अयोध्या भूमि विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 10 जनवरी को 3 जजों की बेंच करेगी सुनवाई, तय करेगी आगे की तारीख औऱ रूपरेखा
Ram Mandir Case Live: राम मंदिर पर सरकार कानून लाए जाने से इनकार कर चुकी है. जबकि लोकसभा चुनाव से पहले हिंदूवादी नेता और संगठन कानून लाए जाने की मांग पर अड़े हैं. इस बीच आज सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के मसले पर सुनवाई होगी.

Ram Mandir: अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर अब 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि तीन जजों की पीठ अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई की तारीख 10 जनवरी को तय करेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संत समाज ने एक बार फिर देरी करने का आरोप लगाया है. 5 प्वाइंट्स में समझें आज क्या क्या हुआ-
- सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि उसके द्वारा गठित एक उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एस के कौल की पीठ (बेंच) ने कहा, ‘‘एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी.’’
- बेंच ही सुनवाई की रूपरेखा तय करेगी. बेंच में कौन-कौन जज होंगे अभी यह तय नहीं हुआ है. आज सुनवाई के लिए मामला सामने आते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि यह राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला है और इसपर आदेश पारित किया. अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला. मामले की सुनवाई 10 सेकेंड से भी कम चली.
- अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह जनवरी में इस मामले पर सुनवाई करेगा. आज दो जजों की बेंच सुनवाई के लिए बैठी. उसने कहा कि तीन जजों की बेंच 10 जनवरी को सुनवाई करेगी.
- अयोध्या का मामला पिछले आठ सालों से लंबित है. 30 सितंबर 2010 को इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आया था. हाईकोर्ट ने विवादित जगह पर मस्ज़िद से पहले हिन्दू मंदिर होने की बात मानी थी. लेकिन ज़मीन को रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बांटने का आदेश दे दिया था. इसके खिलाफ सभी पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.
- सरकार जल्द सुनवाई के पक्ष में है. केंद्रीय मंत्री कई बार कह चुके हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त करेगी कि वह जल्द से जल्द इसपर सुनवाई करे. आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राम मंदिर पर सुनवाई काफी अहम माना जा रहा है.
मामले में हो रही देरी को देखते हुए आरएसएस, शिवसेना, वीएचपी और संत समाज के एक वर्ग ने कानून लाने की मांग की है. हालांकि सरकार का कहना है कि हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का इंतजार करना चाहिए. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अध्यादेश की मांग को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था, "राम मंदिर पर हमारी सरकार अध्यादेश नहीं लाएगी. कानूनी प्रक्रिया के बाद ही राम मंदिर पर फैसला किया जाएगा. राम मंदिर को लेकर जब तक कानूनी प्रक्रिया चल रही है तब तक अध्यादेश लाने का विचार नहीं है."
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