिए बेहद खास, स्पाइडर-मैन भी आ रहा है और 'जुमांजी' भी
'यूपी में न ठाकुरवाद, न ब्राह्मणवाद', BJP के ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर केशव प्रसाद मौर्य की दो टूक
'यूपी में न ठाकुरवाद, न ब्राह्मणवाद', BJP के ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर केशव प्रसाद मौर्य की दो टूक
RSS की तारीफ पर दिग्विजय सिंह ने दी सफाई, जानें कांग्रेस की संगठनात्मक क्षमता के सवाल पर क्या कहा
RSS की तारीफ पर दिग्विजय सिंह ने दी सफाई, जानें कांग्रेस की संगठनात्मक क्षमता के सवाल पर क्या कहा
ताऊ तेरी छोरी की उम्र की हूं... बदतमीजी कर रहे काका को प्रांजल दहिया ने लताड़ा, वायरल हो गया वीडियो
ताऊ तेरी छोरी की उम्र की हूं... बदतमीजी कर रहे काका को प्रांजल दहिया ने लताड़ा, वायरल हो गया वीडियो
Embed widget