Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस को झटका, विधायक गणेश घोघरा ने दिया इस्तीफा, बताई ये वजह
Rajasthan Political: विधायक गणेश घोघरा ने अपने इस्तीफ़े में खुद की पीड़ा भी ज़ाहिर की है. उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन लोगों की आवाज दबा रहा है.

Rajasthan Political: राजस्थान के आदिवासी ज़िले डूंगरपुर के कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. विधायक घोघरा राजस्थान यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी है. वैसे इस्तीफा देने वाले इस विधायक के खिलाफ एक दिन पहले ही एफआईआर भी दर्ज की गई थी. दरअसल सुरपुर पंचायत में प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत 17 मई को लगे शिविर में घोघरा और ग्रामीणों ने डूंगरपुर एसडीएम, तहसीलदार और कई अफसरों को पंचायत भवन के कमरे में बंद कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने विधायक घोघरा समेत 60 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस घटना के अगले ही दिन विधायक ने अपना इस्तीफ़ा सी एम अशोक गहलोत को भेज दिया.
विधायक गणेश घोघरा ने अपने इस्तीफ़े में खुद की पीड़ा भी ज़ाहिर की है. उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन लोगों की आवाज दबा रहा है. इस्तीफे को भेजने के बाद विधायक घोघरा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि डूंगरपुर ज़िला प्रशासन आदिवासी लोगों का हक मार रहा है. उन्होंने सीएम अशोक गहलोत से जिला कलेक्टर और पुलिस कप्तान समेत कई अफसरों को भी हटाने की मांग की. खास बात ये है अभी दो दिन पहले ही कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ने कहा था कि बीजेपी आदिवासियों का शोषण करती है और कांग्रेस आदिवासियों की हितैषी है.
राहुल गांधी के बयान को झूठा साबित किया
राहुल गांधी के बयान के बाद ही आज कांग्रेस विधायक ने इस्तीफा देते हुए कहा कि गहलोत सरकार में आदिवासियों को यहां के अधिकारी लूट रहे हैं. ये कांग्रेस के लिए बड़ी बात है क्योंकि उनके दावों को उनके ही आदिवासी नेता ने गलत साबित कर दिया. विधायक ने आगे बताया कि जब उन्होंने आदिवासियों की मदद के लिए उनके समर्थन में आवाज उठाई तो उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया. घोघरा ने बताया कि इसी वजह से उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. विधायक गणेश घोघरा ने आगे कहा, चाहे कितने मुकदमे दर्ज हो वे आदिवासियों को आवाज करते रहेंगे बुलंद.
इस्तीफा भेजकर सियासी दबाव बनाने की कोशिश
वहीं विधायक गणेश घोघरा के इस्तीफे में एक और तकनीकि गलती है उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेजने की बजाए सीएम अशोक गहलोत को भेज दिया है. हालांकि प्रतिलिपि जरूर विधानसभा अध्यक्ष को भेजी है. इस तरह के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को नियमों के मुताबिक स्वीकार नहीं करना चाहिए. जब तक इस्तीफा सीधे विधानसभा अध्यक्ष को न भेजा जाए और विधायक ने खुद उपस्थित होकर इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को नहीं सौंपा हो तब तक उसे स्वीकार नहीं किया जाता है. इसी आधार पर राजस्थान के एक अन्य कांग्रेसी विधायक हेमा राम चौधरी का इस्तीफ़ा कुछ महीने पहले विधानसभा अध्यक्ष अस्वीकार कर चुके है. ऐसे में घोघरा का ये इस्तीफ़ा सही मायनों के उनके ख़िलाफ़ दर्जएफआई आर का राजनीतिक दबाव का हथियार माना जा सकता है.
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Source: IOCL





















