राफेल विवाद: पीएमओ ने सौदे में कभी दखलअंदाजी नहीं की- एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा
एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने एबीपी न्यूज़ को बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालाय (पीएमओ) ने राफेल सौदे में कभी दखलअंदाजी नहीं की. उन्होंने कहा कि जिस पीएमओ अधिकारी का ज़िक्र हो रहा है उन्हें खुद फ्रांस के राष्ट्रपति के ऑफिस ने फोन किया था.

वॉशिंगटन: राफेल डील पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार के बीच नेगोशियसन टीम के प्रमुख रहे एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा ने एबीपी न्यूज़ को बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सौदे में कभी दखलअंदाजी नहीं की. उन्होंने कहा कि जिस पीएमओ अधिकारी का ज़िक्र हो रहा है उन्हें खुद फ्रांस के राष्ट्रपति के ऑफिस ने फोन किया था.
सिन्हा ने कहा, "ये फोन बैंक गारंटी को लेकर आया था क्योंकि भारतीय टीम चाहती थी कि बैंक गारंटी हो. लेकिन फ्रांस की सरकार का कहना था कि ये इंटर गवर्मेंटल एग्रीमेंट है, इसलिए बैंक गारंटी मांगकर हमारी तुलना किसी प्राइवेट कंपनी से मत करें. इसी वजह से फ्रांस की सरकार ने सौदे में बैंक गारंटी की जगह लेटर ऑफ कंफर्ट दिया."
राहुल ने लगाए हैं गंभीर आरोप एयर मार्शल सिन्हा ने भी इस बावत पीएमओ को लेटर लिखा था और जब पीएमओ के ज्वाइंट सेकेरेट्री ने जवाब देकर स्थिति स्पष्ट की तो नेगोशिएशन टीम संतुष्ट हो गई. आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर राफेल डील में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. उन्होंने नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनिल अंबानी को फायदे पहुंचाए.
राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ''ओलांद ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बोला था कि अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये का अनुबंध दिया जाए. अब रक्षा मंत्रालय कह रहा है कि प्रधानमंत्री ने समानांतर बात की और हमारी स्थिति कमजोर की. इस पर प्रधानमंत्री जवाब दें.'' हालांकि, सिन्हा ने जो बयान दिए हैं उनसे इन आरोपों का खंडन होता है.
उन्होंने कहा, ‘‘वायुसेना के मेरे पायलट मित्रों, आप लोग समझ लो कि ये 30 हजार करोड़ रुपये आपके लिए इस्तेमाल हो सकते थे. उन्होंने ये पैसे अनिल अंबानी को दे दिए. अब स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री ने इस देश से चोरी की है. मैं कड़े शब्द इस्तेमाल नहीं करता, लेकिन करने को विवश हो रहा हूं कि भारत के प्रधानमंत्री चोर हैं.’’राहुल ने कहा, ''फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने जो बात कही थी जिसमें उन्होंने दावा किया था कि 'अनिल अंबानी को टेंडर देने के लिए कहा था' वह सही निकला. रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टी की है.'' राहुल गांधी ने उल्टा चोर चौकीदार को डांटे वाले पीएम मोदी के बयान पर कहा कि क्या मोदी खुद को लेकर ऐसा कह रहे थे.
कांग्रेस अध्यक्ष ने अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अखबार ने रक्षा मंत्रालय की फाइल नोटिंग छापी है. अखबार का दावा है कि रक्षा मंत्रालय ने इसको लेकर आपत्ति जताई कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने राफेल विमान सौदे को लेकर फ्रांस के साथ समानांतर बातचीत की जिससे इस बातचीत में रक्षा मंत्रालय का पक्ष कमजोर हुआ.
अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' की आज की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राफेल डील के लिए रक्षा मंत्रालय फ्रांस सरकार से डील कर रहा था. लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दखल दिया जिससे फ्रांस को फायदा मिला. पीएमओ की दखल का रक्षा मंत्रालय ने विरोध किया था. उसके बावजूद फ्रांस से राफेल डील हुई. अब इसी रिपोर्ट के बहाने कांग्रेस डाफेल डील को लेकर सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है.
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राहुल गांधी ने कहा कि हम रॉबर्ट वाड्रा और पी चिदंबरम के मामले में भी जांच के लिए तैयार हैं लेकिन हम चाहते हैं कि राफेल डील की भी जांच हो. साथ ही उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल डील को लेकर झूठ बोला. राहुल गांधी ने कहा, ''मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से झूठ बोला, पूरे फैसले पर ही सवाल खड़ा हो गया है क्योंकि जिस कैग रिपोर्ट को पेश किया जाना था, वो कभी पेश ही नहीं हुई.''
प्रेस कांफ्रेंस से पहले राहुल गांधी ने अंग्रेजी और हिंदी में ट्वीट कर कहा कि ''हमारे देश के वीर सैनिक, आप हमारे रक्षक हैं. आप देश के लिए अपनी जान तक देने को हमेशा तैयार रहते हो. आप गर्व हो हमारे. आज सुबह 10:45 मेरी LIVE प्रेस वार्ता आप ज़रूर देखें.''
गुरुवार को प्रधानमंत्री ने राफेल डील पर विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन में सेना को निहत्था बनाकर रखा और वह नहीं चाहती कि देश की वायुसेना मजबूत हो. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस किसके फायदे के लिये राफेल सौदा रद्द कराना चाहती है?
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आप इतनी तैयारी करो कि 2023 में फिर से (उनकी संभावित सरकार के खिलाफ) अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़े. उन्होंने कहा कि हमारे पास समर्पण भाव है इसलिये दो सीटों से यहां तक पहुंच गए और अभिमान के कारण आप (कांग्रेस) 44 पर रह गए.
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